तहलका टुडे टीम
मेरठ-राष्ट्र प्रथम-राष्ट्र सर्वाेपरि कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात करने वाले,यूपीएससी परीक्षा में कामयाब होने वाले मुस्लिम बच्चो को बेहतरीन ट्रेनिग देने वाली संस्था ज़कात फाउंडेशन के एडवाइजर ग्लोबल पीस सेंटर ,जमीयत-ए- वलीउल्लाह के अध्यक्ष,अवैध धर्मांतरण मामले में
यूपी एटीएस ने मेरठ से किया मौलाना कलीम सिद्दीकी गिरफ्तार।AAP विधायक अमानतुल्लाह खान ने किया विरोध,ट्वीट कर कहा
मुसलमानों पर अत्याचार बढ़ रहा है,चुनाव जीतने के लिए बीजेपी कितना गिरेगी,मौलाना कलीम सिद्दीकी व उनके साथी तीन मौलानाओं और ड्राइवर को सुरक्षा एजेंसी ने पूछताछ के लिए बीती रात उठा लिया था, देर रात मौलाना के समर्थन में उलमाओं समेत मुस्लिम समुदाय के लोगों की लिसाड़ीगेट थाने में भीड़ लग गई और हंगामा किया था।
मालूम हो बजकात फाउंडेशन वहीं संस्था है, जो अब सिविल सर्विस के लिए संप्रदाय विशेष के लोगों को ट्रेनिंग देता है। पिछले साल फाउंडेशन के 27 छात्रों ने यूपीएससी एग्जाम उत्तीर्ण किया था।
शरिया एडवाइजरी काउंसिल में मौलाना कालिम का नाम यूपी क्षेत्र के लिए आता है। जो कई इस्लामिक संगठनों का संचालक है। इनकी माँग सरकारी नौकरियों में संप्रदाय विशेष के लोगों के आरक्षण की है।
मुजफ्फरनगर के फुलत गांव निवासी मौलाना कलीम सिद्दीकी (64 वर्ष) मंगलवार शाम सात बजे साथी मौलानाओं के साथ लिसाड़ीगेट के हूमायुंनगर में मस्जिद माशाउल्लाह के इमाम शारिक के आवास पर एक कार्यक्रम में आए थे। रात नौ बजे इशा की नमाज के बाद वह अपने साथियों के साथ गाड़ी से वापस फुलत के लिए रवाना हो गए। इस दौरान परिजनों ने उन्हें कॉल की, लेकिन मोबाइल बंद मिला। परिजनों ने जानकारी मेरठ में इमाम शारिक को दी। परिजनों और परिचितों ने तलाश शुरू की, लेकिन जानकारी नहीं मिली। इसके बाद लोगों की भीड़ लिसाड़ीगेट थाने पर जुट गई। देर रात तक हंगामा चलता रहा। हालांकि पुलिस ने उन्हें उठाने की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है।
शरीफ और क़ौम के लिए लड़ने वाले मौलाना कलीम सिद्दीकी की मकबूलियत से इनको संदिग्ध गतिविधि के इल्ज़ाम के चलते इस्लामिक विद्वान मौलाना कलीम सिद्दीकी सुरक्षा एजेंसी ने निशाने पर थे।
मौलाना के मेरठ आने की जानकारी एजेंसी को पहले से थी। यही वजह है कि एजेंसी ने वापसी के दौरान उन्हें पकड़ लिया। उनसे पूछताछ कर आज गिरफ्तारी का एलान किया।
फुलत के मौलाना कलीम सिद्दीकी का इस्लामिक विद्वानों में नाम है। वह फुलत के मदरसा जामिया इमाम वलीउल्लाह इस्लामिया के निदेशक भी हैं। सात सितंबर को मुंबई में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के द्वारा आयोजित राष्ट्र प्रथम और राष्ट्र सर्वोपरि कार्यक्रम में भी मौलाना कलीम शामिल हुए थे।
सूत्रों ने बताया कि शक के आधार पर एजेंसी उनकी तलाश में थी। वहीं मंगलवार रात सुरक्षा एजेंसियों ने लिसाड़ीगेट में डेरा डाला हुआ था। रात नौ बजे मौलाना अपने साथियों के साथ जैसे मेरठ से फुलत के लिए रवाना हुए थे, इसी दौरान उन्हें पकड़ लिया गया। जब तक चार मौलाना को हिरासत में लेने का हल्ला मचता कि सुरक्षा एजेंसियां उनको लेकर लखनऊ के लिए रवाना हो गए।
आखिर क्या हैं संदिग्ध गतिविधियां
मौलाना कलीम ने प्री मेडिकल टेस्ट में 57वीं रैंक हासिल की, लेकिन एमबीबीएस में प्रवेश नहीं लिया। देश-विदेश में धार्मिक कार्यक्रमों में उनको बुलाया जाता है। फुलत समेत कई जगह पर उनके नाम से मदरसे चलते हैं। सवाल है कि आखिर किन संदिग्ध गतिविधियों में उनकी भूमिका है। हालांकि अभी मेरठ में कोई भी पुलिस अधिकारी इस पर बोलने को तैयार नहीं है।
कारी शफीकुर्रहमान कासमी के बेटे कारी अफ्फान कासमी, मुफ्ती खालिद, मौलाना सिराजुद्दीन, कारी अनवार समेत कई उलेमा भी थाने पहुंचे। पुलिस ने सीसीटीवी कैमरे की फुटेज भी देखी। लोगों ने लापता हुए मौलानाओं को बरामद करने की मांग करते हुए थाने में तहरीर भी दी।