भारत लखनऊ की लिबा मेहदी की अक़ीदत की पेंटिंग को कर्बला नजफ़ के साथ मासुमाये क़ुम ,मशहद में इमाम रज़ा के रौज़े पर मिली जगह
दुनिया के बड़े देशों में से एक भारत की 140 करोड़ की आबादी के सबसे बड़े सूबे यूपी की राजधानी लखनऊ की बेटी लिबा मेहदी की पेंटिंग अब दुनिया भर के लोगो में चर्चा का विषय बन गयी है।इतवार का दिन था मशहद ईरान में इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम के रौज़े पर भारत के मशहूर एड़वोकेट सागर मेहदी अपनी बेटी की अक़ीदत से बनाई पेंटिंग का नज़राना पेश करने के लिए बेचैन थे साथ मे मौलाना बिलाल नक़वी और तहलका टुडे के एडिटर रिज़वान मुस्तफ़ा साथ मे थे,
एक यकीन और लब्बैक की आवाज़ पर इमाम के रौज़े पर अपने चाहने वाले कि अक़ीदत का इस्तेकबाल कैसे होता है ये मोजिज़ा मेरी खुद आंखों से गुज़र गया,
इसी जद्दो जेहद के दरमियान आयतुल्लाह सिस्तानी साहब के ईरान में वकील आयतुल्लाह मिस्बाह साहब के आफिस हम लोग पहुचे, वहाँ हिंदी उर्दू शोबे के इंचार्ज आग़ा जौहरी ने सभी का इस्तेकबाल किया,बातचीत के दौरान पता चला आयतुल्लाह साहब बाहर है,उनके छोटे भाई से मुलाक़ात हुई,दुनिया मे अमन शांति की दुआओ के बीच लिबा मेहदी की पेंटिंग की बात हुई,आग़ा जौहरी ने पेंटिंग की फ्रेम कराने का मशविरा दिया उसके बाद हरम में मुलाक़ात का वक़्त दिया हम लोग पहुच गए,मालूम हुआ वहा के अफसर जा चुके है,चार बजे मिलेंगे ,हम लोगो मे उदासी थी फिर ये फैसला हुआ पेंटिंग यही रखकर चार बजे आयेंगे, आपको ये भी बता दे पेंटिंग फ़्रेम करके आने में शीशा लगा होने से सेक्युरिटी ने कई बार रोका आखिर में सेक्युरिटी की सारी बंदिशो को तोड़कर ये पेंटिंग हरम पहुच चुकी थी,
इसी दौरान यहाँ आग़ा जौहरी पहुच गए,उन्होंने रबाबे कौसर के हेड आगये नदीरी,से बात की और हम लोगो का तार्रुफ़ कराया उन्होंने फौरन अपने इंटर नेशनल अफ़ेयर्स चीफ से बात की हम लोग तलब कर लिए गए,कई आलीशान हाल से गुजरते हुए हम सभी सभी लोग पहुचे इस्तेकबाल हुआ सोफे पर बैठाले गए ।
बगैर देर किए इस डिपार्टमेंट के मुखिया राइसे बक्शे बैनुल मिलल इमाम रज़ाअलैहिस्सलाम अल्हाज आग़ा सैयद ज़ुल्फ़िकारी नमूदार हुए जैसे लगा हम लोगो का पहले से इन्तिज़ार था गले मुसाफ़े के बाद लिबा मेहदी की पेंटिंग उनके वालिद सागर मेहदी एडवोकेट साहब ने पेश करते हुए बताया मैं अरबायीन में कर्बला बेटी लिबा मेंहदी को माँ रुफ़ी मेहदी और भाई माहिर मेहदी और मलक को लेकर गया था,मेरी बेटी साइंटिस्ट है बचपन से लेकर एमएससी बायो केमिस्ट्री तक 90% नंबर लाने का शरफ़ हासिल है।
इसी दौरान हम लोगो ने मशी में भी हिस्सा लिया उसके बाद वापसी में लिबा ने नजफ़ अशरफ,मस्जिद कूफ़ा, मस्जिदें सहला,रौज़ा इमाम हुसैन,रौज़ा हज़रत अब्बास,मासुमाये क़ुम और मौला इमाम रज़ा के रौज़े के लिए पेंटिंग बनाई मैं उन पेंटिंग को सभी रौज़ों के मुतावल्ली और ज़िम्मेदारो को देकर आज आपके पास पहुँचा,
आग़ा सैयद ज़ुल्फेकारी ने उनके खुलूस को सलाम करते हुए बेटी लिबा मेहदी और मादरे लिबा को सलाम पेश करते हुए इमाम के रौज़े पर इस्तकबाल करते हुए कहा इस जज़्बे को सलाम ये पेंटिंग इमाम के रौज़े पर मुक़द्दस जगह लगेंगी,
उन्होंने इमाम के रौज़े के फूल का लाकेट और ज़ेवर के सेटो के साथ कई तोहफा पेश करते हुए कहा हम ममनून है उस इमाम की चाहने वाली बेटी के जिसने इमाम की चाहत में हिन्द से तोहफा भेजा, उन्होंने कहा इस खादिमा से और ख़िदमत का मौका दिया जायेगा,
इस तोहफे और इस्तेकबाल से हम सभी ख़ुदा का शुक्र अदा कर रहे थे और बेटी लिबा मेहदी के लिए दुआओ का हाथ बुलंद किये हुए थे।
बहरहाल एक इमाम की चाहने वाली के जज़्बे को किस किस तरह इमाम के हरम में इस्तकबाल किया गया ,इससे ये महसूस हुआ हमारे जज़्बे और क़द्र का इन्तिज़ार होता है इमाम करते है।
लिबा मेहदी मिसाल है उन भारत की हक़ परस्त नेकी करके इंक़लाब लाने वाली बेटियों में जो आज के समाज मे एक पैग़ाम देकर ये बता देती है तुम कोशिश करो अच्छा करने की नेकी के साथ अल्लाह और इमाम की नज़र और कद्र हमेशा रहेंगी।
बेटी की पेंटिंग पर हुए रौज़ों और खासकर इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम के रौज़े पर अक़ीदत और मोहब्बत से सागर मेहदी साहब के खुशी से आंखों में आंसू थे,बेटी लिबा और वालिदा रुफ़ी मेहदी और बेटे माहिर को फ़ोन पर पूरी कहानी बता रहे थे फ़ोटो ग्राफ भेज रहे ,लब पर ख़ुदा का शुक्र था,सजदे में सर था,हरम इमामे रज़ा था,हम सभी के दिल मे एक हौसला था कि भारत की इस बेटी का तोहफा इमाम ने कुबूल करके हिंदुस्तानी बेटियों को कुछ अच्छा नया कर पूरी दुनिया मे नाम रौशन करने का मौका दिया है।