तीसरा मोर्चा खड़ा करने की तैयारी में भाजपा

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नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने लोकसभा चुनाव के पूर्व देश के सभी राज्यों में तीसरे मोर्चे को खड़ा करने की रणनीति अख्तियार की हैं। विपक्षी दलों में फूट डालकर उन्हें कांग्रेस के साथ गठबंधन करने से रोकने और तीसरा मोर्चा खड़ा करके चुनाव के लिए भाजपा अध्यक्ष ने जो गोपनीय रणनीति बनाई है।

उसका धीरे-धीरे क्रियान्वयन होना शुरू हो गया है। छत्तीसगढ़ में मायावती ने अजीत जोगी की पार्टी के साथ गठबंधन किया है। मध्यप्रदेश में बसपा ने अभी तक कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं किया है। उत्तर प्रदेश में शिवपाल यादव को सपा से अलग करने के पीछे अमित शाह की रणनीति ही बताई जा रही हैं।

इसी तरह गुजरात में शंकर सिंह वाघेला को भी तीसरे मोर्चे के लिए सक्रिय कर दिया गया है। इसके लिए भारतीय जनता पार्टी विपक्षी पार्टियों को आर्थिक सहायता भी उपलब्ध करा रही है।

इसके साथ ही मायावती और अन्य नेता जो सरकार की जांच एजेंसियों के दायरे में है। उन पर दबाव बनाकर विपक्षी पार्टियों के महागठबंधन के स्थान पर तीसरे मोर्चे को खड़ा करने मैं अपनी पूरी ताकत भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष लगा रहे है।

राजनीतिक क्षेत्रों में यह भी कहा जा रहा है, कि हरियाणा में ओम प्रकाश चौटाला की पार्टी से अमित शाह के सूत्र लगातार संपर्क में है। इसी तरह एमआईएम के नेता असद्वुदीन ओवैसी पहले से ही भाजपा के संपर्क में है।

दक्षिण भारत के राज्यों में भी तीसरे मोर्चे में डीएमडीके पीएमके वीसीके इत्यादि पार्टियों को तीसरे मोर्चे में शामिल कराने के लिए पर्दे के पीछे से भारतीय जनता पार्टी मदद कर रही हैं।लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी किसी किस्म का कोई जोखिम नहीं लेना चाहती है।

क्षेत्रीय राजनीतिक दलों को धर्म और जाति पर आधारित राजनीतिक दलों को एकजुट करके तीसरे मोर्चे के रूप में उन्हें वोट कटवा पार्टी के रूप में, चुनाव मैदान में उतारने की रणनीति भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने पर्दे के पीछे से तैयार की है। इसमें वह सफल होते दिख रहे हैं।

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