नई दिल्ली : भारत ने रूस से साफ कहा है कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में उसकी भागीदारी किसी देश के खिलाफ नहीं है और वह इस क्षेत्र में शांति एवं स्थिरता चाहता है।
दरअसल हिंद प्रशांत क्षेत्र में भारत की भागीदारी का मुद्दा विदेश मंत्री सुषमा स्वराज तथा उनके रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव के बीच बातचीत में प्रमुखता से उठा था। अगले महीने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के दौरे से पहले रूस भारत से इस मुद्दे पर स्पष्ट रुख की अपेक्षा रख रहा था।
सरकारी सूत्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हिंद-प्रशांत के लिए ‘समग्रता के नजरिए’ को स्वीकारते हुए रूसी पक्ष ने महसूस किया कि ऐसे देश हो सकते हैं जो अपने हितों को पूरा करने के लिए हिंद-प्रशांत कॉन्सेप्ट में ‘हेरफेर’ करने का प्रयास कर रहे हों।
हालांकि स्वराज ने स्पष्ट रूप से लावरोव से कहा कि भारत ने हमेशा जिम्मेदारी से काम किया है और वह हिंद-प्रशांत क्षेत्र की शांति एवं स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए सभी को साथ लाने का प्रयास कर रहा है।
एक सरकारी सूत्र ने बताया,‘विदेश मंत्री ने स्पष्ट किया कि भारत की भागीदारी किसी देश के खिलाफ नहीं है।’ पुतिन अगले महीने भारत आनेवाले हैं और सालाना भारत-रूस समिट के दौरान हिंद-प्रशांत क्षेत्र के सुरक्षा हालात पर चर्चा हो सकती है।