ईरान में सेना की परेड के दौरान हुए हमले में कम से कम दर्जनो लोगों की मौत हो गई जबकि 20 लोग घायल बताए जा रहे हैं। अब तक किसी भी आतंकी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है।लेकिन माना ये जा रहा है कि ईरान मे अमेरिका और इजराइल ने अपना दबदबा काफी बना लिया है।जिसकी वजह से उनके समर्थित आतंकी एक्टिव हौ गये है। आज ये घटना अंजाम दे डाला।
तहलका टुडे टीम
तेहरान।मोहर्रम मे गम से डूबा ईरान अभी चल ही रजा था आज 12 मोहर्रम मे भी गम का सिलसिला जारी था।की दक्षिण पश्चिमी ईरान के अह्वाज शहर में शनिवार को परेड के दौरान अमेरिका और इजराइल समर्थित आतंकियो के हमले में कम के कम 1दर्जन रिवॉल्यूशनरी गार्ड मारे गए हैं जबकि 20 लोग घायल बताए जा रहे हैं।
तहलका टुडे न्यूज एजेंसी ने बताया कि मरनेवालों में एक बच्चा और एक महिला भी शामिल है। हालांकि, उस बारे में कोई विस्तृत जानकारी नहीं दी है। यह परेड सद्दाम हुसैन के ईराक में 1980 में शुरू हुए युद्ध की याद में आयोजित की गई थी।
सेमी ऑफिशियल फार्स न्यूज एजेंसी ने बताया कि हमलावरों ने पहले बड़ी तादाद में मौजूद दर्शकों पर फायरिंग की और उसके बाद सुरक्षाबलों की तरफ से उन्हें मार गिराए जाने से पहले उन्होंने वहां पर मौजूद अतिथियों पर हमला करने की कोशिश की। इसने आगे बताया कि दो हमलावर हमलावर खाकी वर्दी आए थे और उन्होंने इस हमले को अंजाम दिया है।
सेना पर कुर्दिश विद्रोहियों की तरफ से सीमाई इलाके खासकर उत्तरी क्षेत्र में हमला काफी साधारण बात हैं। लेकिन, मुख्य शहर के अंदर निशाना बनाकर किया गया इस तरह का यह हमला असामान्य घटना है।
इससे पहले, 7 जून 2017 को तेहरान में वहां के संसद और वहां के क्रांतिकारी नेता रूहोल्ला खमैनी के मकबरे के पास हुए हमले में 17 लोगों की मौत हो गई थी जबकि दर्जनों घायल हुए थे। इस हमले की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट ग्रुप के सुन्नी मुस्लिम कट्टरपंथियों ने ली थी।
इससे पहले, ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने पश्चिमी देशों की चिंताओं जिसे खुद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप मई में तेहरान के साथ परमाणु समझौते तोड़ते वक्त जिक्र किया था, उसकी अनदेखी करते हुए शनिवार से पहले इस बात को जोरदार तरीके से कहा कि उनका देश बैलिस्टिक मिसाइल क्षमता को मजबूत बनाएगा।