नई दिल्ली । राजधानी दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार की खिंचाई की है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे पर एक सुनवाई के दौरान कहा कि देश के लोगों की जिंदगी इंडस्ट्रीज से ज्यादा महत्वपूर्ण है।
1985 में एमसी मेहता की ओर से अर्जी दाखिल कर राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण पर रोक लगाने की मांग की गई थी जिस पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। कोर्ट में सुनवाई के दौरान एक रिपोर्ट का हवाला देकर बताया गया है कि 2017 में प्रदूषण के कारण 60 हजार लोगों की जान गई।
सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से पूछा कि वह बताए कि लोगों के स्वास्थ्य पर क्या असर होगा, इसकी स्टडी किए बिना ही क्या पेट कोक आयात की इजाजत दे दी गई थी? जस्टिस मदन बी लोकूर और जस्टिस दीपक गुप्ता की बेंच ने वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की तब खिंचाई की जब मंत्रालय ने जवाब देने के लिए वक्त मांगा। अदालत ने कहा कि लगता है कि आप पेट कोक को इजाजत देने में काफी जल्दी में लगते हैं। क्या पिछली बार आपने पेट कोक के आयात से पहले स्टडी की थी?
इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अखबार की रिपोर्ट कहती है कि 60 हजार लोग प्रदूषण के कारण मरे हैं। आप क्या कर रहे हैं? लोग शहर में प्रदूषण के कारण मर रहे हैं। आपको पता भी नहीं है कि रिपोर्ट सही है या नहीं? लेकिन आपकी अपनी रिपोर्ट भी कहती है कि प्रदूषण के कारण लोग मर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम एक बात साफ करना चाहते हैं कि देश की जनता इंडस्ट्रीज से ज्यादा महत्वपूर्ण है।