मुंबई । बहुमुखी प्रतिभा के धनी युवा लेखक-निर्देशक रवि भूषण कुमार का कहना है कि ‘सिनेमा ने मुझे और मैने सिनेमा को चुना है। रवि भूषण कुमार की लिखी बंग्ला फिल्म ‘ऑस्कर’ आगामी 27 जुलाई को रिलीज हो रही है। बिहार के मोतिहारी जिले के आदापुर-बेलदरवा गॉंव के निवासी श्री सूर्य महतो और विद्यालक्ष्मी देवी के सुपुत्र रवि भूषण कुमार इस बंग्ला फिल्म ‘ऑस्कर” के तीन पटकथा लेखकों में से एक हैं।
पिछले साल इनकी लिखी एक हिन्दी सिनेमा रिलीज हुई थी ‘द ड्रीम जॉब’। सिनेमा लेखक के तौर पर ‘ऑस्कर’ इनकी दूसरी फिल्म है। लेकिन भाषा के आधार पर देखें तो बंग्ला भाषा में रवि की यह पहली फिल्म है।इन्होने अभी तक लगभग 32 प्रोडक्शन हाउस और चैनल्स के साथ एक लेखक, असोसिएट डायरेक्टर, क्रिएटिव डायरेक्टर, डायलॉग सुपरवाइजर और पोस्ट प्रोडक्शन हेड के तौर पर काम किया है।
लगभग 9 हिन्दी सिनेमा के नामी गिरामी लेखन-निर्देशन टीम में काम कर चुके है। 20 से अधिक छोटे बड़े टीवी प्रोग्राम कर चुके है। लगभग 10 प्रोजेक्ट असोसिएट और क्रिएटिव हेड के तौर पर कर चुके हैं। 4 प्रोजेक्ट में पोस्ट प्रोडक्शन हेड के रूप में भी काम कर चुके हैं। इनका कहना है यह फिल्म आज के उन युवाओं पर आधारित है जो सपना देखने की हिम्मत करते हैं और उसे पूरा करने के लिए पूरे जी जान से लग जाते हैं।
यह कहानी कलकत्ता से दूर एक गॉंव अचीनपूर के जमींदार परिवार के छोटे बेटे रातुल चट्टोपाघ्याय के सपने पर आधारित है। रातुल को एक अजीबोगरीब डरावना सपना आता है जिसमें एक रहस्यमयी इंसान बार बार रातुल को लेकर उसके घर के बंद पड़े एक कमरे की तरफ ले जाता है। रातुल के इस सपने से उसके परिवार के सभी लोग परेशान हो जाते है, किसी को कुछ समझ नहीं आता है क्या करें ?
फिर उसके बड़े भाई रूद्र चट्टोपाघ्याय, रातुल को लेकर कभी तांत्रिक तो कभी डॉक्टर का चक्कर लगाते रहते है, और लोगों के बताए उल्टे पुल्टे उपाय का प्रयोग करते रहते है। लेकिन सपना जाने का नाम ही नहीं लेता है। फिर अचानक एक दिन ऐसी घटना घटित होती है कि दोनों भाई,
इस सपने को अपनी ज़िदगी का मकसद बना लेते है और उसे पूरा करने में पुरे जी जान से लग जाते है। रविभूषण अभी एक बड़ी बैनर की फिल्म कर रहे हैं जो एकसाथ तीन भाषाओं हिन्दी, तमिल और तेलगू में बन रही है। रवि ने सिनेमा के साथ साथ सोनी सब टी वी का कमेडी शो ‘आदत से मजबूर’ का कुछ एपिसोड भी लिखे हैं।