तहलका टुडे टीम /रिज़वान मुस्तफ़ा
बाराबंकी,कारोना काल मे अपने घर से बैठकर यूट्यूब पर गणित के छात्रों को ऑन लाइन पढ़ा रहे आशुतोष यादव चर्चा में है,किसान नेता प्रधान निसार मेहदी के गाँव बदोसराय का ये नवजवान अपने इल्म को बॉटने के साथ गरीबो को इस कारोना काल और लॉक डाउन की बेबसी में एक नई राह,और मोबाइल के ज़रिए तालीम हासिल करने का साधन बनाकर पूरे देश मे ज़िले का नाम रौशन कर रहा है,यूट्यूब पर 15786 से जायदा स्टूडेंट इनके पढ़ाने के अंदाज़ से क्लास लेने के लिए बेताब रहते है,
मालूम बाराबंकी टॉपर और गंगा जमुनी तहजीब का ऐसा इकलौता ज़िला है जो देवा महादेवा की धरती को संजोए हुए दुनिया मे आस्था का केंद्र बिंदु बना रहता है,महाभारत काल की यादों को समेटे रामनगर सिरौली गौसपुर का वो हिस्सा जहाँ ईरान में इंकलाब लाने वाले आयतुल्लाह खुमैनी के बुज़ुर्ग का किंतूर में मकाम था,वही अल्लामा गुलाम हुसैन किन्तुरी ऐसे आलिम थे जिनकी आज भी हिकमत की किताबें जर्मनी और ईरान के कोर्स में शामिल है,कोटवाधाम में बाबा जगजीवन दास के ऎसे नेक काम और रसूलपुर गाँव में जो रब है वही राम का पैगाम देने वाले हाजी वारिस अली शाह की जन्म स्थली ,खुर्द मऊ की कर्बला,कुंतेश्वर मंदिर,पारिजात पेड़ के साथ कई पौराणिक और दर्शनीय स्थल है जहाँ से पूरी दुनिया मे अमन सुकून और भाई चारे का पैगाम पहुचा करता है, इसी इलाके के पूर्व मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा भी थे जो बाराबंकी को चमन करने और बगैर भेदभाव के हज़ारो लोगो को सरकारी नौकरी दिलवाकर मज़बूत करने और दर्जनों स्कूल खुलवाकर इलाके की जेहालत को मिटाने और इलाके को तालीम याफ्ता करने में कोई कसर नही छोड़ी,शिक्षा विद ख्वाजा यूनुस भी इसी इलाके मैलारायगंज के थे।रसूलपुर के आईएफएस एहतेशाम काज़मी अपनी ईमानदारी से दूसरी बार फिर इस सरकार में भी झारखंड प्रदूषण बोर्ड के चेयरमैन है।
बदोसराय का नवजवान आशुतोष यादव जो देश के बीमारी में बिगड़ते हालत में गरीब छात्रों के लिये एक देवता बनकर सामने आये है और यूट्यूब के ज़रिए उनको तालीम याफ्ता कर रहे है,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात से जागे जज़्बे से ये नेक काम का अंजाम दे रहे है और आगे बढ़ाने में जी जान से जुटे है।
आशुतोष बदोसराय में ही स्थित जनता इण्टर कालेज में सहायक अध्यापक (अंशकालिक) के पद पर कार्यरत हूँ। उनका कहना है कि गणित व विज्ञान विषय पढाना बहुत अच्छा लगता है।
आशुतोष ने बताया पिता जवाहर लाल यादव जो अब इस दुनिया में नही हैं वो भी गणित के ही अध्यापक थे और जूनियर हाईस्कूल गनेशपुर से प्रधानाचार्य पद पर रहते हुए सेवानिवृत्त हुए थे,माता श्रीमती तारादेवी वो भी अब इस दुनिया में नहीं हैं । माँ और पिता की तरबियत और लोगो की मदद के जज़्बे और अनुशासन के पाठ ने ही इस लायक बनाया कि हम भी दूसरों को कुछ बता सकें कुछ सिखा सकें।
आशुतोष कहते है उन्हें सबसे अधिक प्रेरणा अपने पिता जी से ही मिली क्योंकि वो गणित पढ़ाते थे तो बहुत अच्छा लगता था तो कहीं न कहीं मन में ये विचार आता था कि हम भी बड़े होकर गणित पढ़ायेंगे। और रही You Tube की बात तो मेरी सोच हमेशा कुछ नया और सबसे अलग करने की रही है यही सोच रखते हुए हमने गांव में ही अपने घर से ही You Tube पर चैनल बनाकर आनलाइन पढ़ाई की शुरुआत की हालांकि ये सब इतना आसान नही था क्योंकि गांव में लाईट और नेटवर्क की समस्या आम रहती है फिर भी हम हिम्मत नही हारे और पूरी ईमानदारी और लगन से इस कार्य में लगे रहे। धीरे धीरे बच्चे हमसे जुड़ने लगे और बहुत जल्दी ही उत्तर प्रदेश से बाहर बिहार राजस्थान मध्य प्रदेश महाराष्ट्र आदि राज्यों के बच्चे भी हमसे जुड़ते चले गए।
आशुतोष ये भी बताते है कि मेरा प्रयास अधिक सफल नजर आया जब कोरोना महामारी में स्कूल कोचिंग सब बन्द हो गये और पूरे देश में लाकडाउन लग गया। तब हमने You Tube पर लाइव क्लास करके बच्चों की पढ़ाई जारी रखने में मदद की। और आज भी जब कोरोना महामारी के चलते फिर से लाकडाउन की स्थिति बनी हुई है ऐसे में हम पूरी कोशिश कर रहे हैं कि बच्चे घर पर ही रहें और घर से ही लाइव क्लास करके अपनी पढ़ाई जारी रखें।
मेरे You Tube चैनल का लिंक हैं…
http://www.youtube.com/c/AshutoshYadavSir
You Tube पर हमने प्रयास सिर्फ इस उद्देश्य से किया कि जो कार्य शहर में रह के लोग कर सकते हैं तो हम गांव में रह के क्यों नही कर सकते हैं।
“जो रास्ता गांव से शहर की ओर जाता है वही रास्ता शहर से गांव को भी आता है”
बस इसी उद्देश्य से हम हर वो सुविधा गांव के बच्चों को भी देना चाहते हैं जो शहर में रहने वाले बच्चों को मिलती हैं। आज लगभग 15786 लोग हमसे You Tube से जुड़े हैं।
आसुतोष ये भी बताते है You Tube पर Rakesh Yadav Sir और Khan Sir की क्लास हमें बहुत पसंद आती है इनका समझाने का तरीका बहुत ही आसान और अच्छा है।
आज इस बुलन्दी पर पहुँचे आशुतोष का सेवा भाव अभी कम नही हुआ है वो आज भी पढ़ने पढ़ाने की परम्परा को कायम रखते हुए दिली ख्वाहिश रखते है कि उनके पढ़ाये छात्र यूपीएससी की तैयारी कर आईएएस बने,उनका सोचना है इससे लोगो की सेवा करने का जायदा अवसर मिलेगा,इसके लिए वो छात्रों में जज़्बा भी डेवलप करने से नही चूकते।