इन्दौर । प्रदेश में ग्रीष्मकालीन उड़द की मण्डी विक्रय दरें न्यूनतम समर्थन मूल्य 5400 रुपये प्रति क्विंटल से नीचे होने के कारण खरीदी का कार्य 21 जून से प्रारंभ किया जायेगा। इसके लिए किसानों के पंजीयन का कार्य प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों में विगत 6 जून से शुरू हो गया है। पंजीयन 20 जून तक जारी रहेगा।
ग्रीष्मकालीन उड़द के उपार्जन का कार्य उन्हीं जिलों में किया जायेगा, जहाँ उड़द की बोनी का रकबा एक हजार हेक्टेयर अथवा उससे अधिक है। इस संबंध में प्रमुख सचिव किसान कल्याण तथा कृषि विकास डॉ. राजेश राजौरा ने जबलपुर, नरसिंहपुर, कटनी, बालाघाट, डिण्डौरी, सिवनी ,दमोह एवं हरदा के कलेक्टर्स को निर्देश जारी किये हैं। पंजीकृत किसान के ग्रीष्मकालीन उड़द के रकबे का सत्यापन पोर्टल पर किया जायेगा। ग्रीष्मकालीन उड़द की खरीदी 21 जून से 20 जुलाई तक की जायेगी।
ग्रीष्मकालीन उड़द के पंजीयन के लिए संबंधित किसान को रकबे के भू-अभिलेख, आधार कार्ड की प्रतिलिपि, मोबाइल फोन नम्बर, बैंक खाते की जानकारी, बैंक आई.एफ.एस.सी. कोड के साथ देनी होगी। प्राईस सपोर्ट स्कीम में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर ग्रीष्मकालीन उड़द के लिए औसत उत्पादकता 14 क्विंटल प्रति हेक्टेयर निर्धारित की गई है।
प्रदेश में ग्रीष्मकालीन मूँग 5575 रुपये प्रति क्विंटल के भाव से खरीदी जायेगी। मण्डी में ग्रीष्मकालीन मूँग की इस बार संभावित आवक एक लाख मीट्रिक टन आंकी गई है। ग्रीष्मकालीन उड़द 5400 रुपये प्रति क्विंटल के भाव से खरीदी जायेगी। इसकी 17 हजार मीट्रिक टन आवक होने का अनुमान है।