चेन्नई : कुत्तों की देसी नस्लों से प्यार करने वाले डॉग लवर्स के लिए एक खुशखबरी है। देसी प्रजाति कन्नी को एक बार फिर वापस लाने के लिए पशुपालन विभाग की सैदापेट स्थित डॉग ब्रीडिंग यूनिट इस प्रजाति का प्रजनन कराएगी। यह प्रजाति दक्षिण भारत में बहुत ही लोकप्रिय नस्लों में से एक है।
करीब 15 सालों बाद इनकी ब्रीडिंग प्रक्रिया हो रही है। अगले 3 महीने में पिल्लों को गोद लेने की प्रक्रिया भी शुरू हो जाएगी। विरुधुनगर के एक ब्रीडर से नवंबर 2016 में कन्नी के पपीज का अधिग्रहण किया गया था। बड़े हो चुके यह पपीज अब प्रजनन के लिए तैयार हैं। इन तीनों में से एक नर और दो मादा हैं।
इनका प्रजनन विभाग केंद्र सरकार के नियमों के तहत कराएगा। पशुपालन विभाग के निदेशक ए.ज्ञानशेखरन ने बताया कि विभाग में देसी कुत्तों के प्रजनन के लिए एक तय प्रक्रिया बनाई हुई है। एक मादा और नर कुत्तों के जोड़े का प्रजनन तभी कराया जा सकता है, जब दोनों करीब डेढ़ साल के हो।
उन्होंने यह भी बताया कि कुत्तों की देखभाल के लिए उन्हें दिन में दो बार अच्छी डाइट भी दी जाती है। विभाग के पास सभी प्रकार की नस्लों के कुत्तों के प्रजनन का अनुभव है। करीब 5500 स्क्वायर फीट के प्ले एरिया में इन्हें रखा जाता है और दिन में करीब 30 मिनट तक के लिए बाहर निकाला जाता है।