प्रेगनेंसी में पेनकिलर ली तो होने वाला बच्चा हो सकता है नपुंसक

सेहत

लंदन. गर्भावस्था में पेनकिलर के सेवन से अजन्मे बच्चे के नपुंसक होने का खतरा बना रहता है. एक शोध में दावा है कि इबुप्रोफेन और पैरासिटामॉल का गर्भावस्था में इस्तेमाल नुकसानदेह है. इससे न सिर्फ युवतियों की प्रजनन क्षमता कमजोर होती है बल्कि अजन्मे बच्चे की फर्टिलिटी पर भी असर पड़ता है. अध्ययनकर्ता ने कहा कि पेनकिलर के इस्तेमाल से बच्चे में विकलांगता का खतरा बढ़ जाता है. दूसरी ओर महिलाओं में जल्द मेनोपॉज का खतरा भी रहता है. दर्द की दवाएं अंडाशय में अंडों का उत्पादन तेजी से करने लगती हैं. जब अंडाशय खाली हो जाता है तो मेनोपॉज का खतरा बढ़ जाता है.

तीन में एक महिला लेती है पेनकिलर 
ब्रिटेन के एडिनबर्ग विश्वविद्यालय के शोधार्थियों ने शोध के बाद कहा कि गर्भवती महिलाओं को इसका इस्तेमाल करने से बचना चाहिए. अत्यधिक दर्द होने की स्थिति में पैरासिटामॉल ली जा सकती है लेकिन उसके अधिक इस्तेमाल से बचना चाहिए. अमेरिका में एक अनुमान के मुताबिक गर्भावस्था में तीन में एक महिला दर्द निवारक दवा का इस्तेमाल करती है.

डीएनए पर होता है असर
अध्ययन में बताया गया है कि पेनकिलर के बेतहाशा इस्तेमाल से डीएनए पर मार्क आ जाते हैं. जिन अंडाशय को एक हफ्ते तक पैरासिटामॉल के संपर्क में रखा गया उनका एग प्रोडक्शन 40 फीसदी तक घट गया था. वहीं इबुप्रोफेन के संपर्क में रखने पर यह संख्या आधी हो गई थी. अध्ययन में पाया गया कि दवा के इस्तेमाल से भ्रूण के वीर्य और अंडे बनाने वाली कोशिकाओं की संख्या घट गई.

मामूली सर्दी-खांसी में भी
डॉक्टरों का कहना है कि लोगों में पेनकिलर का इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है. पेनकिलर में एसिटामिनोफेन होता है. अमेरिका में एक अध्ययन में बताया गया कि वहां लोग एसिटामिनोफेन की हाई डोज ले रहे हैं. मामूली सर्दी-खांसी में तक पेनकिलर धड़ल्ले से इस्तेमाल हो रही है. बुखार में एसिटामिनोफेन का इस्तेमाल करने वाले यह समझते हैं कि इससे फीवर खत्म हो जाएगा तो यह गलत है.

लिवर-किडनी पर पड़ता है असर
चिकित्सकों का कहना है कि ज्यादा पेनकिलर खाने से लिवर व किडनी पर असर पड़ता है. जो लोग लंबे समय तक पेनकिलर का हाईडोज लेते हैं उनका लिवर कमजोर हो जाता है. 2006 से 2015 के बीच यूरोपीय देशों में फ्रांस सबसे ज्यादा पेनकिलर के इस्तेमाल वाला देश था. यहां सबसे ज्यादा लोगों ने पेनकिलर का सेवन किया. चिकित्सक जरूरत पड़ने पर सप्ताह में 4000 मिलीग्राम तक पेनकिलर के सेवन की सिफारिश करते हैं.

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