चुलबुली महिलाओ से खेलने की खवाहिश लेकर CM योगी बरसना पहुंचकर भी यहां की प्रसिद्ध लट्ठमार होली नहीं खेल पाए,बोले मथुरा आता रहूँगा

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 प्रशासनिक व्यवस्था रही जिम्मेदार या नारी सशक्तीकरण का प्रतीक लठ्ठमार होली का खौफ बना बाधक
तहलका टुडे टीम
मथुरा.राधा और कृष्ण जी की लीला में बरसाना में होली खेलने का सपना लेकर पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बरसाना पहुंचकर भी यहां की प्रसिद्ध लट्ठमार होली नहीं खेल पाए। इसके लिए ज्यादा भीड़ और प्रशासनिक व्यवस्था को जिम्मेदार बताया जा रहा है। सरकार का ये कार्यक्रम हुरियारों के झंडा पूजन तक सीमित रह गया। उन्होंने एक गोबर गैस प्लांट का इनॉगरेशन किया और साधु-संतों से मुलाकात की।
मालूम हो सीएम योगी आदित्यनाथ और ड्रीमगर्ल हेमा मालिनी बरसाना में लठ्ठमार होली खेलने गए थे.ब्रजवासी अपने त्योहार को मनाने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं. लठ्ठमार होली केवल आनंद के लिए ही नहीं बल्कि यह नारी सशक्तीकरण का भी प्रतीक है. श्रीकृष्ण महिलाओं का सम्मान करते थे और मुसीबत के समय में हमेशा उनकी मदद करते थे. लठ्ठमार होली में श्रीकृष्ण के उसी संदेश को प्रदर्शित किया जाता है. थोड़े से चुलबुले अंदाज में महिलाएं लठ्ठमार होली में अपनी ताकत का प्रदर्शन करती हैं.ऐसा कहा जाता है कि भगवान श्रीकृष्ण अपने दोस्तों के साथ राधा से होली खेलने के लिए बरसाना आया करते थे. लेकिन राधा जी अपनी सहेलियों के साथ बांस की लाठियों से उन्हें दौड़ाती थीं. अब लठ्ठमार होली बरसाना की परंपरा बन चुकी है.

योगी ने बरसाना में कहा, “भगवान कृष्ण का जन्म और लीला ब्रज क्षेत्र में संपन्न हुई लेकिन गीता का अमर संदेश हरियाणा के कुरुक्षेत्र में ​दिया था। हरियाणा और यूपी का समन्वय हो और एक साथ विकास की प्रक्रिया बढ़ा सके इस दृष्टि से रंगोत्सव का कार्य​क्रम बहुत महत्वपूर्ण है।”

“ब्रजक्षेत्र, भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं, गीतों, नृत्य व मुरली वीणा की भूमि है। भारतीय शास्त्रीय संगीत पर ब्रजक्षेत्र की संस्कृति का बहुत गहरा प्रभाव पड़ा है।”
“मैं आप लोगों से वादा करता हूं कि विकास के लिए मैं कभी पैसे को आड़े नहीं आने दूंगा। भगवान कृष्ण का एक नाम है गोपाल और ब्रज क्षेत्र के महत्व को बरकरार रखना है तो गौसेवा करना जरूरी है।”

मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी पहली बार श्रीकृष्ण जन्मस्थान मंदिर पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि बीते 11 महीनों में यूपी में किसी को न तो ईद और न ही क्रिसमस मनाने से रोका गया है। सभी लोग अपनी धार्मिक आस्था व्यक्त करने के लिए स्वतंत्र है। धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार भारत के अंदर हर एक को है। हमारी संस्कृति हमें गौरव की अनुभूति कराती है।

उन्होंने कहा कि में पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ऐसा कर रहा हूं। अयोध्या में दीपावली, मथुरा में होली तो काशी में देव दीपावली और चित्रकूट में राम मेला (उत्सव) मनाया जाएगा।

प्रशासन के मुताबिक बरसाना में लट्ठमार होली के लिए फूलों से बने 6 हजार लीटर रंग का इस्तेमाल हुआ।

चौधरी के मुताबिक, “इस मौके पर देश भर से 1 लाख से ज्यादा लोगों को बरसाना पहुंचे हैं। उन्होंने बताया कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए पहली बार ऐसा फैसला लिया गया है। पूरी कैबिनेट को होली में शामिल होने का न्योता भेजा गया है।”

पर्यटन के मकसद से बनाया गया प्लान

बीजेपी प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने बताया, ”ये रंगों और खुशियों का त्योहार है, इसे पर्यटन से जोड़ने के विशेष मकसद से सरकार ने इसकी प्लानिंग की है। ताकि हमारी संस्कृति और उत्सव को लोगों तक पहुंचाया जा सके।”
कैबिनेट मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा, ”हम होली के बहाने बृज को प्रमोट कर रहे हैं। बृज की होली पूरी दुनिया में मशहूर है। हम चाहते हैं यहां की सुगंध और गुलाल दुनियाभर में पहुंचे। यह वही कर सकता है जो अपनी संस्कृति का प्रचार-प्रसार करना चाहता हो। जिनका तन इस देश में रहता है और मन इटली में रहता है, वह कैसे अपनी संस्कृति का प्रचार-प्रसार कर पाएंगे।”

बता दें कि बरसाने में करीब 40 दिनों तक होली खेली जाती है। यहां की लठ्ठमार होली दुनियाभर में प्रसिद्ध है।
होली से पहले श्रीकृष्ण की जन्मभूमि मथुरा पहुंचे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि किसी को भी कोई त्यौहार मनाने की मनाही नहीं है, ये अधिकार उन्हें भी है. बता दें कि योगी मथुरा के श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर पहुंचने वाले राज्य के पहले मुख्यमंत्री हैं.

मंदिर परिसर में आधे घंटे रहे योगी

योगी के दौरे के कारण मथुरा में शनिवार सुबह सुरक्षा का सख्त पहरा था. मंदिर के पीछे वाले गेट से श्रद्धालुओं को मंदिर जाने की इजाजत नहीं थी. योगी आदित्यनाथ मंदिर में दर्शन के लिए तड़के ही चले आए. मंदिर परिसर में उन्होंने लगभग आधा घंटा समय बिताया और और गर्भ गृह में 15 मिनट पूजा-अर्चना की, जिसके बाद उन्होंने सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया.

योगी बोले- आता रहूंगा मथुरा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मथुरा भगवान कृष्ण की जन्म भूमि है और तो और बांके बिहारी की लीला भूमि भी है, वो इसलिए बार-बार मथुरा आते रहेंगे. योगी ने कहा, ‘पर्यटन को बढ़ावा देना बहुत महत्वपूर्ण है. मैं यहां पर दो दिन के दौरे पर हूं और अनेक कार्यक्रमों से जुड़ा रहा हूं. सुबह समय था तो कृष्ण जन्मभूमि में दर्शन करने आया और सुरक्षा की व्यवस्था का जायजा भी लिया.’

योगी ने लिया सुरक्षा व्यवस्था का जायजा

कृष्ण जन्मभूमि की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सीएम चिंतित नजर आए और उन्होंने सुरक्षा व्यवस्था का निरीक्षण किया. योगी ने चिंता जताई कि मंदिर परिसर के सीसीटीवी कैमरे में ड्रोन नहीं है और जो बैरीकेड सुरक्षाकर्मियों के लिए है, वह भी काफी पुराने हो गए हैं, जिन्हें ठीक करने की जरूरत है. यहां आ रहे श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखना बेहद जरूरी है. यह मुझे सुनिश्चित करना जरूरी है कि कोई अनावश्यक स्थिति ना पैदा हो और इसके लिए मैंने एक महत्वपूर्ण बैठक ली.’

अपनी आस्था व्यक्त करने का अधिकार है’

योगी आदित्यनाथ मंदिर में दर्शन करके काफी खुश थे और उन्होंने कहा कि वे 5000 साल पुराने मंदिर में दर्शन करके तृप्त हो गए. उनके दौरे पर हो रही सियासत पर उन्होंने कहा, ‘मैं एक हिंदू हूं और हर एक व्यक्ति को अपनी आस्था व्यक्त करने का अधिकार है. मेरी कोशिश है अधिक से अधिक पर्यटक यहां आ सकें.’

ईद, क्रिसमस या दिवाली मनाने की मनाही नहीं’

वहीं जब उनसे पूछा गया कि वह अगर अयोध्या में दिवाली मना रहे हैं और मथुरा में होली , तो ईद कहां मनाएंगे. इस पर योगी ने कहा, ‘हर एक व्यक्ति अपनी आस्था व्यक्त करने के लिए स्वतंत्र है. ईद, क्रिसमस या दिवाली मनाने के लिए हमने किसी को रोका नहीं है और त्यौहार मनाने का अधिकार मुझे भी है. आस्था और श्रद्धालुओं की सुविधा के साथ-साथ पर्यटन क्षेत्र को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विकसित करना मेरा कर्तव्य है.’

पर्यटन का विकास है प्राथमिकता

सीएम योगी आदित्यनाथ ने बताया कि पर्यटन का विकास उनकी सरकार की प्राथमिकता है. इसीलिए अयोध्या में दीपोत्सव, चित्रकूट में रामायण मेला, प्रयाग में कुंभ का मेला और बरसाने में होली होगी. इससे भारत की संस्कृति और सभ्यता का विकास होगा.

मंदिर की व्यवस्था दुरुस्त होने की उम्मीद

मथुरा में मंदिर के पुरोहित स्वामी जय किशन गिरी ने बताया कि योगी आदित्यनाथ पहले मुख्यमंत्री हैं, जो ‘श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर’ पर आए हैं और यहां की व्यवस्था को लेकर चिंतित हैं. यह बहुत अच्छी बात है और उनको उम्मीद है कि मंदिर की व्यवस्था दुरुस्त होगी. सभी श्रद्धालु मथुरा आने से हिचकेंगे नहीं.

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