मुख्यमंत्री योगी की कड़क कार्यशैली में भी एसडीएम कोर्ट में भरष्टचार की हद हो गयी पार पिछड़ी जाति का फर्जी जाति प्रमाण पत्र लगाकर रहरामऊ की प्रधान मुन्नी उर्फ सबा का साढ़े 4 साल बाद किया निर्वाचन रद्द नई व्यवस्था देखेंगे अब खण्ड विकास अधिकारी

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तहलका टुडे डेस्क /अज़मी रिज़वी

बाराबंकी। पिछड़ी जाति का फर्जी जाति प्रमाण पत्र लगाकर चुनाव लड़ने के मामले मे रहरामऊ ग्राम पंचायत के ग्राम प्रधान मुन्नी उर्फ़ शबा की कुर्सी छिन गई।
एसडीएम कोर्ट ने निर्वाचन रद्द करते हुए नई व्यवस्था के लिए खण्ड विकास अधिकारी को निर्देशित किया है। मामले को लेकर उपविजेता रहे अनिल कुमार वर्मा ने करीब साढ़े चार वर्ष पूर्व मुकदमा दाखिल कर न्याय की गुहार लगाई गई थी।उल्लेखनीय हो कि वर्ष 2015 मे ग्राम पंचायत चुनाव के दौरान रहरामऊ ग्राम पंचायत की सीट पिछड़ी जाति के लिए आरक्षित थी।जिससे चुनाव जीत कर कई बार ग्राम प्रधान रहे रिजवान किदवाई के मंसूबे  पर पानी फिर गया।
लेकिन प्रधानी का चस्का लगा चुके रिजवान किदवाई ने ऐसा ताना बाना बुना की अपनी पत्नी मुन्नी उर्फ़ सबा का तहसील कर्मियों की मिलीभगत से फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवाकर चुनाव लड़वा दिया और सबसे अधिक मत प्राप्त कर जीत हासिल कर ली।
उपविजेता अनिल वर्मा ने चुनावी प्रक्रिया के ही दौरान जाति प्रमाण पत्र  पर सवाल उठाते हुए 26 नवम्बर 15 को जिलाधिकारी एव मुख्य निर्वाचन अधिकारी लखनऊ को आपत्ति दाखिल किया था परन्तु ऊँची पहुंच के कारण मामले को रद्दी टोकरी मे डाल दिया गया।निर्वाचन के बाद उपविजेता अनिल कुमार वर्मा जाति प्रमाण पत्र को लेकर 2 जुलाई 16 को न्यायालय मे याचिका दाखिल किया जिस पर न्यायालय ने ग्राम प्रधान मुन्नी उर्फ़ सबा सामान्य जाति की है या पिछड़ी के लिए उपजिलाधिकारी को दिया।जिस पर ग्राम प्रधान ने अपनी जाति अपने मायके की पिछड़ी जाति की होने की बात बतायी जिस पर प्रधान के मायके से जाँच की गयी तो वह भी सामान्य जाति की निकली। 28 फरवरी 2020 को जाति प्रमाण के निस्तारण के लिए जिलाधिकारी डॉ आदर्श सिंह की अध्यक्षता स्कूटनी कमेटी का गठन किया गया और 13 मार्च 2020 को स्कूटनी कमेटी ने रहरामऊ की ग्राम प्रधान सबा उर्फ मुन्नी के पिछड़ा वर्ग का जाति प्रमाणपत्र संख्या 460331515570/09 नवम्बर को निरस्त कर दिया गया।स्कूटनी कमेटी के आदेश के विरुद्ध ग्राम प्रधान ने मण्डलीय उपनिदेशक पिछड़ा वर्ग के यहां अपील की जहाँ से उच्च न्यायालय लखनऊ मामला चला गया।उपविजेता के विद्वान वकील निर्दोष कुमार श्रीवास्तव की साढ़े चार साल की मेहनत रंग लायी और 23 नवम्बर को ग्राम पँचायत रहरामऊ की ग्राम प्रधान मुन्नी उर्फ़ सबा के निर्वाचन को निरस्त करते हुए आदेश की प्रति जिला पंचायत राज अधिकारी,सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी कार्यालय व बीडीओ को भेज दी गई है ताकि आगे की प्रक्रिया पूरी की जा सके।खण्ड विकास अधिकारी रामेन्द्र सिंह कुशवाह ने बताया कि ग्राम पंचायत रहरामऊ की ग्राम प्रधान मुन्नी उर्फ़ सबा की जाति प्रमाण पत्र फर्जी पाये जाने के बाद न्यायालय के आदेश पर निर्वाचन रद्द कर दिया गया है जिसके आदेश की कॉपी प्राप्त हुई।अग्रिम कार्यवाही में ग्राम पंचायत की बैठक बुलाकर तीन सदस्यीय कमेटी गठित की जायेगी।

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