भ्रष्‍ट राज्‍य सरकार है या केंद्र सरकार, कर्नाटक विधानसभा में इसी बात पर हुई चर्चा

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बेंगलुरु: कर्नाटक में इस साल अप्रैल-मई में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले का यह विधानसभा का अंतिम सत्र है जहां राज्य के विकास और प्रशासनिक सुधारों की जगह बहस इस बात को लेकर हुई कि कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार भ्रष्ट है या बीजेपी नेतृत्व वाली केंद्र सरकार. कांग्रेस शासित इस प्रदेश के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया प्रश्नकाल में उठाये गए एक सवाल का जवाब दे रहे थे. इस दरम्यान उन्होंने बीजेपी नेताओं की तरफ इशारा करके कहा कि “आप लोग बार-बार मेरी सरकार पर फ़ाइल पास करने के लिए 10 फीसदी कमीशन लेने का आरोप लगाते हैं, जिसका कोई आधार नहीं है. मैं भी कहता हूं कि आपकी (बीजेपी) जो सरकार थी वो 90 परसेंट की सरकार थी, केंद्र में जो सरकार है वो 90 परसेंट भ्रष्ट सरकार है.” मुख्यमंत्री सिद्धारमैया 2008 से 2013 के बीच राज्य में रही बीजीपी सरकार की बात कर रहे थे जिसमें पहले मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्‍पा को भ्रष्टाचार के एक मामले में जेल जाना पड़ा था.’

दरअसल हाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेंगलुरु में हुई रैली में कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार पर 10 फीसदी कमीशन लेने का आरोप लगाया था. गुरुवार को सदन में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया इसी आरोप पर अपनी नाराज़गी जाता रहे थे. जैसे ही सिद्धारमैया ने ये कहा कि केंद्र सरकार 90 फीसदी भ्रष्ट है, सदन में विपक्षी दल के नेता जगदीश शेट्टार उठ खड़े हुए और मुख्यमंत्री से सबूत मांगे.

शेट्टार ने पूछा, ‘क्या आप अपने आरोपों को साबित कर सकते हैं.’ इसपर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि आरोप पहले अपने लगाए हैं, पहले आप साबित करो. ‘पहले आप’ तो ‘पहले आप’ इसी पर मामला इतना गरमाया कि सदन के स्पीकर के बी कोलिवाड की तमाम कोशिशें बेकार हुईं और इसी बीच बीजेपी ने सदन से वाकआउट किया. बाद में बीजेपी के एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल वाजू भाई वाला से मिलकर आरोप लगाया कि कर्नाटक में क़ानून व्ययस्था की हालत बेहद खराब है. उनलोगों ने कांग्रेस विधायक हैरिस के बेटे नेलपद हैरिस की मारपीट और नगर निगम के दफ्तर को पेट्रोल से आग लगाकर जलाने की धमकी देने वाले फरार कांग्रेस कार्यकर्ता नारायणस्वामी का हवाला दिया.

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