देश में न्यायाधीशों की कमी – न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा

दिल्ली-एनसीआर देश राज्य

नई दिल्ली । प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा ने कहा है कि देश की जनसंख्या के हिसाब से जजों की संख्या कम है। उन्होंने लंबित केसों की संख्या कम करने से संबंधित एक सेमिनार को संबोधित करते हुए ये बातें कहीं। इस मौके पर जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस मदन बी लोकूर और जस्टिस कुरियन जोसेफ भी मौजूद थे।

जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा कि उन्हें लगता है कि वकील क्यों नहीं छुट्टियों में दलील दे सकते। हाई कोर्ट को उन्होंने लिखकर आग्रह किया था कि छुट्टियों में केस के निपटान के बारे में देखें और 3 हजार क्रिमिनल केसों का निपटारा हुआ। किसी केस का महत्व कम नहीं है। उन्होंने कहा कि मामले को बेवजह टालने से गड़बड़ होता है। हाई कोर्ट को चाहिए कि वह थिंक टैंक बनाएं

जिसमें जज, वकील और बुद्धिजीवी हों जो इस बात की खोज करें कि कैसे पेंडेंसी को कम किया जाए।
उन्होंने कहा कि देश के लोगों का न्यायपालिका पर विश्वास है लेकिन देश में जनसंख्या के हिसाब से जजों की संख्या कम है। उन्होंने कहा कि बिहार, झारखण्ड और दूसरे राज्यों में जजों की संख्या में भारी कमी है। हालांकि, अपनी शक्ति से ज्यादा काम करते हैं। मैंने जजों से अनुरोध किया था कि अतिरिक्त समय देकर केसों का जल्द निपटारा करे जैसे कि शनिवार को।

इस मौके पर जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि ट्रायल कोर्ट में सुनवाई का समय बचाने के लिए प्रयास होने चाहिए । प्रक्रिया में काफी वक्त लगता है। वहीं जस्टिस कुरियन जोसेफ ने केंद्र सरकार पर टिप्पणी करते हुए कहा कि उन्हें चाहिए कि जजों की नियुक्ति संबंधी फाइल को जल्दी क्लियर करें।

जस्टिस कुरियन जोसेफ ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट कॉलिजियम द्वारा जजों की नियुक्ति के लिए जिन नामों की सिफारिश की जाती है उसे टाइम बाउंड तरीके से क्लियर किया जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट के जजों की नियुक्ति को लेकर कॉलिजियम द्वारा भेजे गए नामों पर दो हफ्ते के भीतर सरकार को विचार कर उनकी नियुक्ति करनी चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *