बाबा साहेब आंबेडकर के नाम पर हो रही राजनीति से आहत यूपी के राज्यपाल राम नाईक

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नोएडा । दलितों के मसीहा कहे जाने वाले बाबा साहेब भीमराव रामजी आंबेडकर नाम पर हो रही राजनीति को उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है। उन्होंने कहा कि बाबा साहेब का नाम पूरे देश में गलत चल रहा है। अब उत्तर प्रदेश में नाम सुधार लिया गया है। राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को पत्र लिखकर मैंने पूरे देश में नाम सुधारने का आग्रह किया है। राज्यपाल राम नाईक सेक्टर 6 स्थित इंदिरा गांधी कला केंद्र में बृहस्पतिवार शाम शिवशाहीर महाराष्ट्र भूषण इतिहासकार बाबा साहेब पुरंदरे को सम्मानित करने के लिए आए हुए थे।

उन्होंने बाबा साहेब का नाम सुधारने के लिए प्रस्ताव देने के प्रसंग का भी जिक्र किया। राज्यपाल ने कहा कि दिसंबर में आगरा में स्थित भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के कुलपति दीक्षा समारोह में आमंत्रित करने आए थे। आमंत्रण पत्र पर बाबा साहब का नाम गलत देखकर पहले विवि का नाम सही कराया गया, फिर सरकार को प्रस्ताव दिया गया कि बाबा साहब का नाम सही किया जाए।

राज्यपाल ने कहा कि मुझे खुशी है कि योगी सरकार ने बाबा साहब का नाम सही करने का आदेश दे दिया। उन्होंने यह भी कहा कि पहले बीआर आंबेडकर लिखे जाने का मतलब भी भीमराव रामजी आंबेडकर ही था। राज्यपाल ने योगी सरकार को कानून व्यवस्था में 75 फीसद अंक दिए।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में अपराध कम हुआ है। अखिलेश और योगी सरकार में काफी अंतर है। अब मेरे सुझाव पर तेजी से काम होता है। पहले मेरे पास भू-माफिया की शिकायत बहुत आती थी, जिसे सरकार को दिया जाता था। कोई कार्रवाई नहीं होती थी। अब योगी सरकार भू-माफिया पर खूब कार्रवाई कर रही है। बिल्डर और निवेशक की समस्या के समाधान पर भी सरकार काम कर रही है। अभी योगी सरकार को एक साल ही हुआ है। इस कारण थोड़ा समय लग रहा है।

राज्यपाल ने कहा कि भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने पहली किताब में शिवाजी के बारे में गलत लिखा था। उन्होंने लिखा था कि शिवाजी ने अफजल खां को धोखे से हराया था। इसपर पूरे देश ने आपत्ति दर्ज कराई थी, जिसके बाद पंडित नेहरू को अपनी किताब से वह अंश हटाना पड़ा था। राज्यपाल ने कहा कि शिवाजी के बारे में सबसे बेहतर और सटीक जानकारी बाबा साहेब पुरंदरे ने दी है।

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