लखनऊ में कांग्रेस सरकार में बंद हुए मोहर्रम के जुलूसों को निकलवाने और शिया सुन्नी की खाई को पाटने में अहम भूमिका निभाने वाले,अटल बिहारी वाजपेयी की सियासी विरासत के जानशीन,सभासद से गवर्नर तक का ज़िन्दगी का शानदार सफर करने वाले श्री लाल जी टंडन के निधन पर Pm मोदी,Cm योगी, केंद्रीय मुख्तार अब्बास नकवी ,शियाने हैदरे कर्रार ऑर्गेनाइजेशन के प्रेसिडेंट मौलाना इफ्तिखार हुसैन इंक़लाबी,शिया पर्सनल लॉ बार्ड के मौलाना यासूब ने पेश किया पुरसा,3 दिन का राजकीय शोक

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तहलका टुडे टीम

लखनऊ-लखनऊ में कांग्रेस सरकार में बंद हुए मोहर्रम के जुलूसों को निकलवाने और शिया सुन्नी की खाई को पाटने में अहम भूमिका निभाने वाले,अटल बिहारी वाजपेयी की सियासी विरासत के जानशीन,सभासद से गवर्नर तक का ज़िन्दगी का शानदार सफर करने वाले श्री लाल जी टंडन के निधन पर Pm मोदी,Cm योगी, केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ,शियाने हैदरे कर्रार ऑर्गेनाइजेशन के प्रेसिडेंट मौलाना इफ्तिखार हुसैन इंक़लाबी ने पुरसा पेश किया है ,यूपी में 3 दिन का राजकीय शोक का एलान किया गया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी श्री लाल जी टंडन के निधन पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा संवैधानिक मामलों के अच्छे जानकार थे। उन्होंने उत्तरप्रदेश में भाजपा को मजबूत करने में अहम भूमिका अदा की। उन्होंने कुशल प्रशासक के रूप में पहचान बनाई व हमेशा लोक कल्याण के कार्यों को प्राथमिकता दी।
इन्सानियत और इन्साफ़ के लिए ज़िन्दगीभर काम करने वाले आदरणीय लाल जी टंडन साहब का निधन सामाजिक, सियासी क्षेत्र की अपूरणीय क्षति है।

शियाने हैदरे कर्रार ऑर्गेनाइजेशन के प्रेसिडेंट मौलाना इफ्तिखार हुसैन इंक़लाबी ने शोक सवेंदना व्यक्त करते हुए कहा कई दशक बंद रहे अज़ादारी के जुलूसों को निकलवाने में शिया सुन्नियो के बीच पढ़ चुकी खाई को पाट कर अहम भूमिका निभाने वाला हमारा भारतीय नेता,गंगा जमुनी तहज़ीब का सितारा आज डूब गया,हम सब उनकी आत्मा की शांति के लिये दुआ करते है।

शिया  पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता मौलाना यासूब अब्बास ने भी किया ग़म का इज़हार करते हुए कहा एक चाहने वाला खो दिया।

वक़्फ़ बचाओ मूवमेंट सेव वक़्फ़ इंडिया में अहम किरदार निभाने वाले वाईस प्रेसिडेंट और प्रवक्ता रिज़वान मुस्तफ़ा ने श्री लाल जी टंडन के निधन पर कहा की लखनऊ की तहज़ीब और वक़ार को संभाल कर दिलो में नफरतो को कम करने मोहब्बत भाई चारे का पैगाम देकर लोगो को जोड़ने वाला एक मजबूत साया लखनऊ से रुखसत हो गया।हम उनके निधन पर हर इंसानियत रखने वाले इंसान को पुरसा देते हुए ताज़ियत पेश करते है

 

मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन का मंगलवार सुबह 5:35 बजे लखनऊ स्थित मेदांता अस्पताल में निधन हो गया। उनके निधन के बाद उत्तर प्रदेश सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि राज्य सरकार ने तीन दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है।
मेदांता अस्पताल के निदेशक डॉ. राकेश कपूर ने मंगलवार सुबह टंडन के निधन की जानकारी दी। इसके बाद मुख्यमंत्री योगी ने ट्वीट कर दुख जताया। उन्होंने लिखा कि मध्यप्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन के निधन की खबर सुनकर शोक हुआ।

Cm योगी आदित्य नाथ ने कहा उनके निधन से देश ने एक लोकप्रिय जननेता, योग्य प्रशासक और प्रखर समाज सेवी को खोया है। वे लखनऊ के प्राण थे। ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति हेतु प्रार्थना करता हूं। मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिजनों के साथ हैं।

टंडन के बेटे और उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री आशुतोष टंडन ‘गोपाल जी’ ने जानकारी दी कि उनका अंतिम संस्कार शाम 4:30 बजे गुलाला घाट चौक में किया जाएगा।

Jमालूम हो कि बीते 11 जून से ही टंडन लखनऊ स्थित मेदांता अस्पताल में भर्ती थे। उनका लिवर, फेफड़े और गुर्दे ठीक से काम नहीं कर रहे थे। लगातार उनकी डायलिसिस भी की जा रही था।

अस्पताल में भर्ती होने के कुछ दिनों बाद उनकी हालत ठीक हो गई थी, लेकिन इससे पहले कि वे पूरी तरह स्वस्थ होकर घर लौट पाते उनके स्वास्थ्य में फिर से गिरावट होने लगी।

पिछले कई दिनों से टंडन वेंटिलेटर पर थे। इससे पहले तक उन्हें आईसीयू में रखा गया था। मेदांता में विशेषज्ञों की टीम उनकी पल-पल की निगरानी कर रही थी, इसके बावजूद टंडन को नहीं बचाया जा सका।

उनकी तबीयत खराब होने के कारण उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को मध्य प्रदेश का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया था।
लालजी टंडन की कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव थी। लिवर संबंधी दिक्कत होने के बाद 14 जून को उनकी सर्जरी हुई थी। इससे पहले तबीयत खराब रहने के दौरान मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लगातार उनके संपर्क में थे। सीएम बीच में राज्यपाल से मिलने लखनऊ भी गए थे।

 

लालजी टंडन खुद कहा करते थे कि अटल बिहारी वाजपेयी ने राजनीति में उनके साथी, भाई और पिता तीनों की भूमिका अदा की है. अटल के साथ उनका करीब 5 दशकों का साथ रहा. इतना लंबा साथ अटल का शायद ही किसी और राजनेता के साथ रहा हो. यही वजह रही कि अटल बिहारी वाजपेयी के बाद उनकी राजनीतिक विरासत को लखनऊ में टंडन ने ही संभाला था और सांसद चुने गए थे.

बचपन से ही संघ के साये में

लालजी टंडन का जन्म 12 अप्रैल 1935 में हुआ था. अपने शुरुआती जीवन में ही लालजी टंडन राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़ गए थे. उन्होंने स्नातक तक पढ़ाई की. इसके बाद 1958 में लालजी का कृष्णा टंडन के साथ विवाह हुआ. उनके बेटे गोपाल जी टंडन इस समय उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में मंत्री हैं. संघ से जुड़ने के दौरान ही पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से उनकी मुलाकात हुई. लालजी शुरू से ही अटल बिहारी वाजपेयी के काफी करीब रहे.
जेपी आंदोलन में हुए शामिल

लालजी टंडन का राजनीतिक सफर साल 1960 में शुरू हुआ. उन्होंने इंदिरा गांधी की सरकार के खिलाफ जेपी आंदोलन में भी बढ़-चढकर हिस्सा लिया था. इसके लिए उन्हें जेल भी जाना पड़ा था. टंडन दो बार पार्षद चुने गए और दो बार विधान परिषद के सदस्य रहे. 1978 से 1984 तक और 1990 से 1996 तक लालजी टंडन दो बार उत्तर प्रदेश विधानपरिषद के सदस्य रहे. इस दौरान 1991-92 की उत्तर प्रदेश की कल्याण सिंह सरकार में मंत्री बने.

लालजी टंडन को उत्तर प्रदेश की राजनीति में कई अहम प्रयोगों के लिए भी जाना जाता है. 90 के दशक में प्रदेश में बीजेपी और बसपा की गठबंधन सरकार बनाने में भी उनका अहम योगदान माना जाता है. इसके बाद लालजी 1996 से 2009 तक लगातार तीन बार चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे. बसपा सुप्रीमो मायावती उन्हें अपने बड़े भाई की तरह मानती थीं और राखी भी बांधा करती थीं. 1997 में वह प्रदेश के नगर विकास मंत्री रहे.

संभाली थी अटल की विरासत

साल 2009 में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के राजनीति से दूर होने के बाद लखनऊ लोकसभा सीट खाली हो गई. इसके बाद भाजपा ने लालजी टंडन को ही यह सीट सौंपी. लोकसभा चुनाव में लालजी टंडन ने लखनऊ लोकसभा सीट से आसानी से जीत हासिल की और संसद पहुंचे. लालजी टंडन को साल 2018 में बिहार के राज्यपाल की जिम्मेदारी सौंपी गई थी और फिर कुछ दिनों के बाद मध्यप्रेदश का राज्यपाल बनाया गया था

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