सरकार ने ली राहत की सांस, अन्ना ने खत्म किया अनशन, बोले- सभी का धन्यवाद

दिल्ली-एनसीआर राजनीति राज्य

नई दिल्ली : दिल्ली के रामलीला मैदान में पिछले सात दिनों से सशक्त लोकपाल, चुनाव सुधार प्रक्रिया और किसानों की मांगों को लेकर अनशन पर बैठे समाजसेवी अन्ना हजारे ने गुरुवार को अनशन तोड़ दिया। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने उन्हें नारियल पानी पिलाकर अनशन तुड़वाया। इस अवसर पर केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और महाराष्ट्र सरकार के जल संसाधन मंत्री गिरीश महाजन मौजूद रहे। प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से अन्ना की मांगों को लेकर 11 बिंदुओं वाला ड्राफ्ट केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने तैयार किया था, जिसे केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री ने आंदोलनकारियों के समक्ष रखा।

अन्ना ने सरकार से कृषि मूल्य आयोग को स्वायत्तता प्रदान करने, कृषि विशेषज्ञों की नियुक्ति करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) निर्धारित करते समय लागत मूल्य से 50 फीसद अधिक दिए जाने की मांग पर सरकार ने सहमति जता दी है। ड्राफ्ट के अनुसार, केंद्र सरकार किसानों की सभी समस्याओं के बारे में संवेदनशील दृष्टिकोण रखती है और किसानों के प्रति सकारात्मक भूमिका रहती है। कृषि मूल्य आयोग को स्वायत्तता दी जाएगी, जिसके लिए चेयरमैन की नियुक्ति संविधान के अनुच्छेद 309 के तहत होगी। आयोग अपनी प्रक्रिया खुद निर्धारित करने के लिए स्वतंत्र है।

कृषि विशेषज्ञ व्यक्ति की नियुक्ति चेयरमैन पद पर हो सकती है। खेती पर निर्भर किसानों को पांच हजार रुपये पेंशन देने को लेकर सरकार का कहना है कि 60 वर्ष से अधिक गरीब पात्र किसान पहले ही वृद्धा पेंशन की श्रेणी में आ चुके हैं। जो किसान वंचित है उन्हें पात्रतानुसार शामिल किया जाएगा। आयुष्मान भारत योजना में गरीबों का मुफ्त में इलाज करने का फैसला भी सरकार ने लिया है। स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने को लेकर सरकार ने कहा कि लागत मूल्य पर 50 फीसद से ज्यादा एमएसपी का निर्णय लिया गया है।वहीं फसल ऋण पर जिन किसानों से बैंकों ने चक्रवृिद्ध ब्याज लिया है, उसे वापस दिलवाया जाएगा। इसकी जांच भारतीय रिजर्व बैंक करेगा।

किसानों की फसल का व्यक्तिगत तौर पर बीमा किए जाने की मांग पर सरकार का कहना है कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में सभी प्राकृतिक आपदाएं व व्यक्तिगत कारणों से नुकसान होता है,उसे मुआवजा मिलेगा। कृषि उत्पादों से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) हटाने को लेकर आने वाले चार महीने में जीएसटी परिषद की बैठक होगी, जिसमें यह निर्णय लिया जाएगा। लोकपाल और लोकायुक्त नियुक्त करने की दिशा में कदम उठाएं जाएंगे। साथ ही धारा 63 और 44 के संशोधन पर भी चर्चा होगी। चुनाव सुधार प्रक्रिया के तहत बैलेट पेपर पर उम्मीदवार की रंगीन तस्वीर को चुनाव चिह्न बनाने, नन ऑफ द अबव (नोटा) को ही राइट टू रिजेक्ट का अधिकार प्रदान करने, चुनाव में आश्वासन पर चुनकर आने के बाद वादे पूरे नहीं किए जाने पर जनप्रतिनिधि को वापस बुलाने के अधिकार संबंधी जो सभी मागें थीं, उसे चुनाव आयोग के समझ रखा जाएगा। वहीं मतों की गिनती के लिए टोटलाइजर मशीन के प्रयोग करने को लेकर कानूनी सलाह ली जाएगी।

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