छात्र ने अपने पिता की रिवाल्वर से अपने सर पे मारी गोली,ट्रामा पहुंचते ही मौत।

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तहलका टुडे टीम

बाराबंकी। कचेहरी के निकट स्टेशनरी की दुकान चलाने वाले रमेश चन्द्र मौर्या के बड़े बेटे एवं पालीटेक्निक अंतिम वर्ष के छात्र 22 वर्षीय रूपेन्द्र ने अपराह्न करीब ढाई बजे अपने आवास विकास कालोनी स्थित मकान के अंदर अपने पिता की रिवाल्वर से सर में गोली मार ली।
गोली लगते ही रूपेन्द्र आंगन में ही गम्भीर अवस्था में गिर गया,घर मे हाहाकार व अफरा तफरी मच गई।आनन फानन में रूपेन्द्र को उपचार हेतु जिला अस्पताल ले जाया गया। अत्यंत गम्भीर हालात देख इमरजेंसी के डॉक्टर ने ट्रामा सेंटर लखनऊ रेफर कर दिया। ट्रामा पहुंचने के कुछ ही देर बाद रूपेंद्र की मौत हो गयी।
मूलतः थाना देवा के गांव कोडरी निवासी रमेश मौर्या ने दो दशक पहले आवास विकास कालोनी के सेक्टर 5 में मकान न0 5/470 क्रय किया था।वे यहीं परिवार सहित रहते थे। रमेश मौर्या तीन भाई है इनमें सबसे बड़े राम मनोहर मौर्य की मृत्यु 1991 में हो गयी थी दूसरे भाई नौमी लाल मौर्य अपने गांव कोडरी में रहकर खेती किसानी का काम देखते हैं। नौमी लाल की बहू शालू मौर्य पत्नी प्रदीप मौर्या इसी छेत्र (आवास विकास,लखपेड़ाबाग)से सभासद है।
रूपेन्द्र व उसका छोटा भाई आशीष बाराबंकी पालीटेक्निक से ही डिप्लोमा कर रहे थे और रूपेंद्र अन्तिम वर्ष का छात्र था।लॉक डाउन के कारण परीक्षा नहीं हो पा रही थी।समय खाली देख कर रूपेन्द्र ने एक कम्प्यूटर कोर्स में दाखिला ले लिया था।उसी की आन लाइन क्लासेज घर पर ही करता था।
24 तारीख की दोपहर बाद करीब ढाई बजे रूपेन्द्र से मिलने एक लड़का आया।रूपेन्द्र घर से बाहर आकर पास में पार्क में उससे कुछ देर के लिये मिला और मिलकर वापस होकर घर का चैनल बन्द किया था आलमारी में रखे अपने पिता के लाइसेंसी रिवाल्वर से अपने माथे में सटा कर गोली मार ली।गोली लगते ही खून की धारा बह निकली।रूपेन्द्र आंगन में ही गिर गया।उसकी मदर अनीता मौर्या दौड़ कर चीखते हुये पहुंची,अन्य कुछ लोग भी दौड़े।सभासद प्रतिनिधि प्रदीप मौर्य आदि आनन फानन में जिला अस्पताल ले गये।वहाँ से ट्रामा रेफर कर दिया गया जहाँ पहुंचने के कुछ ही देर में मरणासन्न रूपेन्द्र ने दम तोड़ दिया।
उस समय रूपेन्द्र के पिता कचेहरी स्थिति अपनी दुकान पर थे।सूचना पर घर पहुंचे रूपेन्द्र के पिता रमेश मौर्या ने बताया कि उन्होंने एक जैकेट की जेब मे करके अपने रिवाल्वर को आलमारी में रखा था तथा उनका बेटा रूपेन्द्र बहुत सीधा था कही से कोई शिकायत नहीं थी,फिर भी यह अनहोनी गो गयी।

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