पाटेश्वरी प्रसाद
समाजवादी पार्टी के एक ऐसे कद्दावर नेता जिन्होनें युवा पीढ़ी में अपने सहज, सरल और सफल व्यक्तित्व से गहरी छाप छोड़ी। जिन्हें गाँव की पथरीली सड़कों से लेकर सत्ता के गलियारों तक एक ही नाम से जाना जाता है ‘अरविंद कुमार सिंह गोप।’
सहजता के आवरण में ढँका हुआ उनका कुशाग्र राजनय उनके व्यक्तित्व का चुम्बकीय आकर्षण है। यही वजह है कि 2003 में पहली बार विधायक और राज्यमंत्री। फिर 2007 मे दोबारा विधायक और 2012 मे तीसरी बार विधायक व कैबिनेट मंत्री हुए। राजनीति की इस पारी को आगे बढ़ाते हुए श्री गोप सूबे की सत्ता और संगठन तक अपरिहार्य रहे है। यह सब कुछ उन्हे विरासत में नही मिला अपितु उन्होनें अपनी राजयोग की लकीर खुद खींची, अपनी पहचान खुद बनाई।
राजनीति के इस दौर में जहाँ धैर्य लुप्त प्राय तत्व है, वहीं यह गोप जी की सबसे बड़ी पूंजी है। यही उनका अदभुत सौम्य है जो श्री मुलायम सिंह यादव और श्री अखिलेश यादव के व्यक्तित्व से मेल कराता है।
श्री गोप की जड़े राजनीति की जमीन पर गहराई तक है। बड़े जनाधार और लोकप्रियता की छांव उन्हें सहज, सरल, सौम्य और कुशाग्र बनाती है। यही उनके धर्य और शक्ति सामर्थ्य का आधार भी है। श्री गोप पूर्णतः सांसारिक राजनेता है जिन्होनें अपने दायित्व को कभी छोटा या बड़ा करके नही नापा। लखनऊ विश्वविद्यालय की छात्र राजनीति से उन्के सार्वजनिक जीवन का शुभारंभ हुआ। वे तरुणाई में ही राजनीति से जुड़े कई आन्दोलनों में सक्रिय हो गए। चाहे वह छात्रों की फीस बढोतरी की समस्या रही हो, या किसानों से जुड़ी समस्याएँ सभी आन्दोलनों के नेतृत्वकारी श्री गोप रहे है। अपनी प्रभावी कार्यशैली ने अरविंद सिंह गोप को वर्ष 1989 मे लखनऊ विश्वविद्यालय का अध्यक्ष निर्वाचित हुए।
छात्र जीवन से ही समाजवाद की छांव मे राजनीति का ककहरा सीखने वाले श्री अरविंद कुमार सिंह गोप कब नेताजी मुलायम सिंह यादव के प्रिय हो गए। यह उन्हें भी नही मालूम था। यहीं से राजनीति के पहले सोपान पर श्री गोप ने कदम रखा। नेताजी के आशीर्वाद ने उन्हे सूबे के सर्वोच्च सदन भेजा और लोकनिर्माण विभाग का राज्यमंत्री बनाया। विभागीय कार्यशैली, नवाचार व मिलनसार व्यक्तित्व ने जन समुदाय का दिल जीत लिया।
सपा ने श्री गोप की क्षमता और निष्ठा का ईमानदारी से मूल्यांकन किया। इसके बाद वर्ष 2012 मे सूबे की सत्ता मे वापसी के बाद समाजवादी पार्टी के तत्कालीन अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने श्री अखिलेश यादव की मुख्यमंत्री बनाया। श्री अखिलेश यादव के कार्यकाल में प्रदेश मे सभी क्षेत्रों में उपलब्धियां हासिल की। उनके मुख्यमंत्रित्व काल मे गोप जी सबसे अहम जिम्मेदारी सौंपी। सूबे का ग्राम्य विकास मंत्री बनाया।
वे लविवि के छात्रसंघ अध्यक्ष से विधायक और मंत्री तक पहुंचे वहीं समाजवादी पार्टी मे प्रदेश सचिव बने। यह श्री गोप की क्षमता और ईमानदारी का परिणाम है। श्री गोप के नेतृत्व व प्रशासनिक क्षमता का लोहा तो विपक्ष की राजनीति करने वाले भी मानते है।
श्री गोप नई पीढ़ी के युवाओं और राजनीतिक कार्यकर्ताओं के लिए प्रेरणादायी है क्योंकि धैर्य और संयम के साथ राजनीति करने का गुर उन्हीं से सीखा जा सकता है।
श्री गोप के जन्म दिवस पर उनके यशस्वी, ओजस्वी और तेजस्वी व्यक्तित्व को मंगल कामनाएं।