दाइश आतंकवादियों की बरबादी से दुखी कुत्ते अमेरिका ने देर रात बगदाद में दागी मिसाइलें,ईरान के मिलिट्री जनरल कासिम सुलेमानी समेत 7 की मौत! पूरे विश्व समेत भारत में भी शोक की लहर,शियाओ में गुस्सा,कई विश्व के शांति प्रिय संघटनो ने कहा आतंकवाद के संरक्षक अमेरिका इज़राईल की एम्बेसी को दे फूक आतंकवाद के खिलाफ अवाम

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तहलका टुडे इंटरनेशनल डेस्क

इराक में अमेरिका द्वारा किए गए मिसाईल हमले में ईरान के टॉप मिलिट्री कमांडर की मौत होने की खबर आयी है। इराक की शक्तिशाली हशेद अल शाबी पैरामिलिट्री फोर्स ने इस खबर की पुष्टि की है। बता दें कि अमेरिका के इस हमले में हशेद अल शाबी पैरामिलिट्री फोर्स के डिप्टी चीफ अबु मेहदी अल मुहांदिस की भी मौत हो गई है। पहले से ही अमेरिका और ईरान में तनाव चल रहा है, ऐसे में अमेरिकी हमले में ईरान के शीर्ष सैन्य अधिकारी की मौत से यह तनाव और ज्यादा भड़क सकता है।

इराक की राजधानी बगदाद में एयरपोर्ट के पास अमेरिकी हवाई हमले में ईरानी मेजर जनरल कासिम सुलेमानी की मौत हो गई। रॉकेट से किए गए इस हमले में कम से कम 7 लोगों के मारे जाने की बात की जा रही है। कासिम के अलावा इराक में ईरानी समर्थक सशस्त्र बल के डेप्युटी कमांडर अबू महदी अल-मुहांदिस की भी मौत हो गई।
ईरान रिवॉलूशनरी गार्ड्स की ही विदेशों में काम करने वाली यूनिट कद्स फोर्स का जिम्मा संभालने वाले कासिम को अमेरिका के बड़े दुश्मनों में शुमार किया जाता था। अमेरिका के कट्टर प्रतिद्वंद्वी ईरान के लिए वह कितना अहम थे, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता था कि पश्चिम एशिया किसी भी मिशन को वही अंजाम देते थे।

इस्लामिक स्टेट के चंगुल से बगदाद को बचाने के लिए सुलेमानी के नेतृत्व में ही पॉप्युलर मोबिलाइजेशन फोर्स के नाम से ईरानी समर्थक फोर्स बनाई गई थी. सुलेमानी की 1980 के दशक में ईरान और इराक के बीच खूनी जंग में अहम भूमिका थी, जिसमें अमेरिका ने इराकी तानाशाह सद्दाम हुसैन का साथ दिया था.
सुलेमानी ने इराक और सीरिया में इस्लामिक स्टेट जैसे खूंखार आतंकियों के मुकाबले कुर्द लड़ाकों और शिया मिलिशिया को एकजुट करने का काम किया. कासिम सुलेमानी की मौत ईरान के लिए बड़ा झटका है. माना जाता है कि सुलेमानी ने हथियार बंद संगठन हिजबुल्लाह, फिलिस्तीन में सक्रिय आतंकी संगठन हमास को समर्थन दिया था. सीरिया में बशर अल-असद सरकार को भी सुलेमानी का समर्थन प्राप्त था.

कुछ दिनों पहले ही बगदाद स्थित उसके दूतावास पर हुए हमले में ईरान का हाथ होने की बात सामने आ रही थी. इसके बाद अमेरिका रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने कहा था कि खेल अब बदल चुका है. उन्होंने कहा था कि ईरान के समर्थन वाले सशस्त्र बलों का अमेरिकी मिलिट्री फोर्सेज की ओर से भी करारा जवाब दिया जाएगा.

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