नई दिल्ली,-केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने आज यहाँ कहा कि केंद्र की मोदी सरकार की बिना भेदभाव के “सम्मान के साथसशक्तिकरैंडण” की नीति का नतीजा है कि सिविल सर्विस मेंआजादी के बाद इस वर्ष सर्वाधिक अल्पसंख्यक समाज के 131 युवा चुने गए हैं, जिनमे 51 मुस्लिम समाज से हैं।
तहलका टुडे से बातचीत में श्री नकवी ने कहा कि पिछले वर्ष भी अल्पसंख्यक समाज के 126 युवा चुने गए थे जिनमे 52 मुस्लिम शामिल थे।
श्री नकवी ने कहा कि अल्पसंख्यक मंत्रालय यूपीएससीपरीक्षाओं हेतु बड़े पैमाने पर निशुल्क कोचिंग कार्यक्रम चलाता है।विभिन्न संस्थानों के माध्यम से यूपीएससी एवं अन्य मेडिकल, इंजीनियरिंग, प्रशासनिक परीक्षाओं हेतु “नई उड़ान”, “नया सवेरा” के तहत कार्यक्रम चला रहा है। युवाओं को परीक्षा में भाग लेने हेतु जागरूकता अभियान भी चलाया जाता है, टेलीविजन,
समाचारपत्रों, विभिन्न संस्थाओं के माध्यम से भी इन फ्री-कोचिंग कार्यक्रमोंका व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाता है।
श्री नकवी ने कहा कि पिछले वर्ष 1099 चयनितअभ्यर्थियों में
मुस्लिम समाज के 52 युवा थे जो की कुल चयनितअभ्यर्थियों का 4.5 प्रतिशत था। इस वर्ष कुल 990 लोगों को सफलता मिली है, जिसमें 51 (5.15 फीसदी) मुस्लिम हैं। टॉप100 में 6 मुस्लिम हैं, जिसमें तीन महिलाएं हैं।
वर्ष 2017-2018 के लिए “नई उड़ान” योजना के तहत अल्पसंख्यक मंत्रालय ने यूपीएससी प्रीलिम्स पास करने वाले 105 अल्पसंख्यक समुदाय के युवाओं को फ्री-कोचिंग दी।
श्री नकवी ने कहा कि अल्पसंख्यक समुदायों विशेषकरमुस्लिम नौजवानों में प्रतिभा की कमी नहीं है। पर इससे पूर्व ऐसामाहौल बनाने की कोशिश नहीं हुई जिससे उनमे विश्वास पैदा होसके। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने बिना भेदभाव केप्रतिभाओं को सम्मान का माहौल दिया है जिसका नतीजा है किइतनी बड़ी संख्या में अल्पसंख्यक समुदाय के नौजवान शीर्षप्रशासनिक सेवाओं में चुने गए हैं।
श्री नकवी ने कहा कि अल्पसंख्यक मंत्रालय ने पिछलेतीन वर्षों के उत्साहवर्धक नतीजों से उत्साहित हो कर फ्री-कोचिंगस्कीमों को और आसान, सुविधायुक्त एवं सुलभ बनाया है। “नई उड़ान”, “नया सवेरा” योजना को संशोधित किया गया है। इसके तहत सिविल सेवा परीक्षा की प्रीलिम्स में पास होने वाले अभ्यर्थियों को सहायता राशि 50,000 रूपए से बढ़ाकर 1 लाख कर दिया गया है।
“नया सवेरा” योजना के तहत विभिन्न प्रशासनिक, मेडिकल, इंजीनियरिंग के लिए फ्री-कोचिंग के लिए प्रमुख संस्थाओं के साथ मिल कर काम हो रहा है।