मदरसों में मुख्यधारा की शिक्षा- हिंदी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान, कंप्यूटर से जोड़ेंगी मोदी सरकार,साम्प्रदायिकता एवं तुष्टीकरण की बीमारी” से मुक्ति दिलाकर “सेहतमंद समावेशी सशक्तिकरण” का माहौल किया जायेगा तैयार,मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी का एलान

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नई दिल्ली-केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने आज यहाँ कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली “इंसाफ, ईमान और इकबाल की सरकार” ने “विकास की सेहत” को “साम्प्रदायिकता एवं तुष्टीकरण की बीमारी” से मुक्ति दिलाकर “सेहतमंद समावेशी सशक्तिकरण” का माहौल तैयार किया है।

आज नई दिल्ली में अंत्योदय भवन में मौलाना आज़ाद एजुकेशन फाउंडेशन की 112वी गवर्निंग बॉडी एवं 65वी जनरल बॉडी मीटिंग की अध्यक्षता करते हुए श्री नकवी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की सरकार “समावेशी विकास, सर्वस्पर्शी विश्वास” के संकल्प से भरपूर है।

श्री नकवी ने कहा कि अल्पसंख्यक वर्ग की स्कूल ड्रॉपआउट लड़कियों को देश के प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों से ब्रिज कोर्स करा कर उन्हें शिक्षा और रोजगार से जोड़ा जायेगा। देश भर के मदरसों में मुख्यधारा की शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए मदरसा शिक्षकों को विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों से प्रशिक्षण दिलाया जायेगा ताकि वे मदरसों में मुख्यधारा की शिक्षा- हिंदी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान, कंप्यूटर आदि- दे सकें। यह काम अगले महीने से शुरू कर दिया जायेगा।

मुख़्तार अब्बास नकवी ने कहा कि “3E- ऐजुकेशन (शिक्षा), एम्प्लायमेंट (रोजगार व रोजगार के मौके) एवं इम्पावरमेंट (सामाजिक-आर्थिक-सशक्तिकरण)” कार्यक्रम के तहत अगले पांच वर्षों में प्री-मैट्रिक, पोस्ट मैट्रिक एवं मेरिट-कम-मीन्स आदि योजनाओं द्वारा 5 करोड़ विद्यार्थियों को स्कालरशिप दी जाएगी, जिनमें 50 प्रतिशत से ज्यादा लड़कियों को शामिल किया जाएगा। इनमे आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग की लड़कियों के लिए 10 लाख से ज्यादा बेगम हजरत महल बालिका स्कालरशिप भी शामिल हैं।

श्री नकवी ने कहा कि जिन क्षेत्रों में शैक्षणिक संस्थाओं के लिए पर्याप्त ढांचागत सुविधायें नहीं है वहां प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम (पीएमजेवीके) के तहत पॉलिटेक्निक, आई.टी.आई, गल्र्स हॉस्टल, स्कूल, कालेज, गुरूकुल टाईप आवासीय विद्याालय, कॉमन सर्विस सेंटर आदि का यु़द्ध स्तर पर निर्माण शुरू किया गया है।

श्री नकवी ने कहा कि “पढ़ो व बढ़ो” जागरूकता अभियान के अंतर्गत उन सभी दूर दराज क्षेत्रों में जहां सामाजिक एवं आर्थिक रूप से पिछडापन है तथा लोग अपने बच्चों को शैक्षणिक संस्थानों में नहीं भेज पा रहे हैं, उन माता-पिताओं को अपने बच्चों को शैक्षणिक संस्थानों में भेजने हेतु जागरूक एवं प्रोत्साहित किया जाएगा। इसमें विशेष रूप से लड़कियों की शिक्षा पर फोकस किया जाएगा। साथ ही शैक्षणिक संस्थाओं को सुविधा एवं साधन उपलब्ध कराने के लिए प्रभावी काम किया जाएगा।

श्री नकवी ने कहा कि इस अभियान के तहत नुक्कड़ नाटकों, लघु फिल्मों आदि जैसे सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से जागरूकता और प्रोत्साहन का अभियान चलाया जाएगा। इस कड़ी में पहले चरण में देश के 60 अल्पसंख्यक बहुल जिलों को चयनित कर इस अभियान को प्रारंभ किया जाएगा।

श्री नकवी ने कहा कि इसके अलावा, आर्थिक रूप से कमजोर अल्पसंख्यक- मुस्लिम, ईसाई, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी- युवाओं को केंद्र एवं राज्य की प्रशासनिक सेवाओं, बैंकिंग, कर्मचारी चयन आयोग, रेलवे एवं अन्य प्रतियोगी परिक्षाओं हेतु फ्री-कोचिंग की व्यवस्था की जाएगी।

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