मुंबई: किसानों का रुख़ देखते हुए महाराष्ट्र सरकार भी ऐक्शन में आ गई है. किसानों की मांगों पर विचार के लिए फडणवीस सरकार ने एक कमेटी बनाई है, जिसमें छह मंत्री शामिल हैं. कमेटी में चंद्रकांत पाटिल, पांडुरंग फुडकर, गिरीश महाजन, विष्णु सवारा, सुभाष देशमुख और एकनाथ शिंदे शामिल हैं. इससे पहले किसानों की बढ़ती संख्या को देखते हुए महाराष्ट्र सरकार ने अपनी तरफ से कैबिनेट मंत्री गिरीश महाजन को किसानों से बातचीत करने भेजा था जिन्होंने किसानों को अश्वासन दिया कि सरकार उनकी मांगों को लेकर सकारात्मक है. महाजन ने कहा, ‘सोमवार को माननीय मुख्यमंत्री के साथ इनकी चर्चा होने वाली है. इनके जो सभी कार्यकारणी सदस्य हैं, इनके प्रमुख हैं, वो जाकर माननीय मुख्यमंत्री से चर्चा करेंगे और मुझे लगता है इसमें से पॉजिटिव हल निकालने वाले है.’
आपको बता दें कि किसानों का मोर्चा आजाद मैदान पहुंच चुका है. इस महामोर्चा में 50 हजार किसान शामिल हैं. किसानों ने आज महाराष्ट्र विधानसभा का ऐलान किया है. इसके साथ ही महाराष्ट्र की राजनीति में भी हलचल मच गई है. मोर्चे के मुंबई पहुंचते ही कई राजनीतिक पार्टियों ने इस पदयात्रा का समर्थन भी किया. सत्ता में बैठी शिवसेना की ओर से आदित्य ठाकरे और एकनाथ शिंदे ने किसानों को संबोधित किया. मुंबई नगरपालिका ने आज़ाद मैदान में किसान मोर्चा के लिए ख़ास इंतज़ाम किए हैं. 40 सीटों वाला टॉयलेट, पानी के 4 टैंकर, एंबुलेंस का इंतज़ाम किया गया है. मंत्रालय और आज़ाद मैदान के आसपास के सार्वजनिक शौचालयों को अगले दो दिन तक मुफ़्त सेवा देने के निर्देश हैं. साथ ही आज़ाद मैदान में साफ़ सफ़ाई के लिए अतिरिक्त लोगों को लगाया गया है.
गौरतलब है कि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के किसान मोर्चे अखिल भारतीय किसान सभा (एआईकेएस) की अगुवाई में यह विरोध मार्च मंगलवार को नासिक से मुंबई के लिए रवाना हुआ था. हाथों में लाल झंडा थामे ये किसान ऑल इंडिया किसान सभा समेत तमाम संगठनों से जुड़े हैं. इस मार्च में किसानों के साथ खेतिहर मज़दूर और कई आदिवासी शामिल हैं. इनकी प्रमुख मांगों में कर्ज़माफी ले लेकर न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने और स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट को लागू करना शामिल है. किसानों का कहना है कि फडणवीस सरकार ने पिछले साल किया 34000 करोड़ का कर्ज़ माफी का वादा अब तक पूरा नहीं किया है.