अब कहां हैं आयकर अफसर?,विधायको को 100-100 करोड़ का ऑफर दे रही भाजपा,-कुमारस्वामी

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तहलका टुडे टीम
नई दिल्ली. कर्नाटक में सत्ता के लिए भाजपा और जेडीएस-कांग्रेस के बीच रस्साकशी शुरू हो गई है। तीनों पार्टियां बहुमत के लिए जरूरी 112 विधायक होने का दावा कर रही हैं। विधायक दल की बैठक के बाद येद्दियुरप्पा ने राज्यपाल वजुभाई वाला से मुलाकात की। इस बीच, जेडीएस-कांग्रेस ने भाजपा पर खरीद-परोख्त का आरोप लगाया है। जनता दल सेक्युलर के चीफ एचडी कुमारस्वामी ने यहां तक कह दिया कि वे लोग (भाजपा नेता) पार्टी के विधायकों को 100-100 करोड़ रुपए का ऑफर दे रहे हैं। इससे पहले कांग्रेस के एक विधायक अमरेगौड़ा लिंगानागौड़ा पाटिल बाय्यापुर ने कहा कि बीजेपी नेताओं ने उन्हें मंत्री पद का ऑफर दिया था। कांग्रेस ने भी भाजपा के 6 विधायकों के संपर्क में होने का दावा किया है। बता दें कि इस चुनाव में भाजपा को 104, कांग्रेस को 78 और जेडीएस गठबंधन को 38 सीटें मिली हैं।

हमने भाजपा की अश्वमेध यात्रा रोक दी

– जेडीएस चीफ कुमारस्वामी ने कहा- ” भाजपा की अश्वमेध यात्रा उत्तर से शुरू हुई, लेकिन कर्नाटक में हमने उसके घोड़े रोक दिए। ये जनादेश भाजपा की अश्वमेध यात्रा रोकने के लिए है। भूल जाइए कि ऑपरेशन कमल कामयाब होगा। जेडीएस विधायकों को भाजपा 100-100 करोड़ का ऑफर दे रही है। ये कालाधन कहां से आया? अब कहां हैं आयकर अफसर? वे तो गरीब जनता के सेवक माने जाते हैं। आज पैसे कैसे ऑफर कर रहे हैं?”

-” ऐसे लोग भी हैं जो भाजपा छोड़कर हमारे साथ आना चाहते हैं। अगर आपने हमारे एक भी विधायक को तोड़ा, तो हम आपके दोगुने विधायकों को तोड़ेंगे। मैंने गवर्नर से भी कहा है कि हॉर्स-ट्रेडिंग को रोकें।”
– “मुझे दोनों तरफ से ऑफर था। मैं हल्के तौर पर ये बात नहीं कह रहा। 2004-05 में भाजपा का साथ देने के मेरे फैसले से मेरे पिता के करियर पर काला धब्बा लगा था। भगवान ने मुझे वह दाग धो देने का मौका दिया है। लिहाजा, मैं कांग्रेस के साथ जा रहा हूं।”

क्या है ऑपरेशन कमल?
– 2008 में भाजपा के पास बहुमत के लिए जरूरी 113 से 3 सीटें कम थीं। तब उसने ‘ऑपरेशन कमल’ चलाकर सरकार बना ली थी।
– कहा जाता है कि तब भाजपा ने दल-बदल कानून से बचने के लिए कांग्रेस के 3 और जेडीएस के 4 विधायकों को इस्तीफा देने के लिए राजी कर लिया था। उन्हें भाजपा के टिकट से दोबारा चुनाव लड़ाया गया। इनमें से 5 विधायक जीत गए। इस तरह भाजपा 110 से बढ़कर 115 सीटों पर पहुंच गई थी।

पार्टी की बैठक में नहीं पहुंचे कांग्रेस के 12 और जेडीएस के 2 विधायक

-भाजपा और जेडीएस-कांग्रेस के विधायक दल की बैठक बुधवार को हुई। जेडीएस के 2 विधायक राजा वेंकटप्पा नायक और वेकंट राव नडगौड़ा इस बैठक में नहीं पहुंचे। नायक मानवी से और नडगौड़ा सिंधानुर विधानसभा क्षेत्र से चुने गए हैं।

– भाजपा ने येद्दियुरप्पा को और जेडीएस ने एचडी कुमारस्वामी को विधायक दल का नेता चुना। बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि पार्टी ने विधायक दल का नेता मुझे चुना है। मैंने राज्यपाल को पत्र सौंपा है। उन्होंने मुझसे कहा कि वह उचित फैसला करेंगे। मुझे उम्मीद है कि वह मुझे बुलाएंगे।

– कर्नाटक प्रजनवंता पक्ष के विधायक आर शंकर राजभवन में भाजपा के प्रतिनिधिमंडल के साथ दिखाई दिए।

कांग्रेस ने दावा किया, भाजपा के 6 विधायक हमारे साथ

-कांग्रेस के एमबी पाटिल ने कहा कि भाजपा के 6 विधायक उनके संपर्क में हैं। उधर, एन हैरिस ने कहा कि हमें जनता के फैसले को बचाना होगा। वे (भाजपा) खराब राजनीति कर रहे हैं। हमें उन्हें रोकना होगा। हमारे पास 118 विधायकों का समर्थन है।

कांग्रेस विधायक ने कहा- मुझे ऑफर मिला था

– कांग्रेस विधायक अमरेगौड़ा लिंगानागौड़ा पाटिल बाय्यापुर ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया कि मुझे भाजपा नेताओं का कॉल आया था। उन्होंने कहा कि हमारे साथ आ जाओ और हम आपको मंत्रालय देंगे। हम आपको मंत्री बनाएंगे। लेकिन, मैंने मना कर दिया। हमारे मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी हैं।

– कांग्रेस नेता डी शिवकुमार ने कहा कि वे (भाजपा‌) हमारे नेताओं के संपर्क में हैं। ये हम जानते हैं। सभी पर बहुत दबाव है। लेकिन यह आसान नहीं होगा, क्योंकि दो पार्टियों के पास बहुमत का नंबर है। लोग यह सब देख रहे हैं।
– वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा सभी कांग्रेस एमएलए हमारे साथ हैं। कोई भी बाहर नहीं है। हम सरकार बनाने जा रहे हैं।

– गुलाम नबी आजाद ने बुधवार को कहा, “भाजपा के पास 104 विधायक हैं। कांग्रेस और जेडीएस के पास 117 हैं। राज्यपाल को सही फैसला करना होगा।”

जेडीएस ने कहा- हमारे सभी नेता विश्वसनीय

– जेडीएस नेता सरवाना ने कहा- “हम नहीं जानते है कि वे (भाजपा‌) क्या ऑफर कर रहे हैं, लेकिन वे हमारे लोगों से संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं। हम सभी एक साथ हैं। हमारी पार्टी को कोई छू नहीं सकता। हमारे सभी एमएलए विश्वसनीय हैं।”

येद्दियुरप्पा ने शपथ के लिए 17 मई का मुहूर्त भी निकलवाया
– सूत्रों के मुताबिक, भाजपा ने कांग्रेस और जेडीएस के जिन विधायकों को ऑफर दिया है। उन्हें पार्टी हर स्थिति में सपोर्ट करेगी। अगर ये विधायक भाजपा को वोट देंते या फ्लोर टेस्ट के दौरान गैर-हाजिर रहते हैं तो दोनों सूरत में दल-बदल कानून के तहत इनकी सदस्यता जानी तय है। ऐसे में भाजपा ने उन्हें अपने टिकट पर उपचुनाव लड़ने का विकल्प दिया है। खुद न लड़कर यह चाहें तो किसी नाते-रिश्तेदार को लड़वा सकते हैं। अगर कोई विधायक उपचुनाव नहीं लड़ना चाहता तो उसे विधान परिषद में एडजस्ट किया जाएगा।

– जो खबरें आ रही हैं उसके मुताबिक, राज्यपाल बुधवार को भाजपा को सरकार बनाने का न्योता दे सकते हैं। येद्दियुरप्पा ने शपथ के लिए 17 मई का मुहूर्त भी निकलवा लिया है। वह 21 को बहुमत साबित करेंगे। विधायक तोड़ने पर येद्दियुरप्पाऔर राज्यसभा सांसद राजीव चंद्रशेखर के बीच देर रात तक बैठक भी चली। वहीं, देर रात तक कांग्रेस-जेडीएस की भी बैठक चल रही थी।

मौजूदा स्थिति : भाजपा सबसे बड़ी पार्टी, बहुमत से 8 सीटें दूर

– राज्य में कुल सीटें 224 हैं। बहुमत के लिए 113 जरूरी।

– 2 सीटों पर मतदान बाकी है। इसलिए बहुमत का आंकड़ा 112 है।
पार्टी 2018 2013 अंतर
कांग्रेस 78 122 – 44
भाजपा 104 40 +64
जेडीएस+ 38 40 -2
अन्य 02 22 -18

कर्नाटक में सरकार बनाने के दो फॉर्मूला

1) फॉर्मूला 1 कांग्रेस+जेडीएस+अन्य यानी (78+38+1=117)
– आंकड़े बहुमत से ज्यादा हैं। लेकिन यह चुनाव के बाद का गठबंधन है। ऐसे में राज्यपाल पर कोई संवैधानिक या नैतिक दबाव नहीं है कि इस गठबंधन को ही पहला मौका दें।

2) फाॅर्मूला 2 भाजपा+जुटाए विधायक यानी (104+8=112)
– भाजपा को कम से कम आठ विधायकों की जरूरत है। एेसे में कांग्रेस या जेडीएस से कम से कम आठ विधायक तोड़ने होंगे। सबसे बड़े दल के नाते राज्यपाल ने भाजपा को न्योता दिया तो उसे बहुमत जुटाने के लिए मोहलत मिल जाएगी।
– एक संभावना ऐसी भी हो सकती है: इन दो फॉर्मूलों के अलावा एक तीसरी स्थिति भी संभव है। न्योता मिलने के बाद भी भाजपा बहुमत साबित करने में नाकाम रही तो कांग्रेस- जेडीएस काे गैर भाजपा सरकार बनाने का मौका मिल सकता है।

राजभवन में राजनीति: कांग्रेस ने राज्यपाल को दिखाया गोवा पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला
– कांग्रेस और जेडीएस के नेताओं ने मंगलवार को राजभवन में राज्यपाल से मुलाकात की और गोवा पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला दिखाया। कहा- सबसे बड़े दल को शपथ जरूरी नहीं है। कोर्ट ने कहा था, “सबसे बड़े दल को शपथ दिलवाना जरूरी नहीं। 2-3 दलों के पास ज्यादा संख्या है तो उन्हें शपथ दिलवा सकते हैं।’ कांग्रेस ने कहा- राज्यपाल इसके खिलाफ नहीं जा सकते।

अब दारोमदार राज्यपाल वजुभाई के हाथों में
– सरकार किसकी बनेगी, यह इस पर निर्भर है कि राज्यपाल वजुभाई वाला किसे न्योता देंगे। नरेंद्र मोदी के गुजरात में सीएम के तौर पर 13 साल के कार्यकाल में वजुभाई वाला 9 साल तक वित्त मंत्री थे। 2001 में मोदी के पहले विधानसभा चुनाव के लिए वजुभाई ने राजकोट सीट छोड़ दी थी।

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