नई दिल्ली । अमेरिका ने भारत को हथियार क्षमता से युक्त गार्जियन ड्रोन देने की पेशकश की है। अभी तक यह ड्रोन केवल गैर हथियार और सर्विलांस उद्देश्यों के लिए ही बिक्री को अधिकृत था। सूत्रों के मुताबिक अगर इस डील ने आकार लिया तो नाटो देशों के बाहर दूसरे को अमेरिका पहली बार बड़े आर्म्ड ड्रोन बेचेगा।
यह भारत-पाकिस्तान के बीच अक्सर तनाव वाले इस इलाके के लिए पहला हाइटेक मानवरहित एयरक्राफ्ट होगा। अप्रैल में ट्रंप प्रशासन ने अमेरिकी हथियार निर्यात नीति में बदलाव किए थे। इसके तहत ट्रंप प्रशासन ने हथियारों की बिक्री को सहयोगियों के बीच बढ़ाने का लक्ष्य तैयार किया है। ट्रंप प्रशासन का कहना है कि इसकी मदद से अमेरिकन डिफेंस इंडस्ट्री को फायदा मिलेगा और उनके देश में नई नौकरियों का सृजन भी होगा।
इस प्लान में ड्रोन निर्यात की एक नई नीति को भी शामिल किया गया है। इसके तहत मिसाइल फायर करने वाले विध्वंसक और सर्विलांस ड्रोन को दूसरे सहयोगियों को भी बेचने की अनुमति दी गई है। हालांकि इस डील को हासिल करने के लिए भारत को एक कम्युनिकेशन फ्रेम वर्क को स्वीकार करना होगा।
संभव है कि दिल्ली को यह ज्यादा दखलंदाजी वाला लगे। सूत्रों के मुताबिक जुलाई में भारत और अमेरिका के बीच रद्द हुई बैठक में ड्रोन की इस डील पर भी बात होनी थी और इसे अजेंडा में शामिल किया गया था। इस उच्च स्तरीय बैठक के अब इस साल सितंबर में होने की उम्मीद है।