भारत का नाम दुनिया मे रौशन करने वाली पत्रकार /लेखिका एनी जैदी का पत्रकारिता दिवस पर इस्तेकबाल जिन्होंने जीता ब्रिटेन में एक लाख डॉलर का नाइन डॉट्स अवार्ड

Breaking News अदब - मनोरंजन ज़रा हटके

तहलका टुडे टीम

भारतीय लेखिका एनी जैदी ने ब्रिटेन में बुधवार को एक लाख डॉलर का प्रतिष्ठित पुस्तक पुरस्कार ‘नाइन डॉट्स’ जीता है। यह पुरस्कार विश्व भर के समसामयिक मुद्दों को उठाने वाले नवोन्मेषी विचारों को सम्मानित करने के लिए दिया जाता है।

मुंबई की रहने वाली जैदी एक स्वतंत्र लेखिका हैं। वह रिपोर्ताज, निबंध, लघु कहानियां, कविताएं और नाटक लिखती हैं। उन्हें यह पुरस्कार उनकी प्रविष्टि ‘ब्रेड, सीमेंट, कैक्टस’ के लिए दिया गया है। यह पुस्तक भारत में उनके समसामयिक जीवन के अनुभवों में रचे-बसे स्मरण और घर एवं संपत्ति की अवधारणा को तलाश करते रिपोर्ताज का मिश्रण है। एनी ने इस कृति में इस सवाल का जवाब देने की कोशिश की है कि एक आम नागरिक की घर को लेकर धारणा किस तरह बनती बिगड़ती है।

3000 शब्द का निबंध लिखना होता है
पुरस्कार के लिए प्रतिभागियों को 3,000 शब्द में एक विषय पर निबंध लिखना होता है। नॉन डॉट्स प्राइज के विजेता को अपने जवाब को एक पुस्तक के रूप में ढालने के लिए सहयोग दिया जाता है जिसे कैंब्रिज यूनिवर्सिटी प्रेस (सीयूपी) प्रकाशित करता है।

कैंब्रिज में काम करने का मौका मिलेगा
नाइन डॉट्ज प्राइज के विजेता को कैंब्रिज विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर रिसर्च इन आर्ट्स, सोशल साइंसेज एंड ह्यूमैनिटीज (सीआरएएसएसएच) में कुछ समय बिताने का मौका दिया जाता है।

उपन्यास-काव्य दोनों लिखे
एनी ने अपने लेखन के दौरान उपन्यास और काव्य दोनों लिखे हैं। इनके निबंधों के संग्रह को 2010 में क्रॉसवर्ड बुक अवार्ड से नवाजा गया है। वहीं ‘लव स्टोरीज 1-14’ के संकलन को 2012 में सम्मानित किया गया है।

2020 में प्रकाशित होंगे निबंध
एनी जैदी के ‘ब्रेड, सीमेंट, कैकटस’ नाम से निबंधों, जिनके लिए यह पुरस्कार दिया जा रहा है को मई 2020 में सीयूपी द्वारा प्रकाशित किया जाएगा। इस पुस्तक में भारत में मृत्यु के पीछे की राजनीति और अर्थव्यवस्था, जाति संघर्ष, विवाह के धार्मिक पहलुओं और भारत विभाजन के सांस्कृतिक और भावनात्मक पहलुओं को छुआ गया है।

‘नाइन डॉट्स प्राइज जिस तरह से नए लोगों को बिना सीमा या अंकुश के सोचने के लिए प्रोत्साहित करता है मैं इससे प्रभावित हुई हूं। इस राशि से मुझे आगे और अध्ययन करने में मदद मिलेगी।’-ऐनी जैदी, स्वतंत्र लेखिका

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