जबलपुर, १२ अक्टूबर : लोकतंत्र उत्सव के मुख्य नायक ‘लोक’ को जिला एवं पुलिस प्रशासन द्वारा पैसे तले रौंदा जा रहा है। निर्वाचन आचार संहिता लागू होने के बाद पुलिस प्रशासन का रवैया नागरिकों के मौलिक अधिकारों का हनन वाला हो गया है। यह कहना है एमपी हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष आदर्शमुनि त्रिवेदी का।
बार के सिल्वर जुबली हाल में आयोजित पत्रकारवार्ता में उन्होंने कहा कि विगत ६ अक्टूबर की रात्रि से आचार संहिता लागू होन के उपरांत, भारत के निर्वाचन आयोग द्वारा जारी ‘आदर्श आचार संहिता’ के नाम पर जबलपुर की पुलिस व प्रशासन द्वारा सायं ६ बजे के बाद शहर व ग्रामीण क्षेत्रों के हर चौराहे पर बेरीकेड्स लगाकर घोर निरंकुशता व अराजकता को प्रताड़ित एवं अपमानित किया जा रहा है,
वह चाहे अधिवक्ता हो, चिकित्सक हो, पत्रकार हो अथवा सामान्य नागरिक, जिन्हे किसी राजनीतिक दल के प्रचार से कोई प्रयोजन नहीं हो।
तीन दिन पूर्व उच्च न्यायालय परिसर के सामने सड़क से सायं ५ बजे अधिवक्ताओं के वाहन जिनमें अधिवक्ता व्यवसाय का ‘बैंड’ द्वारा प्रदर्शित मोनो वाला स्टिकर लगा था, बलपूर्वक उठाने का प्रयास किया गया।जबलपुर, १२ अक्टूबर (ईएमएस)।
लोकतंत्र उत्सव के मुख्य नायक ‘लोक’ को जिला एवं पुलिस प्रशासन द्वारा पैसे तले रौंदा जा रहा है। निर्वाचन आचार संहिता लागू होने के बाद पुलिस प्रशासन का रवैया नागरिकों के मौलिक अधिकारों का हनन वाला हो गया है। यह कहना है एमपी हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष आदर्शमुनि त्रिवेदी का।
बार के सिल्वर जुबली हाल में आयोजित पत्रकारवार्ता में उन्होंने कहा कि विगत ६ अक्टूबर की रात्रि से आचार संहिता लागू होन के उपरांत, भारत के निर्वाचन आयोग द्वारा जारी ‘आदर्श आचार संहिता’ के नाम पर जबलपुर की पुलिस व प्रशासन द्वारा सायं ६ बजे के बाद शहर व ग्रामीण क्षेत्रों के हर चौराहे पर बेरीकेड्स लगाकर घोर निरंकुशता व अराजकता को प्रताड़ित एवं अपमानित किया जा रहा है,
वह चाहे अधिवक्ता हो, चिकित्सक हो, पत्रकार हो अथवा सामान्य नागरिक, जिन्हे किसी राजनीतिक दल के प्रचार से कोई प्रयोजन नहीं हो। तीन दिन पूर्व उच्च न्यायालय परिसर के सामने सड़क से सायं ५ बजे अधिवक्ताओं के वाहन जिनमें अधिवक्ता व्यवसाय का ‘बैंड’ द्वारा प्रदर्शित मोनो वाला स्टिकर लगा था,
बलपूर्वक उठाने का प्रयास किया गया। ११ अक्टूबर को शहर और ग्रामीण क्षेत्रों की पुलिस ने पुनः सायंकाल से देर रात्रि तक हर चौराहे पर पुनः तांडव नृत्य किया और महिला वाहन चालकों तक को खुले आम अपमानित किया गया। अनजान फोटोग्राफरों को बुलाकर किसी के भी चित्र उतारे जा रहे हैं,
पर कांच में ‘मेंबर एलएस’ लिखे चौपहिया वाहन खुले आम चौराहों से निकल रहे हैं। जबकि निर्वाचन आचार संहिता में आम नागरिकों के वाहनों से मात्र ऐसे झंडे और स्टीकर्स हटाने का प्रावधान है जो किसी विशेष प्रत्याशी के लिये ‘वोट’ दिये जाने के ध्येय को इंगित करते हों। पत्रकारवार्ता में एडवोकेट राधेलाल गुप्ता, आरके सिंह सैनी सहित कई अधिवक्ता मौजूद रहे।