इस्लामिक मुल्कों का नया औरंगजेब बना सऊदी अरब का बिन सलमान,41बेकसूर शिया नौजवानों के कत्लेआम से ईरान नाराज, सऊदी अरब के साथ वर्षों से जारी तनाव को कम करने के मकसद से चल रही वार्ता अस्थाई तौर पर स्थगित

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(तहलका टुडे इंटरनेशनल डेस्क)

तेहरान, ईरान ने सऊदी अरब के साथ वर्षों से जारी तनाव को कम करने के मकसद से चल रही वार्ता को अस्थायी तौर पर स्थगित करने का निर्णय लिया है। ईरान की सरकारी मीडिया की खबर में रविवार को यह जानकारी दी गई।
इस्लामिक मुल्कों का नया औरंगजेब सऊदी अरब का बिन सलमान के 41बेकसूर शिया नौजवानों के सामूहिक कत्लेआम से ईरान ने ये कदम उठाकर हड़कंप मचा दिया है,हालांकि, रिपोर्ट में वार्ता स्थगित करने के कारणों को स्पष्ट नहीं किया गया।

सऊदी अरब के आधुनिक इतिहास में एक ही दिन सामूहिक रूप से सबसे ज्यादा लोगों को मृत्युदंड दिए जाने का यह पहला मामला है। इससे पूर्व, जनवरी 1980 में मक्का की बड़ी मस्जिद से संबंधित बंधक प्रकरण के दोषी ठहराए गए 63  को मृत्युदंड दिया गया था।

ईरानी समाचार वेबसाइट ‘नॉर न्यूज’ की खबर के मुताबिक, सरकार ने एकतरफा निर्णय लेते हुए सऊदी अरब से वार्ता स्थगित कर दी है जोकि दोनों देशों के बीच तनाव कम करने के मद्देनजर पिछले साल से बगदाद में चल रही है।

इससे पहले, इराक के विदेश मंत्री ने कहा था कि सऊदी अरब और ईरान के बीच जारी वार्ता के पांचवें दौर की बातचीत बुधवार को होनी प्रस्तावित थी।

सऊदी अरब की तानाशाही सरकार के विरोधी संचार माध्यमों ने सूचना दी है कि सऊदी अरब की तानाशाही सरकार ने आज जिन 81 लोगों को फांसी दी है उनमें से 41 शिया युवा थे।

समाचार एजेन्सी नबा ने एलान किया है कि सऊदी अरब ने आज जिन लोगों को फांसी दी है उनमें से 41 युवा इस देश के पूर्वी प्रांत अलअहसा के रहने वाले थे और विभिन्न बहानों से सऊदी अरब की सरकार ने उन्हें गिरफ्तार करके जेल में बंद कर रखा था।

इसी प्रकार समाचार एजेन्सी नबा ने बताया है कि जिन युवाओं को फांसी दी गयी वे अपनी आस्थाओं को ज़ाहिर करने के वैध अधिकार का प्रयोग कर रहे थे और मोहम्मद बिन सलमान वह हत्यारा है जिसे निर्दोष लोगों की हत्या से आनंद आता है।

नबा ने एलान किया है कि सऊदी अरब एक तानाशाही, वहशी और हत्यारी व्यवस्था है और यह हत्या इस बात का मुंह बोलता सुबूत है कि सऊदी अरब सुधार के बारे में जो दावे करता है वह केवल खोखले प्रचारिक दावे हैं।

इसी प्रकार समाचार एजेन्सी नबा ने फांसी दिये जाने वाले कुछ शिया युवाओं की तस्वीर भी प्रकाशित की है।

कुछ सोशल कार्यकर्ताओं ने सऊदी अरब की इस पाश्विक कार्यवाही पर प्रतिक्रिया में विश्व के मुसलमानों और आज़ाद इंसानों का आह्वान किया है कि वे सऊदी अरब के अपराधों की भर्त्सना करें और पश्चिमी देशों के दोहरे मापदंड पर विरोध जतायें।

इराक के एक वरिष्ठ राजनेता अबु आला अलवेलाई ने इन हत्याओं की प्रतिक्रिया में कहा है कि इस वक्त विश्व वासियों का ध्यान यूक्रेन युद्ध की ओर है और सऊदी अरब ने इस समय का दुरुपयोग किया है।

इराक के नोजबा आंदोलन के प्रवक्ता ने भी इस संबंध में कहा कि सऊदी अरब फांसी देकर मानवाधिकारों का हनन जारी रखे हुए है। नस्र अश्शम्मरी ने कहा कि सऊदी अरब फांसी देने वालों पर आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त होने का आरोप मढ़ कर दुनिया को गुमराह कर रहा है।

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