पत्रकार की  दर्दनाक हत्या कराने वाला सऊदी अरब का शहजादा सलमान बना PM मोदी का दोस्त,मिलाया  खूनी हाथ सिर्फ एक रात के लिए 52 करोड़ खर्च कर देता है…….हर रात होती है रंगीन

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नई दिल्ली:वॉशिंगटन पोस्ट के पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या कराने वाले सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से दोस्ती बढ़ाना शुरू कर दिया है। उन्होंने मोदी को भरोसा दिया है कि वह भारत में तेल की कमी नहीं होने देंगे। शहजादे सलमान और मोदी की यह दोस्ती और आगे बढ़ती है तो भारत के काफी काम आ सकती है।
शहजादे सलमान अपनी दोस्ती और दौलत के लिए दुनिया भर में जाने जाते हैं। 2017 तक उनके पास लगभग 200 खरब की दौलत थी। दुनिया का सबसे बड़ा तेल निर्यातक होने के कारण उनकी दौलत तेजी से बढ़ रही है, वहीं वह अपनी इस दौलत को लुटाने से पीछे नहीं हटते।  2015 में सऊदी शाह अब्दुल्लाह का 90 वर्ष की आयु में निधन के बाद शाह सलमान ने गद्दी संभाली है। दो साल बाद शाह सलमान ने अपने 57 वर्षीय भतीजे मोहम्मद बिन नायेफ को हटाकर अपने बेटे मोहम्मद बिन सलमान को क्राउन प्रिंस घोषित किया। साथ ही, उन्हें प्रधानमंत्री भी घोषित कर दिया।
सलमान ने कुछ साल पहले मालदीव में अपने जन्‍मदिन की पार्टी ऑर्गेनाइज की थी, मीडिया रिपोर्ट मुताबिक, एक रात की पार्टी के लिए सलमान ने (80 लाख डॉलर) 52 करोड़ रुपए लुटा दिए थे। इस पार्टी में पिट बुल, जे-लो और शकीरा जैसे वर्ल्‍ड सेलिब्रिटीज को बुलाया गया था। अन्‍य स्‍टार जो इस पार्टी में मौजूदा थे, उनमें जनिफर लोपेज और गैंगनम स्‍टाइल फेम पीएसवाई के नाम शामिल हैं। प्रिंस सलमान ने इस पार्टी के लिए आस-पास के कई प्रिंस और मशहूर हस्तियों को भी इन्‍वाइट किया था।
सलमान ने हाल में एक सुपर लग्‍जरी याच भी खरीदा है। करीब 360 करोड़ रुपए की लागत से यह याच रूस के एक बिजनेसमैन से खरीदा गया था। सलमान ने हाल में एक सुपर लग्‍जरी याच भी खरीदा है। करीब 360 करोड़ रुपए की लागत से यह याच रूस के एक बिजनेसमैन से खरीदा गया था।

वही विरोधाभासी व्यक्तित्व के जटिल व्यक्ति पत्रकार जमाल खशोगी कभी सऊदी अरब के शाही परिवार के करीबी थे जो बाद में अति रूढ़िवादी सरकार के मुखर आलोचक बन गए और अंतत: इस्तांबुल के वाणिज्य दूतावास के भीतर उनकी दर्दनाक हत्या कर दी गई.जिसका इल्जाम भी शहजादे पर आया था।

वॉशिंगटन पोस्ट समाचारपत्र के लिए लिखे अपने अंतिम लेख में खशोगी ने संभवत: पश्चिम एशिया में अभिव्यक्ति की अधिक स्वतंत्रता के लिए आग्रह किया.

उन्होंने लिखा, ‘अरब विश्व अपने खुद के अवरोधकों का सामना कर रहा है जो किन्हीं बाहरी तत्वों द्वारा नहीं, बल्कि सत्ता की होड़ वाले घरेलू बलों के माध्यम से लागू किया जा रहा है.’ इस लेख के बाद उनकी आवाज अब हमेशा के लिए शांत हो गई.

विवाह संबंधी कागजात हासिल करने दो अक्टूबर को इस्तांबुल स्थित अपने देश के दूतावास में प्रवेश के बाद से लापता हुआ सऊदी अरब का यह पत्रकार सऊदी अरब के शक्तिशाली शहजादे मोहम्मद बिन सलमान से मतभेद होने के बाद 2017 में अपनी इच्छा से अमेरिका चला गया था.

उनका लापता होना एक रहस्य बन गया और इसके साथ ही घटना ने सऊदी अरब और अमेरिका के लिए अंतरराष्ट्रीय संकट पैदा कर दिया.

खशोगी ने कई बार बिन लादेन का इंटरव्यू लिया

रियाद ने खशोगी के दूतावास से जीवित बाहर निकलने की बात बार-बार कहने के बाद करीब दो हफ्ते बाद स्वीकारा कि दूतावास के भीतर मिले लोगों से झगड़े के बाद उनकी मौत हो गई. खशोगी का ताल्लुक तुर्की मूल के एक प्रमुख सऊदी अरब परिवार से था. उनके दादा मोहम्मद खशोगी सऊदी अरब के संस्थापक शाह अब्दुल अजीज अल-सऊद के निजी डॉक्टर थे.

युवा ओसामा बिन लादेन के दोस्त, मुस्लिम ब्रदरहुड के हमदर्द, सऊदी अरब के शाही परिवार के सहयोगी, देश के शासन के आलोचक एवं एक उदारपंथी- इन सभी विरोधाभासी व्याख्याओं का संब‍ंध खशोगी से था.

इंडियाना स्टेट यूनिवर्सिटी से स्नातक करने के बाद उन्होंने सऊदी अरब के दैनिक समाचारपत्रों- सऊदी गैजेट और अल शर्क अल-अवसत में काम करना शुरू किया.

युवा पत्रकार के तौर पर खशोगी ने कई बार बिन लादेन का इंटरव्यू लिया जिसने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लोगों का ध्यान खींचा. लेकिन 1990 में उन्होंने लादेन से दूरी बना ली थी.

सऊदी अरब के पाक शहर मदीना में 13 अक्टूबर, 1958 को जन्मे खशोगी ने युवावस्था के दौरान इस्लामी विचारधारा पढ़ी और उदारपंथी विचारों को अपनाया.

लेकिन देश के अधिकारियों ने खशोगी को अत्यधिक प्रगतिशील पाया और उन्हें 2003 में मात्र 54 दिन काम करने के बाद दैनिक समाचारपत्र अल वतन के मुख्य संपादक के पद से इस्तीफा देने के लिए मजबूर कर दिया.

शहजादे मोहम्मद को देश के सबसे शक्तिशाली राज सिंहासन का वारिस नियुक्त किए जाने के कुछ ही महीनों बाद खशोगी सितंबर 2017 में सऊदी अरब से चले गए थे.

वॉशिंगटन पोस्ट में पिछले साल प्रकाशित एक लेख में खशोगी ने कहा था कि देश के शासक शहजादे मोहम्मद के अधीन सऊदी अरब ‘डर, धमकी, गिरफ्तारियों एवं सार्वजनिक अपमान’ के नए युग में प्रवेश कर रहा है.

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