वायु प्रदुषण काम करें तो दीर्घायु हो सकते हैं भारतीय

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नई दिल्ली । अगर भारत वायु गुणवत्ता सुधार ले तो भारतवासियों की औसत उम्र 4 साल और बढ़ जाएगी। ‘रोडमैप टुवर्ड्स क्लीनिंग इंडियाज एयर’ नाम के एक नए अध्ययन में यह दावा किया गया है।
यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो और हार्वर्ड कैनेडी स्कूल के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए इस अध्ययन में भारत में वायु प्रदूषण की गंभीर स्थिति पर ध्यान दिलाते हुए बताया गया है

कि भारत को हर साल सिर्फ इसके कारण 5 खरब डॉलर यानी करीब 350 खरब रुपये का नुकसान झेलना पड़ता है। वायु प्रदूषण की वजह से देश में हजारों-लाखों लोग समय से पहले मर रहे हैं या फिर बीमारी भरा जीवन जीने को मजबूर हैं।
शोधकर्ताओं के समूह ने इस समस्या से उबरने के लिए कुछ उपाय सुझाए हैं जिनमें अत्यधिक उत्सर्जन करने पर आर्थिक दंड शामिल है। इसी अध्ययन में कहा गया है कि अगर विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा तय मानकों तक पहुंचे तो भारत के लोग औसत से 4 साल ज्यादा जी पाएंगे।

अध्ययन 66 करोड़ ऐसे भारतीयों के जीवन पर आधारित है जो देश के सबसे ज्यादा प्रदूषित इलाकों में रहते हैं। अध्ययन में प्रदूषण से निजात पाने के लिए जो सुझाव दिए गए हैं उनमें उत्सर्जन पर रियल टाइम डेटा मुहैया कराना, अत्याधिक उत्सर्जन करने वालों पर जुर्माना, लोगों को प्रदूषकों के बारे में जानकारी देना शामिल हैं।

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