अमेरिका ने इस्पात आयात पर लगाया भारी टैक्स, भारत पर होगा बुरा असर

विदेश

वाशिंगटन: पिछले कुछ दिनों से व्यापार योजना पर जारी बहस के बीच अमेरिकी ने विदेशी इस्पात और एल्यूमीनियम पर व्यापार शुल्क लगा दिया है. कैबिनेट की बैठक में ट्रंप ने स्पष्ट कर दिया कि विदेशी इस्पात पर 25 प्रतिशत और एल्यूमीनियम पर 10 प्रतिशत की दर से शुल्क लगाने का फैसला किया है और यह 15 दिन बाद से प्रभाव में आ जाएगा. हालांकि, अमेरिका के सहयोगी देशों को इससे छूट मिल सकती है.

मैक्सिको और कनाडा सहित कुछ देशों को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा एल्यूमीनियम और इस्पात पर लगाये गये नये शुल्क से राष्ट्रीय सुरक्षा के आधार पर छूट दी जा सकती है. हालांकि, अमेरिका ने कहा है कि उसका यह व्यापार शुल्क वास्तविक दोस्तों के लिए निष्पक्ष और लचीले होंगे.

ट्रंप ने बैठक में कहा, ‘हम अधिक निष्पक्ष होने जा रहे हैं. हम अत्यधिक लचीले होने जा रहे हैं. हम अमेरिकी कर्मियों की सुरक्षा करेंगे जैसा कि मैंने अपने चुनाव अभियान में कहा था.’

इस बीच इस्पात कंपनियों का संगठन इंडियन स्टील एसोसिएशन( आईएसए) ने अमेरिका के इस्पात और अल्यूमीनियम पर आयात शुल्क बढ़ाने के कदम को लेकर चिंता जतायी है. संगठन का कहना है कि इससे अधिशेष माल वाले देश भारत जैसे उपभोक्ता देशों में अपना इस्पात निर्यात स्थानांतरित करेंगे और इससे स्थानीय बाजारों पर प्रभाव पड़ेगा.

इससे पहले व्यापार नीतियों को लेकर विवाद के बाद ट्रंप के शीर्ष आर्थिक सलाहकार कोहेन का इस्तीफा दे दिया था. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शीर्ष आर्थिक सलाहकार गैरी कॉन के इस्तीफे को लेकर यह कहा गया कि उनका विवादास्पद व्यापारिक नीतियों को लेकर ट्रंप के साथ मतभेद था, जिसकी वजह से उन्होंने इस्तीफा दिया.

बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हार्ले डेविडसन मोटरसाइकिल पर उच्च आयात शुल्क को लेकर भारत पर निशाना साधा था और इसे अनुचित करार दिया. ट्रंप की यह प्रतिक्रिया उस समय आई है जब भारत ने हार्ले डेविडसन जैसी महंगे ब्रांड की आयतित मोटरसाइकिलों पर आयात शुल्क को घटाकर 50 प्रतिशत कर दिया है.

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