रायबरेली । कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और स्थानीय सांसद सोनिया गांधी मंगलवार को रायबरेली जिले में आ रही हैं। खराब स्वास्थ्य के बावजूद उनका यह दौरा राजनीतिक मजबूरी के साथ ही विकास व प्रशासनिक कार्यों के लिए जरूरी भी है। बुधवार को उन्हें जिला विकास समन्वय एवं अनुश्रवण समिति की बैठक में शामिल होना है। उनके कुछ करीबी लोगों ने पार्टी छोड़ दी है, ऐसे में संगठन को होने वाले नफा-नुकसान का आकलन भी उन्हें करना है।
सोनिया गांधी अपने संसदीय क्षेत्र में काफी दिनों से नहीं पहुंच सकी थीं। इसके पीछे उनका स्वास्थ्य खराब होना मुख्य कारण बताया जा रहा था। उनको 24 फरवरी को ही आना था। सारी तैयारियां हो चुकी थीं लेकिन, रात में अचानक उनका दौरा रद कर दिया गया था। इस बार प्रशासन ने उन कार्यों की सूची और संपादन योजना भी तय कर ली है, जिसको सांसद के हाथों से मूर्तरूप दिलवाना है। राजनीतिक क्षेत्र में उनकी इस यात्रा को मजबूरी भी बताया जा रहा है क्योंकि कांग्रेस के गढ़ में गांधी परिवार के खास रहे एमएलसी दिनेश सिंह बगावत कर भाजपा में नया ठौर तलाश चुके हैं। 21 अप्रैल को यह परिवार भगवा झंडा थाम लेगा। उनके जाने से लाभ-हानि का भी आकलन पार्टी कर रही है।
यहां के दो क्षत्रप ही पार्टी के हर फैसले में अहम भूमिका निभाते रहे हैं। कुछ साल पहले एक क्षत्रप को जब पार्टी से बाहर किया गया तब भी कांग्रेस ने अपने को आंका था। नुकसान दिखा तो उनके परिवार की एक सदस्य को मुख्यधारा में पार्टी ले आई। अब उनको सतत आगे बढ़ाया जाने लगा। यह नजारा देख दूसरा खेमा कुपित हो उठा। मनचाही बात न बनी तो उन्होंने पार्टी को छोड़ देना ही बेहतर समझा। सांसद को इन सब बातों की खबर है। लोकसभा चुनाव से पहले संगठन को कैसे मजबूती देकर किले को अभेद्य बनाए रखना है, इसकी व्यूह रचना भी सोनिया के इस दौरे में होगी।
राहुल मां के पास आएंगे
जानकारी के मुताबिक, अमेठी के सांसद व कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी 17 अप्रैल की शाम को अपनी मां सोनिया के पास भुएमऊ स्थित गेस्टहाउस आ जाएंगे। यहां वह रात्रि विश्राम भी करेंगे। बुधवार सुबह अनुश्रवण समिति की बैठक में उन्हें भी शामिल होना है क्योंकि रायबरेली जिले के सलोन का कुछ हिस्सा अमेठी संसदीय क्षेत्र में आता है।
जून 2016 से नहीं आ सकीं सांसद
सोनिया गांधी रायबरेली में कबसे नहीं आईं? यह सवाल जब उनके प्रतिनिधि किशोरी लाल शर्मा से किया गया तो उन्होंने बताया कि पुराने कागज देखकर सही जानकारी दी जा सकती है। फिर उन्होंने बताया कि जून 2016 से सांसद नहीं आईं हैं। इसके पीछे उनकी तबीयत का खराब होना बड़ा कारण रहा। उन्होंने कहा कि प्रियंका वाड्रा और राहुल गांधी आते रहे हैं।