प्लास्टिक बोतलों से होने वाले प्रदूषण पर लगेगी लगाम, वैज्ञानिकों ने तैयार किया अनोखा एंजाइम

विदेश

टोक्यो । दुनिया भर में प्रदूषण को लेकर त्राहिमाम मचा हुआ है। इनमें प्लास्टिक से होने वाले प्रदूषण सबसे ज्यादा होते हैं। क्योंकि ये ऐसे मैटेरियल होते हैं जो जल्दी से नष्ट भी नहीं होते हैं और पानी से लेकर हवा तक को प्रदूषित करते हैं। दुनिया भर में प्लास्टिक की बोतलों की खपत सबसे ज्यादा है इसे लेकर वैश्विक स्तर पर जागरुकता फैलाई जा रही है साथ ही नए-नए खोज भी किये जा रहे हैं।

वैज्ञानिकों ने एक ऐसे एंजाइम का निर्माण किया है जो प्लास्टिक की बोतलों को अपने आप तोड़ सकता है। पर्यावरण विशेषज्ञों के मुताबिक, पर्यावरण प्रदूषण के क्षेत्र में यह एक क्रांतिकारी खोज साबित होगी। यह विश्व भर के प्लास्टिक पॉल्यूशन समस्या को हल करने में मदद कर सकता है।

यह खोज 2016 में एक जीवाणु की खोज के प्रेरित है जो जापान में बेकार डंप पड़े कूड़े में पैदा होकर प्लास्टिक को खाने के लिए आविष्कार किया गया था। वैज्ञानिकों ने अब बग के द्वारा तैयार इस महत्वपूर्ण एंजाइम की विस्तृत संरचना के पता लगाया है।

यूनिवर्सिटी ऑफ पोस्टमाउथ यूके के शोधकर्ता प्रोफेसर जॉन मैक्गेहन ने कहा कि म्यूटेंट एंजाइम प्लास्टिक की बोतलों को तोड़ने में कुछ समय लेता है जो समद्र में लगने वाली इस प्रक्रिया में सदियों लग जाते हैं उससे कई गुना फास्ट है। उन्होंने बताया कि यह एक महान खोज है।

उन्होंने बताया कि “हम प्लास्टिक को इसके मूल घटक में वापस लाने की उम्मीद कर रहे हैं ताकि इसे फिर से रीसायकल किया जा सके।” लगभग 1 मिलियन प्लास्टिक की बोतलें दुनिया भर में हर मिनट बेचा जाता है। इनका सिर्फ 14 प्रतिशत ही रिसायकल होता है और बाकि को समुद्र में फेंक दिया जाता है जिससे होने वाले प्रदूषण से समुद्री जीवों को नुक्सान पहुंचता है साथ ही सीफूड का सेवन करने वाले भी इसकी चपेट में आ जाते हैं।

प्लास्टिक प्रदूषण होगा कम

-मौजूदा समय में प्लास्टिक की रिसाइकिलिंग के बाद उससे चटाई और प्लास्टिक रेशों जैसी कम गुणवत्ता वाली चीजें और उत्पाद बनाए जाते हैं।
-लिहाजा दो प्रकार की पीईटी प्लास्टिक बाजार में मिलती है- वर्जिन ग्रेड और आर पीईटी यानी रिसाइकिल की गई पीईटी।

-वर्जिन ग्रेड को बनाने में क्रूड ऑयल का इस्तेमाल किया जाता है। इसी प्लास्टिक से बोतलों समेत उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद बनाए जाते हैं।
-रिसाइकिल किए गए पीईटी से बढ़िया उत्पाद बनाने का अब तक कोई तरीका मौजूद नहीं है।

-लिहाजा कंपनियां वर्जिन ग्रेड पीईटी का निर्माण करती हैं, जिसमें धन भी लगता है और दुनिया में प्लास्टिक भी बढ़ता है।
-इस खोज के बाद पीईटी बोतलों को रिसाइकिल कर गुणवत्तापरक बोतलें और उत्पाद बन सकेंगे।
-इससे मौजूदा प्लास्टिक को पुन: इस्तेमाल में लाया जा सकेगा और नए प्लास्टिक के उत्पादन पर लगाम लग सकेगी।

परीक्षण में रहा सफल
प्रयोगशाला में परीक्षण के दौरान इस एंजाइम ने पॉलीइथाइनील टेरेपथेलेट (पीईटी) में रासायनिक बदलाव करके उसे उसके मूल घटक में परिवर्तित कर दिया। यह प्लास्टिक खाद्य व पेय पदार्थों के निर्माण में सर्वाधिक इस्तेमाल होता है।

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