वीडियो रिकॉर्डिंग की पेन ड्राइव नहीं खुलीं, केजरीवाल अौर अफसरों में तनातनी बढ़ी

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नई दिल्ली । कैबिनेट बैठक की वीडियो रिकॉर्डिंग का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। अब गृह व सामान्य प्रशासन विभाग के प्रधान सचिव मनोज परीदा ने रिकॉर्डिंग नहीं मिलने पर सरकार का विरोध किया है। बता दें कि दिल्ली सरकार की विगत 27 फरवरी को हुई कैबिनेट की बैठक का वीडियो रिकॉर्डिंग कराया था। इस कैबिनेट की बैठक की सरकार द्वारा कराई गई वीडियो रिकार्डिंग अभी तक सामान्य प्रशासन विभाग को नहीं मिली है। विभाग ने इस बारे में सरकार को पत्र लिखकर शीघ्र ही रिकार्डिंग की डिटेल उपलब्ध कराने को कहा है।

सरकार ने 27 फरवरी को हुई कैबिनेट बैठक की वीडियोग्राफी कराने के लिए बैठक कक्ष में दो सीसीटीवी कैमरे लगाए थे। बैठक की वीडियो रिकार्डिंग कराई गई। मगर सामान्य प्रशासन विभाग ने इसे नियमों का उल्लंघन बताया। गृह व सामान्य प्रशासन विभाग के प्रधान सचिव मनोज परीदा ने इसका विरोध किया।

उन्होंने इसे ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट का उल्लंघन बताया। परीदा ने वीडियो रिकॉर्डिंग को तुरंत सामान्य प्रशासन विभाग में जमा कराने के निर्देश दिए। सूत्रों का कहना है कि इसके बाद केजरीवाल की ओर से कैबिनेट बैठक की वीडियो रिकॉर्डिंग की दो पेन ड्राइव सामान्य प्रशासन विभाग को उपलब्ध कराई गई, लेकिन दोनों ही पेन ड्राइव नहीं खुलीं।

इस पर आइटी एक्सपर्ट की भी मदद ली गई, लेकिन यह कोशिश भी विफल हो गई। कैबिनेट मीटिंग से संबंधित दोनों पेन ड्राइव नहीं खुलीं। कहा जा रहा है कि दोनों पेन ड्राइव खाली थीं। उनमें वीडियो रिकॉर्डिंग से संबंधित साक्ष्य नहीं थे।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अब फिर से सामान्य प्रशासन विभाग ने सरकार को पत्र लिखा है, जिसमें कहा गया है कि सरकार की ओर से 27 फरवरी की कैबिनेट की बैठक की रिकार्डिंग की जो दो पेन ड्राइव भेजी गई थीं। उनमें रिकार्डिंग का ब्यौरा नहीं है, इसलिए उस रिकार्डिंग का ब्यौरा भेजा जाए।

मुख्य सचिव से मारपीट मामले में घिरी आप सरकार ने अधिकारियों के साथ होने वाली बैठकों का लाइव प्रसारण कराने का निर्णय लिया है। लाइव वेबकास्ट दिल्ली सरकार की वेबसाइट पर करने की योजना बनाई गई।

आगामी बजट में इस संबंध में बजट भी आवंटित करने की योजना है, लेकिन इसके पहले ही सरकार ने 27 फरवरी को हुई कैबिनेट बैठक की वीडियोग्राफी करा ली। अधिकारियों ने कैबिनेट बैठक की गोपनीयता भंग होने का हवाला देकर इसका जोरदार विरोध किया। अधिकारियों का कहना था कि कैबिनेट बैठक में किसने क्या कहा, इसकी गोपीयता बरकरार रखा जाना जरूरी है।

16 दिन बाद केजरीवाल आए सामने, कहा मैं कायर नहीं

नई दिल्ली मुख्यमंत्री आवास पर मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ हुई मारपीट के बाद सरकार और नौकरशाह के बीच चल रहे टकराव बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि ‘केजरीवाल जिद्दी हो सकता है लेकिन हिंसात्मक नहीं। मैं मारपीट नहीं कर सकता। मारपीट तो कायर लोग करते हैं और केजरीवाल कायर नहीं हैं।’ उन्होंने कर्मचारियों को कहा कि आप लोग हमारे हैं और हम अपने लोगों  से ही मारपीट कैसे कर सकते हैं। हम अहिंसावादी हैं।

उन्होंने ट्वीट कर भी यही बात कही। जिस पर सरकार के खिलाफ आंदोलन कर रही ज्वाइंट फोरम ने कड़ा रुख अपनाया। फोरम ने कहा कि पहली बात यह है कि मुख्यमंत्री को अब दो सप्ताह बाद याद आया कि उन्हें कुछ बोलना भी चाहिए। फोरम ने कहा कि इतना वरिष्ठ अधिकारी झूठ नहीं बोल सकते। मुख्यमंत्री का बयान गलत है। वे कुछ बोले हैं तो सोच समझ कर बोलें।

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