केवीआईसी ने बांटे 2330 मधुमक्खी-बक्सें, बनाया विश्व रिकार्ड

दिल्ली-एनसीआर राज्य

नई दिल्ली। खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) ने सिर्फ १ दिन में सर्वाधिक मधुमक्खी बक्सों का वितरण करके विश्व रिकॉर्ड बनाया है। केवीआईसी ने कश्मीर के कुपवाड़ा स्थित जंगली सेना क्षेत्र में यह वितरण किया। इससे पहले विश्व मधुमक्खी दिवस के अवसर पर केवीआईसी ने काजीरंगा वन क्षेत्र में मिशींग जनजाति समुदाय के बीच १००० मधुमक्खी बक्सों का वितरण करके रिकॉर्ड बनाया था।

जंगल वन क्षेत्र में २३३ लाभाथिNयों के बीच २३३० मधुमक्खी बक्सों का वितरण किया है। जम्मू कश्मीर के उप-मुख्यमंत्री कविन्दर गुप्ता ने कहा कि केवीआईसी के कार्यक्रमों से घाटी में रोजगार के अवसरों का सृजन होगा। नई दिल्ली (ईएमएस)। खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) ने सिर्फ १ दिन में सर्वाधिक मधुमक्खी बक्सों का वितरण करके विश्व रिकॉर्ड बनाया है। केवीआईसी ने कश्मीर के कुपवाड़ा स्थित जंगली सेना क्षेत्र में यह वितरण किया।

इससे पहले विश्व मधुमक्खी दिवस के अवसर पर केवीआईसी ने काजीरंगा वन क्षेत्र में मिशींग जनजाति समुदाय के बीच १००० मधुमक्खी बक्सों का वितरण करके रिकॉर्ड बनाया था। जंगल वन क्षेत्र में २३३ लाभाथिNयों के बीच २३३० मधुमक्खी बक्सों का वितरण किया है। जम्मू कश्मीर के उप-मुख्यमंत्री कविन्दर गुप्ता ने कहा कि केवीआईसी के कार्यक्रमों से घाटी में रोजगार के अवसरों का सृजन होगा।

केवीआईसी के चेयरमेन विनोद कुमार सक्सेना ने कहा कि शहद मिशन का लक्ष्य प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘मीठी क्रांति’ के सपने को पूरा करना है। केवीआईसी ने ‘शहद मिशन’ के तहत नवम्बर, २०१८ से पहले पूरे देश में १.३ लाख मधुमक्खी बक्सों के वितरण का लक्ष्य निर्धारित किया है। अब तक २७००० मधुमक्खी बक्से वितरित किए हैं। चेयरमेन ने कहा कि केवीआईसी प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) के लिए नोडल एजेंसी है।

इसके अंतर्गत शहद के प्रसंस्करण, पैकेजिंग और लेबल लगाने से जुड़ी इकाइयों को ऋण उपलब्ध कराया है। भारतीय सेना के सद्भावना कार्यक्रम के तहत कुपवाड़ा में यह कार्यक्रम आयोजित किया है। इसका उद्देश्य घाटी में शांति और सद्भावना की स्थापना करना है। मेजर जनरल सी.बी. पोनप्पा, जीओसी वज्र डिविजन कुपवाड़ा,

ने कहा कि ऐसे विकास कार्यक्रम जम्मू–कश्मीर में शांति व सद्भावना की स्थापना करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। भारतीय सेना ने लोगों को प्रशिक्षित करने में सहायता प्रदान की है और मधुमक्खी छत्तों के निर्माण के लिए १० प्रतिशत वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई है। इस प्रकार लाभाथिNयों को अपनी आजीविका के लिए एक मंच प्राप्त हुआ है।

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