केंद्र सरकार “मदरसों पर ताला” नहीं बल्कि “फॉर्मल तालीम की माला” चाहती हैं-मुख्तार अब्बास नकवी

अल्पसंख्यक मंत्रालय द्वारा चलाये जा रहे “ब्रिज कोर्स” में उत्तीर्ण छात्र/छात्राओं को दिल्ली में प्रमाणपत्र वितरण समारोह

नई दिल्ली, केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री श्री मुख्तार अब्बास नकवी ने आज यहाँ कहा कि केंद्र सरकार “मदरसों पर ताला” नहीं बल्कि “फॉर्मल तालीम की माला” चाहती है।

यहाँ अल्पसंख्यक मंत्रालय और जामिया मिलिया इस्लामिया द्वारा संयुक्त रूप से मदरसा छात्रों एवं स्कूल ड्राप आउट्स के लिए चलाये जा रहे “ब्रिज कोर्स” में उत्तीर्ण छात्र/छात्राओं को प्रमाणपत्र वितरित करते हुए श्री नकवी ने कहा कि अल्पसंख्यक मंत्रालय द्वारा स्कूल ड्रॉपआउट्स और मदरसों में शिक्षा ले रहे छात्र-छात्राओं के शैक्षिक सशक्तिकरण के लिए शुरू किये गए “3T”- टीचर, टिफिन, टॉयलेट अभियान को जबरदस्त कामयाबी मिली है।

केंद्र की मोदी सरकार द्वारा अल्पसंख्यकों सहित समाज के सभी जरूरतमंदों के शैक्षिक सशक्तिकरण की दिशा में किये गए प्रयासों का नतीजा है कि आज अल्पसंख्यक तबके के युवा मुख्यधारा की शिक्षा ग्रहण कर बेहतर रोजगार के अवसर प्राप्त कर रहे हैं।

श्री नकवी ने कहा कि अल्पसंख्यक मंत्रालय “3E – एजुकेशन, एम्प्लॉयमेंट, एम्पावरमेंट” के संकल्प के साथ काम कर रहा है। पिछले लगभग एक वर्ष में देश भर में मदरसों सहित सभी अल्पसंख्यक समुदाय के हजारों शैक्षिक संस्थानों को “3T -टीचर, टिफ़िन, टॉयलेट” से जोड़ कर उन्हें मुख्यधारा की शिक्षा प्रणाली में शामिल किया गया है।

श्री नकवी ने कहा कि कई मदरसे फॉर्मल शिक्षा के क्षेत्र में अच्छा काम कर रहे हैं। हमारी सरकार अन्य मदरसों को भी प्रोत्साहित कर रही है ताकि वह भी मुख्यधारा की शिक्षा में शामिल होने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं।

श्री नकवी ने कहा कि हमारे प्रयासों का नतीजा है कि मुस्लिम लड़कियों का स्कूल ड्रॉपआउट रेट जो पहले 70-72% था, वह अब लगभग 35 प्रतिशत हो गया है। हम इसे जीरो परसेंट करना चाहते हैं।

श्री नकवी ने कहा कि पिछले 4 वर्षों में विभिन्न स्कॉलरशिप्स से गरीब, कमजोर अल्पसंख्यक समाज के 2 करोड 66 लाख छात्र-छात्राएं लाभान्वित हुए हैं। सीखो ओर कमाओ, उस्ताद, गरीब नवाज कौशल विकास, नई मन्जिल आदि के तहत 5 लाख 43 हजार युवाओं को कौशल विकास व रोजगार-रोजगार के अवसर मुहैय्या कराये गए हैं। नई रोशनी, बेगम हजरत महल स्कालरशिप आदि के तहत 1 करोड़ 21 लाख बच्चियों-महिलाओं का सशक्तिकरण हुआ है।

अल्पसंख्यक समुदाय के छात्र/छात्राओं, जो अपनी शिक्षा विभिन्न कारणों से जारी नहीं रख पाए एवं उन छात्र/छात्राओं, जिन्होंने अपनी शिक्षा मदरसों से प्राप्त की है, को मुख्यधारा शिक्षा से जोड़ने के लिए अल्पसंख्यक मंत्रालय के मौलाना आजाद एजुकेशन फाउंडेशन ने जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के साथ मिलकर लगभग 9 महीने की अवधि वाले ”ब्रिज कोर्स’ शुरू किया था। इस वर्ष 260 छात्र/छात्राओं को प्रशिक्षित किया जिसमे 182 छात्र/छात्राएं उत्तीर्ण हुए जिन्हे प्रमाणपत्र वितरित किया गया।

मदरसों को मुख्यधारा की शिक्षा प्रणाली से जोड़ने के अभियान के तहत अल्पसंख्यक मंत्रालय ने मदरसा शिक्षकों के लिए भी ट्रेनिंग कार्यक्रम शुरू किया है। बड़ी संख्या में मदरसा शिक्षकों को अल्पसंख्यक मंत्रालय के द्वारा जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के माध्यम से आयोजित रेजिडेंशियल ट्रेनिंग दी जा रही है। यह शिक्षक, मदरसों में मुख्यधारा की शिक्षा जैसे- साइंस, मैथ्स, कंप्यूटर, हिंदी, अंग्रेजी की शिक्षा दें रहे हैं।

प्रमाणपत्र वितरण समारोह के अवसर पर श्री नकवी के अलावा सचिव अल्पसंख्यक मंत्रालय श्री ए. लुईखम; अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति श्री तारिक मंसूर; गुरु हरकिशन पब्लिक स्कूल सोसाइटी के चेयरमैन श्री एस. मंजीत सिंह जीके; दिल्ली डायसेस- चर्च ऑफ नार्थ इंडिया प्रतिनिधि बिशप कॉलिन थियोडोर; महाबोधि अंतर्राष्ट्रीय मैडिटेशन सेंटर लेह-लद्दाख के सचिव वेन नागसेना; अंजुमन-ए-इस्लाम, मुंबई के अध्यक्ष डा. जहीर इस्हाक काजी; मौलाना आज़ाद एजुकेशन फाउंडेशन के सचिव श्री आर. रहमान एवं अन्य गणमान्य लोग भी उपस्थित थे।

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