क्या गिरिराज और नित्यानंद ने अपने बयानों से नीतीश की एक और हार का आधार तय कर दिया है?

बिहार राजनीति राज्य

पटना: बिहार में अररिया लोकसभा उपचुनाव में भाजपा हार गई और राष्ट्रीय जनता दल ने इस सीट पर अपना क़ब्ज़ा क़ायम रखा. लेकिन इस चुनाव के प्रचार के अंतिम दिन बिहार भाजपा के अध्यक्ष नित्यानंद राय का एक बयान और उससे मिलता जुलता केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह का चुनाव परिणाम के २४ घंटे के अंदर दिया गया बयान काफ़ी चौंकाने वाला है. इन दोनो नेताओं का कहना हैं कि अब अररिया राष्ट्रीय जनता दल की जीत के बाद पाकिस्तानी एजेन्सी आईएसआई का अड्डा बन जायेगा और भाजपा की जीत होती तो राष्ट्रवादी शक्तियों का केंद्र होता. इन बयानों पर विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पूछा, ‘गिरिराज सिंह जैसे नेताओं के बयानों पर गोडसे समर्थक नीतीश कुमार घुटन नहीं खुलापन महसूस कर मिठाई बंटवाते हैं. ‬इसलिए तो तेजस्वी से नफ़रत थी क्योंकि गिरिराज से पुराना प्यार जो था. अगर नीतीश कुमार गांधी जी के विचारों को मानते है तो गिरिराज सिंह की मोदी मंत्रिमंडल से बर्खास्ती की मांग करें. ‬अगर गोडसे समर्थक हैं तो इस मामले पर चुप्पी साधे रहेंगे.’

तेजस्वी ने दावा किया कि ‪हमारा अनुभव है आप देख लेना, नीतीश कुमार इस मुद्दे पर चुप रहकर अपना गोडसे समर्थक होने का प्रमाण प्रस्तुत करेंगे. लेकिन जनता दल यूनाइटेड के नेता मानते हैं कि गिरिराज और नित्यानंद के बयानों का ख़ामियाज़ा आख़िर उनकी पार्टी को उठाना पड़ेगा. इन नेताओं के मुताबिक लोकसभा के उपचुनाव के बाद आने वाले समय में जोकिहाट विधान सभा का उपचुनाव होगा. क्योंकि जनता दल यूनाइटेड से पूर्व विधायक सरफ़राज़ आलम ने इस्तीफ़ा देकर राजद से चुनाव लड़ा. लेकिन वहां से लोकसभा उपचुनाव में राजद को अस्सी हज़ार से अधिक की बढ़त हासिल है जो ऐसे बयानों के बाद जनता को नीतीश के क़रीब लाने के बजाय उनके प्रति वोट के समय ग़ुस्सा में बदल सकती है.

हालांकि महाठबंधन के उम्मीदवार के रूप में जब सरफ़राज़ पिछले 2015 के विधानसभा में जनता दल से चुनाव मैदान में थे तब ये सीट उन्होंने क़रीब 50 हज़ार के अंतर से जीता था. इस सीट पर सरफ़राज़ आलम लगातार दो चुनाव जनता दल यूनाइटेड से 2005 में हारे भी हैं लेकिन उस ज़माने में मुस्लिम समुदय नीतीश के प्रति एक उम्मीद से वोट देता था लेकिन वर्तमान परिस्थितियों में नीतीश समर्थक भी मानते हैं कि उपचुनाव कभी भी हो उनके लिए जीत हासिल करना मुश्किल होगा.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *