लंदन । किसी भी कंपनी के लिए सैलरी हाइक के जरिए हर किसी को खुश करना मुश्किल काम होता है. लेकिन अब दुनिया जानी मानी आईटी कंपनी आईबीएम ने इसके लिए सॉफ्टवेयर की मदद लेने का फैसला किया है। जी हां, आपने सही सुना, अगर आप आईबीएम में काम करते हैं तो अब आपका अप्रेजल या प्रमोशन आपका बॉस नहीं बल्कि सॉफ्टवेयर तय करेगा।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से ये पता लगाया जाएगा कि किसी एम्प्लॉयी ने पिछले साल कैसा काम किया है और आने वाले दिनों में वो और कितना बेहतर कर सकता है। ब्लूमबर्ग के मुताबिक आईबीएम ने इसके लिए वॉटसन एनालिटिक्स की मदद ली है। ये कंपनी पहले से ही आईबीएम के एम्प्लॉयी को इंटरनल ट्रेनिंग दे रही है। आईबीएम का दावा है इंटरनल एचआर की रिपोर्ट के मुकाबले वॉटसन 96 प्रतिशत सटीक जानकारी देता है।
वॉटसन कर्मचारियों के अनुभव को देखता है वो ये अनुमान लगाता है कि भविष्य में वो अपने संभावित क्षमताओं और हुनर को आईबीएम में काम करने में कितना अधिक विकसित कर सकता है। वॉटसन बारीकी से आईबीएम के इंटरनल ट्रेनिंग सिस्टम का भी अध्ययन करेगी और यह पता लगाएगी कि कोई कर्मचारी कितनी जल्दी कोई नई चीज सीख रहा है।
इसके बाद कंपनी के मैनेजर वॉटसन की रेटिंग के अनुसार कर्मचारियों के प्रमोशन, बोनस और वेतन के बारे में फैसला लेंगे। नौकरीपेशा लोगों को हर साल ये टेंशन रहती है कि इस बार उनका प्रमोशन होगा या नहीं? अप्रेजल अच्छा होगा या नहीं? ज़ाहिर है इन्क्रीमेंट लेटर मिलने के बाद कुछ लोग खुश होते हैं तो कुछ निराश. कई लोग बॉस पर आरोप लगाते हैं कि उनके कामों को नजरअंदाज किया गया। अब सॉफ्टवेयर की मदद से ऐसा नहीं होगा।