क़यामत यक़ीनन क़रीब आ गई है ,’मोदी ‘ अब तो मस्जिद में जाने लगे हैं

Latest Article Viral News देश

तहलका टुडे टीम

पीएम मोदी के आज इण्डोनेशिया की मस्जिद में जाने पर ख़ुमार बाराबंकवी का कलाम आज की सियासत वक़्त हालात पर बिलकुल फिट बैठ रहा हैं गौर से पहले इस कलाम के एक एक शेर को पढ़िए मज़ा लीजिये फिर इण्डोनेशिया की खबर पढिये

सुना है हमें वो भुलाने लगे हैं
तो क्या हम उन्हें याद आने लगे हैं

हटाए थे जो राह से दोस्तों की
वो पत्थर मेरे घर में आने लगे हैं

ये कहना था उन से मोहब्बत है मुझको
ये कहने में मुझको ज़माने लगे हैं

हवाएँ चलीं और न मौजें ही उट्ठीं
अब ऐसे भी तूफ़ान आने लगे हैं

क़यामत यक़ीनन क़रीब आ गई है
‘ख़ुमार’ अब तो मस्जिद में जाने लगे हैं

जकार्ता. भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने 5 दिवसीय दौरे के पहले चरण में इंडोनेशिया में हैं। यहां उन्होंने बुधवार को राष्ट्रपति जोको विदोदो के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत में हिस्सा लिया। दोनों के बीच शिक्षा, प्रौद्योगिकी, समुद्र में सुरक्षा, कारोबार, रेलवे, स्वास्थ्य और निवेश समेत 15 समझौतों पर हस्ताक्षर हुए। साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद मोदी और विदोदो रामायण-महाभारत थीम पर बनी पतंग प्रदर्शनी में हिस्सा लेने पहुंचे। यहां कुछ देर पतंग उड़ाने के बाद दोनों ने इंडोनेशिया की प्रसिद्ध इस्तिकलाल मस्जिद में समय बिताया। इसके बाद दोनों अर्जुन का रथ देखने सेंट्रल जकार्ता पहुंचे। मुस्लिम बहुल देश में बनी इस मूर्ति के पीछे इंडोनेशिया में भारतीय हिंदू संस्कृति का बड़ा प्रभाव माना जाता है।

दक्षिण-पूर्व एशिया की सबसे बड़ी मस्जिद देखने पहुंचे मोदी
1978 में बनी इस्तिकलाल मस्जिद दक्षिण-पूर्व एशिया की सबसे बड़ी मस्जिद है। इस्तिकलाल का मतलब होता है आजादी। इंडोनेशिया की सांस्कृतिक विविधता का पता इसी बात से चलता है कि इस मस्जिद को एक ईसाई आर्किटेक्ट फ्रेडरिक सिलाबान ने डिजाइन किया था।

मोदी ने देखा अर्जुन का रथ
इस्तिकलाल मस्जिद जाने का बाद मोदी, विदोदो के साथ अर्जुन का रथ देखने पहुंचे। महाभारत के युद्ध में भगवान कृष्ण अर्जुन के सारथी बने थे। सेंट्रल जकार्ता में एक चट्टान पर बनी कलाकृति में कृष्ण-अर्जुन को इसी रूप में दिखाया गया है।
अर्जुन के रथ में 8 घोड़े जुते हुए हैं, जावा के दर्शन के मुताबिक इन्हें अष्टव्रत नाम दिया गया है। ये आठ घोड़े किस्मा (धरती), सूर्य, अग्नि, कार्तिक (तारे), वरुण (जल का देवता), समीरन (वायु), तीर्त (बारिश) और केंद्रा (महीने) का प्रतीक हैं।
इस कलाकृति को 1987 में बनाया गया था। भारत से जकार्ता जाने वाले पर्यटकों के लिए ये आकर्षण का प्रमुख केंद्र है।

इंडोनेशिया में है रामायण-महाभारत का प्रभाव

इंडोनेशिया दक्षिण पूर्व के उन देशों में है जहां रामायण और महाभारत ग्रंथ भारत की तरह ही प्रसिद्ध हैं। माना जाता है कि इसकी वजह ईसा पूर्व से पहले दोनों देशों के बीच के संबंध हैं जो कि समय के साथ गहरे हुए हैं। दोनों देश लंबे समय तक अहम व्यापारिक साझेदार भी रहे हैं।

2025 तक द्विपक्षीय व्यापार 50 बिलियन डॉलर करने का लक्ष्य

अपने पहले आधिकारिक दौरे पर इंडोनेशिया पहुंचे मोदी का यहां के राष्ट्रपति महल ‘मर्डेका पैलेस’ में बेहतरीन स्वागत हुआ। मोदी और विदोदो ने डेलिगेशन स्तर की बातचीत से पहले आपस में काफी देर तक चर्चा की।
प्रधानमंत्री मोदी ने साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि उनके और राष्ट्रपति विदोदो के बीच मीटिंग के दौरान समुद्री, आर्थिक और सामाजिक-सांस्कृतिक मुद्दों पर चर्चा हुई। इसके अलावा दोनों ने क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मामलों पर भी बात की।

इसके अलावा भारत और इंडोनेशिया 2025 तक द्विपक्षीय व्यापार 50 बिलियन डॉलर्स (करीब 3 हजार करोड़ रुपए) तक बढ़ाएंगे।

इस दौरान मोदी ने कहा कि भारत और आसियान देशों की साझेदारी सिर्फ भारत-प्रशांत क्षेत्र ही नहीं, बल्कि इससे आगे भी शांति की गारंटी बन सकती है।
हाल ही में इंडोनेशिया में चर्च पर हुए हमलों की निंदा करते हुए मोदी ने कहा कि भारत ऐेसे किसी भी हमले की निंदा करता है। उन्होंने आतंक के खिलाफ लड़ाई में इंडोनेशिया के साथ मजबूती से खड़े होने की बात कही है।

कालीबाता स्मारक में दी शहीदों को श्रद्धांजलि

इससे पहले बुधवार सुबह मोदी विदोदो के साथ कालीबाता स्मारक गए, जहां उन्होंने शहीदों को श्रद्धांजलि दी। मोदी तीन देशों की यात्रा पर हैं। यहां दो दिन रुकने के बाद वे मलेशिया और सिंगापुर जाएंगे। मोदी का इंडोनेशिया का पहला और सिंगापुर का दूसरा दौरा है।

कालीबाता में किन सैनिकों की कब्र है?

यहां उन सैनिकों को दफन किया गया है जिन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध के समय इंडोनेशिया को डच से आजादी दिलाई थी। यहां 1000 जापानी सैनिक भी दफन हैं। उन्होंने आजादी की इस जंग में इंडोनेशिया का साथ दिया था। यह कब्रिस्तान 1953 में बनाया गया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *