तहलका टुडे टीम
कानपुर में आठ पुलिसकर्मियों के शहीद होने के बाद पुलिसिया कार्रवाई तेज हो गई है। पुलिस की टीमें इस बात का पता लगाने में जुटी है कि विकास दुबे को दबिश की जानकारी किस पुलिस वाले ने दी। चौबेपुर थाने के एसओ विनय तिवारी इस मामले में पहले ही सस्पेंड चल रहे हैं, वहीं सोमवार को प्रथम दृष्टया जांच में ड्यूटी में लापरवाही किए जाने के कारण थाना चौबेपुर पर नियुक्त उप निरीक्षक कुँवर पाल, कृष्ण कुमार शर्मा के साथ ही सिपाही राजीव को एसएसपी कानपुर ने निलम्बित कर दिया। हालांकि बताया जा रहा है कि तीनों विकास दुबे के संपर्क में थे। अभी इस बात की पुष्टि कोई अधिकारी नहीं कर रहा है।
पूरा थाना संदेश के घेरे में :
आठ पुलिस कर्मियों की हत्या के बाद कानपुर का चौबेपुर थाना संदेह के घेरे में आ चुका है। विकास दुबे के सहयोगी दयाशंकर अग्निहोत्री की गिरफ्तारी और उससे पूछताछ के बाद यह तय किया गया है कि चौबेपुर थाने पर तैनात सभी पुलिस कर्मियों की जांच कराई जाएगी। संलिप्तता पाए जाने पर एफआईआर दर्ज कराकर जेल भेजा जाएगा। एडीजी जोन और आईजी रेंज ने एक बार फिर इस बात पर जोर दिया कि जल्द ही कुख्यात अपराधी विकास दुबे पुलिस गिरफ्त में होगा।
हिस्ट्रीशीटर के लिए मुखबरी करने के मामले में पहले दिन से ही थाने की पुलिस संदेह के दायरे में आ गई थी। उसके बाद लापरवाही बरतने के मामले में एसओ विनय तिवारी को निलम्बित कर दिया गया। अब अधिकारियों ने पूरे थाने में तैनात पुलिस कर्मियों की जांच के निर्देश दिए हैं। चौबेपुर थाने में दरोगा, सिपाही और होमगार्ड मिलाकर 44 पुलिस कर्मी तैनात हैं। मोहित अग्रवाल, आईजी रेंज कहते हैं पूरे चौबेपुर थाने की जांच कराई जा रही है। कौन अपराधी या उसके गुर्गों के संपर्क में था इसका पता लगाया जा रहा है। यदि इस मामले में किसी पुलिस कर्मी की संलिप्तता निकलती है तो उसके खिलाफ हत्या का षड्यंत्र रचने की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज करा जेल भेजा जाएगा।