सीलिंग के मुद्दे पर DDA को सुप्रीम कोर्ट से तगड़ा झटका, कारोबारियों की भी बढ़ी मुश्किल

दिल्ली-एनसीआर प्रदेश राज्य

नई दिल्ली। दिल्ली में सीलिंग मुद्दे पर चल रही सुनवाई के दौरान गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) को तगड़ा झटका दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान 15 मई के आदेश में संशोधन से साफ इनकार कर दिया है। डीडीए ने आदेश में संशोधन की गुजारिश की थी।

बता दें कि डीडीए ने आदेश में संशोधन की गुहार लगाते हुए 15 दिन के समय में बदलाव करने की मांग की थी। कोर्ट से झटका खाने के बाद अब डीडीए को सीलिंग से राहत देने वाले मास्टर प्लान 2021 में संशोधन के लिए 15 दिन में ही जनता से आपत्तियां मंगानी होंगी।

गौरतलब है कि 15 मई को हुई सुनवाई में मास्टर प्लान ऑफ दिल्ली-2021 में संशोधन पर आपत्तियां मंगाने के लिए केंद्र सरकार को 15 दिन का समय मिला था। सुप्रीम कोर्ट ने अपना पहले का आदेश बदल दिया था, जिसमें छह मार्च को इसमें किसी भी तरह का संशोधन करने पर रोक लगाई गई थी।

जस्टिस मदन बी लोकुर व दीपक गुप्ता की बेंच ने कहा था कि वह लोगों से तय समय में आपत्तियां मंगवा ले, जिससे मास्टर प्लान में जरूरी बदलाव समय रहते किए जा सके। डीडीए की तरफ से पेश हुए अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल से बेंच ने कहा था कि सभी पहलुओं पर विचार करने के बाद सरकार अंतिम निर्णय ले।

यहां पर बता दें कि मास्टर प्लान दिल्ली के शहरी विकास का ब्लू प्रिंट है। सुप्रीम कोर्ट ने इसमें संशोधन पर रोक लगाई थी, जिससे अवैध निर्माणों को सीलिंग की कार्रवाई से न बचाया जा सके। कोर्ट ने पहले की सुनवाई में कहा था कि उसकी तरफ से नियुक्त निगरानी समिति के काम में किसी ने रुकावट डाली तो यह अवमानना मानी जाएगी और संबंधित पर कार्रवाई होगी।

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