शायद ही कोई ऐसा मौलाना मुसलमानों (सुन्नियों या शियों) में हो जैसे कल्बे सादिक़ थे-सुहैल वहीद-एक्स एडिटर -नया दौर

सुहैल वहीद जो लोग इस्लाम की इब्तिदाई तारीख़ और उसके बुनियादी स्वरूप से वाकिफ हैं, वो मौलाना कल्बे सादिक़ की मज़हबी शख्सियत को बतौर एक रिफार्मर के रूप में जरूर याद रखेंगे। शायद ही कोई ऐसा मैलाना मुसलमानों (सुन्नियों या शियों) में हो जैसे कल्बे सादिक़ थे, जिन्होंने हमेशा मज़हब के साथ उस दौर के […]

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