गद्दारी, दलाली, जालसाज़ी, लड़कीबाज़ी और घोटालेबाज़ी में क्यों सिमट रही पत्रकारिता !

नवेद शिकोह-8090180256 मातृभूमि भारत माता की तरह पत्रकारिता का पेशा भी मां जैसा है। दुर्भाग्य कि इस मां का हर रोज़ बलात्कार होता है। पत्रकारिता के पेशेवर ही ऐसे बलात्कार को अंजाम देते हैं। करीब हर रोज़ पत्रकारों की गिरफ्तारी की खबरें आती हैं। कभी-छुटपुट मामले होते हैं तो कभी बेहद संगीन। बीते शनिवार को […]

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