तैयार रहो मुसलमान आ रहे है…
गौरव माहेश्वरी लखनऊ, सन 1992, दिसम्बर की आती हुई ठंड का महीना, मेरी उम्र मात्र 10 वर्ष के लगभग थी । बमुश्किल चौथी या पाँचवी क्लास में पढ़ने वाला एक स्टूडेंट रहा होंगा । रात के लगभग 9 बजे होंगे कि अचानक घर पर चाचा की आवाज़ सुनता हूँ की चौक में दंगे हो गए […]
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