योगी सरकार वक्फ संपत्तियों पर अवैध कब्जेदारों से वसूलेंगी जुर्माना, नियमावली 2023 तैयार,सेव वक़्फ़ इंडिया मिशन की मेहनत ला रही है रंग

Breaking News CRIME Latest Article आगरा उन्नाव कानपुर गाजियाबाद गोंडा गोरखपुर ज़रा हटके देश प्रदेश फैजाबाद बरेली बहराइच बाराबंकी मुज़फ्फरनगर ‎मुरादाबाद मेरठ रामपुर

योगी सरकार वक्फ संपत्तियों पर अवैध कब्जेदारों से वसूलेंगी जुर्माना, नियमावली 2023 तैयार,सेव वक़्फ़ इंडिया मिशन की मेहनत ला रही है रंग

तहलका टुडे टीम

लखनऊ:मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से सेव वक़्फ़ इंडिया मिशन के सरपरस्त भारत की सुप्रीम रिलीजियस अथॉरिटी आफ़ताबे शरीयत मौलाना डॉ कल्बे जवाद नक़वी की पिछले महीने हुई मुलाकात के नतीजे आने शुरू हो गये है,उत्तर प्रदेश में वक्फ संपत्तियों पर अवैध कब्जेदारों से अब जुर्माना वसूला जाएगा। इसके लिए उत्तर प्रदेश वक्फ नियमावली-2023 की तैयारी जोरों पर है।

वक्फ संपत्तियों पर अवैध रूप से काबिज होकर उससे मुनाफा कमाने या फिर किसी तरह का नुकसान पहुंचाने वालों से अब जुमाना वसूला जाएगा। यह जुर्माना वक्फ संपत्ति के बाजार मूल्य का 10 प्रतिशत वार्षिक के बराबर होगा। इसके लिए उत्तर प्रदेश वक्फ नियमावली-2023 तैयार की जा रही है। इसमें संपत्तियों के रख- रखाव और उससे अतिक्रमण हटाने की नई नीति निर्धारित की जा रही है।

प्रदेश के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में वक्फ की काफी संपत्तियां हैं। इनमें जमीन से लेकर भवन तक हैं। आपसी गठजोड़ के सहारे इन पर सुनियोजित तरीके से कब्जा करते हुए इनका आवासीय व व्यवसायिक इस्तेमाल किया जा रहा है। राज्य सरकार ऐसी संपत्तियों को संरक्षित करना चाहती है। पात्रों को छोड़कर अवैध रूप से काबिज लोगों से इसे वापस लेने और जुर्माना वसूलने का प्रावधान किया जा रहा है।

अतिक्रमण के मामलों में मुख्य कार्यपालक अधिकारी के समक्ष संपत्ति पर पक्षकारों को पहुंच कर दावे प्रस्तुत करने होंगे। मुख्य कार्यपालक अधिकारी पक्षकारों को सुनवाई के दौरान सभी साक्ष्यों को देखेगा। प्रत्येक मामले में तथ्यों और परिस्थितियों में जैसा जरूरी समझे साक्ष्य मांग सकेगा।

अतिक्रमण की पुष्टि होने पर इसे हटाने, अतिक्रमित भूमि, भवन, स्थान या अन्य संपत्ति पर कब्जा बोर्ड लगाने और मुतवल्ली को सौंपने का आदेश किया जाएगा। कार्यवाही के दौरान किसी पक्षकार की मृत्यु होने पर उसके सभी विधिक दावेदारों को पक्षकार बनाया जाएगा। अतिक्रमण की पुष्टि होने पर 45 दिनों के अंदर बेदखली के आदेश का पालन न होने पर मुख्य कार्यपालक अधिकारी संबंधित मामले को कार्यपालक मजिस्ट्रेट को सौंप देगा।

क्षतिपूर्ति का कैसे निर्धारण किया जाएगा

– यह देखा जाएगा कि अतिक्रमण करके कब से उपयोग किया जा रहा है

– अतिक्रमण के दौरान उसे किराए पर उठाया गया था,या स्वयं इस्तेमाल किया जा रहा है।

– अतिक्रमण अवधि के दौरान परिसर को कितनी क्षति पहुंचाई गई

– वक्फ संपत्ति के बाजार मूल्य का 10 प्रतिशत वर्षिक जुर्माना लिया जाएगा

– आदेश के बाद भी अतिक्रमण न हटने पर बाजार दर का 20 प्रतिशत लिया जाएगा

– इसे जमा न करने की स्थिति में इसकी वसूली भू-राजस्व बकायों की भांति की जाएगी

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *