नई दिल्ली : इरडा द्बारा कार और दोपहिया वाहनों के लिए लंबी अवधि का तीसरा पक्ष बीमा अनिवार्य बनाए जाने से बीमाकर्ताओं के साथ-साथ उपभोक्ताओं को भी इसका फायदा होगा। एक सितंबर के बाद कार और दुपहिया खरीदने वाले ग्राहकों को दीर्घकालिक तीसरा पक्ष बीमा करना अनिवार्य कर दिया गया है।
इससे उनकी जेब पर बोझ बढ़ा है। एक विश्लेषक के अनुसार इस आदेश से वाहन खरीदने के शुरुआती वर्षों के बाद तीसरा पक्ष बीमा नहीं खरीदकर कानून का पालन नहीं करने वालों में कमी आएगी। सड़कों पर बीमा वाले वाहनों की संख्या बढ़ेगी।
उच्चतम न्यायालय के एक आदेश के बाद बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा) ने बीमा कंपनियों को एक सितंबर, 2018 से नई कार खरीदने वालों के लिए तीन साल और नए दोपहिया वाहनों खरीदने पर पांच साल का तीसरा पक्ष बीमा करने का निर्देश दिया है।
बीमा उद्योग के एक अधिकारी ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर बताया कि नए दिशा-निर्देशों से मोटर बीमा बेचने वाली कंपनियों को प्रीमियम के रूप में अधिक आय होगी। हालांकि इसमें एक दिक्कत बनी हुई है कि ग्राहकों के पास एक बीमा कंपनी की बजाय दूसरी बीमा कंपनी से बीमा खरीदने का विकल्प नहीं होगा और वे लंबे समय के लिए प्रीमियम देने को बाध्य होंगे।