लखनऊ । राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा है कि उप्र के विकास के बिना हिन्दुस्तान की तरक्की की कल्पना नहीं की जा सकती, क्योंकि उत्तर प्रदेश प्रतिभा और संसाधनों से भरा प्रदेश है। इसमें विकास की सभी स्थितियां और उपकरण मौजूद हैं। बस, उन्हें तराशने की जरूरत है। उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार की ‘एक जनपद-एक उत्पाद‘ (ओडीओपी) योजना को राज्य की उन्नति के लिये बेहद महत्वपूर्ण करार देते हुए कहा कि अगर उप्र के उत्पादों को देश और दुनिया में लोकप्रिय बनाना है तो इन उत्पादों की ब्रांडिग करनी होगी।
उन्होंने सरकार को सलाह दी कि वह देश के सात आठ प्रमुख शहरो में प्रदेश के उत्पादों की प्रदर्शनी लगायें ताकि पूरा देश प्रदेश भर में फैले हुये अनेक उत्पादों के बारे में जानकारी हासिल कर सकें। इससे प्रदेश के कारीगरो, शिल्पकारो का विकास तो होगा ही साथ ही साथ प्रदेश का विकास होगा। वरना यह ‘जंगल में मोर नाचा किसने देखा’ जैसा होगा। उन्होंने कहा कि यह राज्य एक ‘ट्रिलियन डॉलर इकॉनॉमी’ यानि दस खरब डॉलर की अर्थ-व्यवस्था के लक्ष्य को निकट भविष्य में प्राप्त कर सकता है।
राष्ट्रपति कोविंद ने शुक्रवार को राजधानी में आयोजित ओडीओपी समिट का उद्घाटन किया। इस मौके पर अपने सम्बोधन में उन्होंने कहा कि देश की संस्कृति, चिंतन और शिक्षा-व्यवस्था को योगदान देने में उत्तर प्रदेश के निवासियों की अग्रणी भूमिका रही है। देश के ज्यादातर प्रधानमंत्री उत्तर प्रदेश से है। विभिन्न क्षेत्रों में उनके असाधारण योगदान के लिए, देश के सर्वोच्च अलंकरण ‘भारत-रत्न’ से सम्मानित, कुल पैंतालीस विभूतियों में से, ग्यारह भारत-रत्नों की जन्म-स्थली या कर्म-स्थली उत्तर प्रदेश में है।
यह उत्तर प्रदेश के निवासियों के लिए गर्व की बात है। यह रत्न-परंपरा उसी कड़ी को आगे बढ़ाती है जिसमे संत कबीर, संत रविदास, सूरदास, तुलसीदास और मलिक मोहम्मद जायसी से लेकर मुंशी प्रेमचंद, सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’, सुभद्रा कुमारी चैहान और गणेश शंकर विद्यार्थी जैसी विभूतियाँ शामिल हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में देश की सबसे बड़ी श्रमशक्ति है, अनेक उत्कृष्ट शिक्षण-संस्थान हैं,
कृषि उत्पादन का प्रभावशाली रेकॉर्ड है, हस्त-कौशल की प्रसिद्ध परंपरा है, ताज महल और सारनाथ जैसे पर्यटन के विश्व-प्रसिद्ध केंद्र हैं, गंगा-यमुना-घाघरा-गंडक-गोमती-राप्ती और सोन नदियों का आशीर्वाद है और देश का सबसे बड़ा रेल नेटवर्क भी, उत्तर प्रदेश में ही है। ऐसी अन्य कई विशेषताएँ हैं, जिनके बल पर, यह राज्य एक ‘ट्रिलियन डॉलर इकॉनॉमी’ यानि दस खरब डॉलर की अर्थ-व्यवस्था के लक्ष्य को निकट भविष्य में प्राप्त कर सकता है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के विकास के बिना भारत के विकास की कल्पना करना सही मायने में अच्छा नहीं है। जब उत्तर प्रदेश विकसित होगा, तभी भारत विकसित होगा।
राष्ट्रपति कोविंद ने इस मौके पर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को याद करते हुए कहा कि अटल जी उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश कहते थे। उनका कहना था कि यूपी की खोज करने जरूरत है, जो ऐसा कर लेगा, उसे पता लगेगा कि यह कितना समृद्धशाली प्रदेश है। राष्ट्रपति ने कहा कि उत्तर प्रदेश में कृषि के बाद सबसे ज्यादा लोग कुटीर, लघु एवं मंझोले उद्योगों (एमएसएमई) में रोजगार पाते हैं। सबसे अहम बात यह है कि इन उद्यमों के माध्यम से देश के पिछड़े इलाकों में रोजगार मिलता है। एमएसएमई की सबसे ज्यादा संख्या उत्तर प्रदेश ही है। देश के कुल हस्तशिल्प निर्यात में इस राज्य का योगदान लगभग 44 प्रतिशत है।
राष्ट्रपति ने कहा कि शिल्पकारों का हुनर बहुत ही प्रभावशाली है। ‘ओ.डी.ओ.पी.’ योजना से स्थानीय कौशल और कलाओं का संवर्धन होगा, तथा उत्पादों की पहुँच बढ़ेगी। इससे उत्तर प्रदेश केहर जनपद में शिल्पकारों की आर्थिक प्रगति होगी। मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई है कि जिन जिलों में विशिष्ट पहचान वाले उत्पादों की संख्या एक से अधिक है, वहाँ, अधिक रोजगार एवं विकास की संभावना वाले उत्पाद का चयन किया गया है। कोविंद ने राज्य सरकार की ओडीओपी योजना की सराहना करते हुए
कहा कि यह योजना एमएसएमई के लिये सहायक हालात पैदा करेगी। इस योजना से स्थानीय कलाओं और कौशल का संवर्द्धन होगा। शिल्पकारों की आर्थिक प्रगति होगी। इस योजना के तहत पांच साल में 25 लाख लोगों को रोजगार दिलाने का लक्ष्य है। इससे युवाओं के लिये बड़े पैमाने पर रोजगार मिलेगा और संतुलित विकास को बल मिलेगा। कोविंद ने उत्पादों की ब्रांडिंग पर जोर देते हुए कहा कि अगर आप अपने उत्पादों की ब्रांडिंग करेंगे तो उत्पादकों और कारीगरों का उत्साहवर्द्धन होगा। हमें कुछ विकसित देशों से यह बात सीखनी होगी।
वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सम्बोधन में कहा कि ‘एक जनपद एक उत्पाद’ योजना द्वारा पाँच वर्षों में पचीस हजार करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता के जरिए पचीस लाख लोगों को रोजगार दिलाने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने ओडीओपी के लिये प्रदेश सरकार ने करीब 250 करोड़ रूपये का बजट अलग रखा हुआ है। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश में 4085 लाभार्थियों को करीब 1006 करोड़ रूपये बांटे जा रहे है। यह प्रदेश के विभिन्न जिलों में अलग अलग प्रभारी मंत्री आज ही बांट रहे है।