तहलका टुडे टीम
बाराबंकी-पब्लिक है सब जानती है, जब सपा की सरकार 2014 में थी तब लोक सभा चुनाव में चौथा नंबर सपा को मिला था।,बसपा तीसरे पर थी।
बसपा की सुप्रीमों मायावती ने इस बार बाराबंकी लोक सभा में अखिलेश यादव के साथ जनसभा नहीं की है,बड़ेला रामसनेही घाट में फैज़ाबाद संसदीय की मीटिंग के हाथी पर मोहर लगाकर जीताने की अपील कर सबको हैरत में डाल दिया था।
बाराबंकी बसपा का वोटर जानता है बहन जी की दो सरकारें चीफ सेक्रेटरी पुनिया ही चलाये थे,
बसपा के वोटर ने कभी साइकिल पर न ठप्पा लगाया और न ही बटन दबाया। बहन जी यहां उन्हें साइकिल में वोट डालने बताने भी नहीं आईं, इससे एेसा लगता है कि मुलायम सिंह यादव की तरह बहन जी भी पी एल पुनिया के पुत्र तनुज को बचपन मे ही गाल चूमकर आशीर्वाद दे चुकी है के साथ नज़र आयी।
तनुज की विजय का रास्ता साफ करने के लिए वह जिले में गठबंधन प्रत्याशी के लिए वोट मांगने नहीं आईं।
ईवीम में हाथी को न पाकर बसपा का अधिकांश वोटर अब अपने पंजे पर ही निगाह गड़ाकर पुनिया के लिए एक जुट हो गया है
और हां एक बात यह भी है कि जनता यह भी जानती है कि सपा की सरकार न तो प्रदेश में है और न ही देश में बनने जा रही है, और जहां तक राम सागर रावत की बिरादरी के वोट की बात है उपेंद्र सिंह रावत भी उसी बिरादरी के हैं।
जबकि बसपा का जो मूल वोट बैंक कहा जाता है पुनिया उस बिरादरी के हैं, एेसे यह कहना भी गलत न होगा कि अघोषित रूप से एेसा लग रहा है मानो कांग्रेस का यहां बसपा से गठबंधन हो गया हो।
पिछली लोक सभा चुनाव में मिले सपा व बसपा के वोट को मिलाकर गठबंधन प्रत्याशी की जीत का ख्वाब देखना ठीक न होगा।
मोदी की आंधी में भी करीब ढाई लाख वोट पाने वाले को कमजोर मानकर चलना ही सबसे बडी भूल होगी। चुनाव में सफतलता उसे ही मिलती है जिसका सभी वर्गों में वोट हो। जहां तक बाराबंकी की बात है जिस तरह दूसरे स्थानों पर मोदी के नाम पर भाजपा को वोट मिलता है, उसी तरह पुनिया के नाम पर कांग्रेस को बाराबंकी में वोट मिलता है। अबकी बार तो स्वर्ण बिरादरी भी पुनिया का खुलकर साथ दे रही है,रावत,कुर्मी और यादव बिरादरी में भी पुनिया के मोहब्बत क़रने वाले अबकी बार बढ़ गए है
पूर्व विधायक राज लक्ष्मी वर्मा,छोटेलाल यादव,सरवर अली खान,नईम सिद्दीकी ,नसीमुद्दीन सिद्दीकी,जुल्फी मिया,मशकूर मिया,रियाज़ अहमद,सिद्दीक पहलवान के अलावा कई नगर पंचायत अध्य्क्ष ने रात दिन एक किये हैं।
वही सुबह नमाज़ पढ़ने वाला मुसलमान मस्जिद में और मंदिर में पूजा करने वाले और पुजारी जब जाते है तो पुनिया पुनिया की आवाज़ देता हैंडपम्प और सोलर की बिखरी नीली रौशनी जहाँ पुनिया को दुआओ से नवाजती है वही दिलो में मोहब्बत भी पाती है
यहाँ दिल की गहराइयो से हिन्दू और मुसलमान यह नारा भी बुलंद करते है
खडी दोपहरिया आधी रात पीएल पुनिया सबके साथ।