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barabanki – Tahalkatoday https://www.tahalkatoday.com सबको खबर दे और सबकी खबर ले Sun, 05 May 2024 15:32:09 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.5.2 https://www.tahalkatoday.com/wp-content/uploads/2021/09/cropped-tehlka-today-logo-32x32.jpg barabanki – Tahalkatoday https://www.tahalkatoday.com 32 32 दादा की पोती राजा गोंडा की बनी मुसीबत बुज़ुर्गो के पैर छूकर,सर पर हाथ रखवाकर श्रेया वर्मा का अवाम का दिल जीतने की अंदाज़े अदा, कीर्तिवर्द्धन सिंह और सौरभ मिश्रा की निकाल रही है हवा https://www.tahalkatoday.com/gonda-me-hadkamp/ https://www.tahalkatoday.com/gonda-me-hadkamp/#respond Sun, 05 May 2024 15:32:09 +0000 https://www.tahalkatoday.com/?p=20707 दादा की पोती राजा गोंडा की बनी मुसीबत
बुज़ुर्गो के पैर छूकर,सर पर हाथ रखवाकर श्रेया वर्मा का अवाम का दिल जीतने की अंदाज़े अदा,
कीर्तिवर्द्धन सिंह और सौरभ मिश्रा की निकाल रही है हवा,

 

पाटेश्वरी प्रसाद

गोंडा।दशकों से गोंडा संसदीय सीट की नुमाइंदगी रियासत और विरासत के बीच ही घूमती रही है। इस बार भी तस्वीर कुछ ऐसी ही है। गोनार्द की तपोभूमि और गोस्वामी तुलसीदास की जन्मस्थली गोंडा का सियासी पारा लगातार तपती दोपहरी के साथ उफान पर है। एक ओर बेनी बाबू के परिवार के सामने विरासत बचाने की चुनौती है तो दूसरी ओर भाजपा के सामने विजय को बरकरार रखने और रियासत के अस्तित्व को कायम रखने की जंग है।

पांचवे चरण के मतदान से पहले बीते बुधवार को 40 डिग्री तापमान में गठबंधन से सपा प्रत्याशी श्रेया वर्मा के नामांकन सभा में जमीनी स्तर पर इंडिया गठबंधन और पीडीए का एका साफ दिख रहा था। लोगों का उत्साह साफ तौर पर बदलाव की बाट जोह रहा था। लोग बोल रहे थे कि इस बार भाजपा वाकई सपा कांग्रेस गठबंधन को पटखनी दे पाएगी या नतीजा कुछ और होगा।

बताते चलें कि गोंडा जिले की उतरौला, गौरा, मनकापुर और मेहनौन विधानसभाओं में राजनीतिक दबदबा कायम रखने वाले राजघराने से लगातार तीसरी बार टिकट देकर चुनाव को दिलचस्प बना दिया है। गोंडा में ब्राह्मण, ठाकुर, मुस्लिम व कुर्मी वोटरों का प्रभावी असर है। पक्ष-विपक्ष दोनों ही अपने कोर वोटरों के साथ लहर व समीकरण के भरोसे हैं। दलित वोटर भी यहां 2 लाख से अधिक हैं। इस लोकसभा क्षेत्र की पांचों विधानसभा सीटों उतरौला, मेहनौन, गोंडा, मनकापुर (एससी) और गौरा पर भाजपा काबिज है। जीत की हैट्रिक लगाने के लिए भाजपा ने फिर कीर्तिवर्धन सिंह पर दांव खेला है। इंडिया गठबंधन से सपा उम्मीदवार के तौर पर श्रेया वर्मा उनके सामने है, जिनके दादा बेनी प्रसाद वर्मा का सूबे की कुर्मी प्रभावित क्षेत्रों में मतदाताओं पर गहरा प्रभाव रहा है। उन्होंने साल 2009 में यहां कीर्तिवर्धन सिंह को पटखनी दी थी। बहरहाल, बेनी प्रसाद वर्मा की यादें यहां के जनमानस में जिस तरह से रची-बसी है, उससे यह अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं कि हवा का रुख किधर रहेगा।

स्थानीय मतदाता नरसिंह पाल यादव, पिन्टू वर्मा और केशवराम वर्मा बताते हैं कि बेनी बाबू ने चुनाव जीतने के बाद गोंडा को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई। केन्द्रीय इस्पात मंत्री रहते हुए उन्होंने स्टील प्लांट की आधारशिला रखी। करोड़ों की लागत से कई मुख्य मार्ग और सम्पर्क मार्गो का निर्माण कराया, जिस पर फर्राटे भरते वाहन विकास की गाथा सुनाते हैं। उतरौला में आईटीआई कॉलेज, कुतुबगंज में निर्माणाधीन आईटीआई कॉलेज व सैकड़ों बच्चों को पढ़ने के लिए सोलर लालटेन, सैकड़ों विद्यालयों की नींव मजबूत करने के लिए आर्थिक अनुदान, जो युवाओं के बेहतर कॅरिअर की गवाह हैं। उतरौला, गोंडा, गौरा व अन्य विधानसभाओं में गांव-गांव तक चौड़ी सड़कें खुद-ब-खुद विकास के किस्से सुना रही हैं। ऐसे में बेनी बाबू के कराए विकास कार्यो का फायदा श्रेया को कितना मिलेगा यह तो चुनाव परिणाम बताएगा।

बताते चलें कि सपा प्रत्याशी श्रेया वर्मा को जहां भाजपा प्रत्याशी कीर्तिवर्धन सिंह राजा भईया चुनौती दे रहे हैं, वहीं बसपा प्रत्याशी सौरभ कुमार मिश्रा भी भाजपा के ब्राह्मण वोटरों में सेंधमारी के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाए हैं। इस पक्ष के मतदाता हों या उस पक्ष के, थोड़ी देर की बातचीत में ही बता देते हैं कि परिणाम क्या आने वाला है। दरअसल स्थानीय लोगों की माने तो विकास की बाट जोह रहे गोण्डा संसदीय क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी कीर्तिवर्द्धन सिंह के विजय रथ को रोकने के लिए पिछड़े, दलित व मुस्लिम वोटरों की एकजुटता भारी पड़ सकती है। साथ ही राजा भईया के रूखे स्वाभाव के चलते ब्राह्मण और ठाकुर वोटरों का एक तबका असंतुष्ट नज़र आ रहा है। जिसका फायदा श्रेया वर्मा को मिल सकता है।

हालांकि इस बार 18वीं लोकसभा चुनाव में सभी विपक्षी पाटियों के धुरंधरों को ओबीसी, मुस्लिम व अन्य वोटो के सहारे धराषायी करने वाले बेनी बाबू की पौत्री श्रेया वर्मा, राजा भैया को कड़ी टक्कर देती नज़र आ रही है। जहां एक ओर चुनावी रण को श्रेया वर्मा अपने बाबा की तरह पीडीए व अन्य समाज को साथ लेकर चुनाव को रोचक बनाने में जुटी हैं वहीं अयोध्या से सटे गोंडा में राम लहर, मोदी-योगी मैजिक और राजघराने के खासे प्रभाव से राजा भैया तीसरी बार दिल्ली का सफर तय करने का दावा कर रहे है। अब देखना है कि भाजपा वाकई सपा कांग्रेस गठबंधन को पटखनी दे पाएगी या नतीजा कुछ और होगा।

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मोहसिना कोठी का टोटका क्या कर पायेगा तनुज पुनिया का दिल्ली में जलवा ,बना पायेगा सियासत में मुकाम? कांग्रेस ने खोला केन्द्रीय चुनाव कार्यालय,सियासी गलियारे में बढ़ी सरगर्मियां https://www.tahalkatoday.com/mohsina-kothi-ka-totaka/ https://www.tahalkatoday.com/mohsina-kothi-ka-totaka/#respond Sun, 28 Apr 2024 01:10:25 +0000 https://www.tahalkatoday.com/?p=20684 मोहसिना कोठी का टोटका क्या दिला पायेगा दिल्ली में तनुज पुनिया को सियासत में जगह,
कांग्रेस ने खोला केन्द्रीय चुनाव कार्यालय,सियासी गलियारे में बढ़ी सरगर्मियां

पाटेश्वरी प्रसाद
बाराबंकी। मोहसिना क़िदवई, राजनीतिक गलियारे का एक बहुत कद्दावर नाम। नब्बे साल से ऊपर की मिसाली ज़िन्दगी, जिसमें कोई दाग नही, कोई तल्खियाँ नही, कोई धोखेबाज़ी नही, बस अपनी खूबी और मेहनत से रास्ता बनाती शख्सियत। विधायक, राज्य में मंत्री, सांसद, केंद्र में मंत्री, राज्यसभा सांसद, कितने ही संस्थानो की अध्यक्ष, सदस्य, यहाँ तक अगर कुछ छोटे दिल के लीडर अड़ंगा न लगाते तो राष्ट्रपति पद के लिए भी उनके नाम की दौड़ चली थी और वह बन भी जाती। कांग्रेस यूपी की अध्यक्ष, नेहरू भवन की ईंट-ईंट जोड़ने वाली, कांग्रेस कार्यसमिति की सदस्य रहीं, यानी कुल जमा एक वृहद राजनैतिक जीवन। हाँ भला कांग्रेस की इन कद्दावर लीडर को कौन नही जानता। मोहसिना क़िदवई ने ज़िन्दगी में बड़े उतार चढ़ाव देखे, राजनीति में चमकते और ढलते वक्त को भी देखा, मगर उस चौखट को कभी भी नजर अंदाज नही किया, जहां से शुरुआत की थी। यानि सिविल लाइन स्थित ‘मोहसिना कोठी’। जो अब फिर से सियासी चकाचौंध से गुलजार होने जा रही है। वही कोठी जो कभी कांग्रेस की राजनीति का मुख्य केंद्र और शहर में पूर्व केंद्रीय मंत्री मोहसिना क़िदवई का निवास हुआ करती थी। जहां श्रीमती क़िदवई ने सियासत का कखहरा सीखा। के.डी सिंह बाबू मार्ग स्थित ‘मोहिसना कोठी’ से मशहूर इस भवन की फिर चर्चा शुरू हो गई है। यह वही कोठी है जहां कांग्रेस में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए जाते थे। जहां भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू, इन्दिरा गांधी, राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह, फ़ख़रुद्दीन अली अहमद, जियाउर्रहमान अंसारी, डा ए. आर किदवई, पूर्व उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी महंत जगन्नाथ बक्श दास, पूर्व मंत्री पं श्याम लाल वाजपेयी, बाबू पुत्तू लाल वर्मा, बाबू बृज बहादुर श्रीवास्तव, पं चन्द्र भूषण शुक्ला, राम आसरे वर्मा, पं शेष नारायण शुक्ला, भगौती प्रसाद वर्मा, डॉ पुरूषोत्तम, ओवैस कर्मी सरीखे दिग्गज कांग्रेसियों का जमावड़ा लगा रहता था।

यह भवन साल 1952 में बनकर तैयार हुआ। जहां तत्कालीन कांग्रेस के दिग्गज नेता एवं पूर्व विधायक जमील उर रहमान किदवई का अस्थाई निवास था। जो मोहिसना क़िदवई के ससुर थे। साल 1953 में उनके बेटे खलील उर रहमान किदवई की मोहसिना क़िदवई से शादी हुई, जिसके बाद मोहसिना किदवई इसी कोठी में रहने लगी। वैसे जमील उर रहमान क़िदवई का मूलतः पैतृक निवास बड़ागांव था। बड़ागांव में उनकी पुश्तैनी कोठी भी राष्ट्रीय राजनीति का केंद्र रही, जहां कांग्रेस के दिग्गजों ने देश को अंग्रेजों से मुक्त कराने के तरीकों पर गरमागरम बहस की। धीरे-धीरे समय बीतता गया। आखिरकार, जमील उर रहमान क़िदवई ने सिविल लाइन स्थित एक भव्य कोठी की आधारशिला रखी जो बाद में जनपद ही नहीं बल्कि केन्द्र की सियासत की हिस्सा बनी। इस कोठी पर हर साल पहली जनवरी को मोहसिना किदवई का जन्मदिन बड़ी भव्यता के साथ मनाया जाता है। उसके बाद साल भर यह काठी अपने अतीत की यादों में खोई रहती है। साल 2009 में लोकसभा चुनाव के चलते आखिरी बार कोठी पर कांग्रेस नेत्री मोहसिना क़िदवई, बेनी प्रसाद वर्मा, डॉ पी.एल पुनिया, फवाद क़िदवई, इमरान क़िदवई, सुरेन्द्र नाथ अवस्थी, रिजवान उर रहमान क़िदवई सरीखे बहुत से कांग्रेसजनों का जमावड़ा लगा था। इस चुनाव में डॉ पी.एल पुनिया बाराबंकी से कांग्रेस प्रत्याशी थे और बेनी प्रसाद वर्मा गोण्डा से कांग्रेस प्रत्याशी थे। उसके बाद दो दिग्गज नेता चुनाव जीते पी.एल पुनिया केन्द्र में अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष बने और बेनी प्रसाद वर्मा केन्द्रीय इस्पात मंत्री बने। अबकी बार फिर ऐसा मौका है जब लोकसभा चुनाव के मद्देनज़र यह भवन राजनीतिक गतिविधियों का केन्द्र बना हुआ है।

बताते चलें कि बाराबंकी लोकसभा सीट से कांग्रेस के दिग्गज नेता एवं पूर्व सांसद डॉ. पी.एल पुनिया के बेटे तनुज पुनिया इंडिया गठबंधन से कांग्रेस उम्मीदवार है। बीते शुक्रवार को कांग्रेस नेता डॉ. पी.एल पुनिया ने कांग्रेस प्रत्याशी तनुज पुनिया का केन्द्रीय चुनाव कार्यालय इसी कोठी में खोला है। सूत्रों की माने तो कांग्रेस फिर इतिहास देाहराने जा रही है। लोगों का कहना है कि यह कोठी कांग्रेस की विरासत का आह्वान कर रही है। हालाँकि मोहसिना किदवई का जन्म इस भवन में नहीं हुआ था, वह शादी के बाद यहीं रहती थी और उनके राजनीतिक कैरियर की शुरूआत यहीं से हुई थी। लेकिन बाद में श्रीमती क़िदवई इसी कोठी से राजनीति के क्षितिज तक पहुंची। वहीं पी.एल पुनिया, बेनी प्रसाद वर्मा सरीखे कई नेताओं को राष्ट्रीय पहचान मिली। ऐसे में तनुज पुनिया भी अपने राजनीतिक कैरियर की शुरूआत इसी कोठी से करना चाहते हैं। उनको उम्मीद है कि जनता अपने आशीर्वाद के रूप में उन्हें भी एक मौका जरूर देगी ताकि वह बाराबंकी को केन्द्र की सियासत में फिर से पहचान दिला सके। जो पहचान मोहसिना किदवई, पी.एल पुनिया, बेनी प्रसाद वर्मा, कमला प्रसाद रावत सरीखे नेताओं ने दिलाई थी। बहरहाल, आजकल फिर यह कोठी सियासी गलियारे में चर्चा का विषय बन गई है। जिससे लोगों में उत्सुकता बनी हुई है।

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देश समाज इंसानियत के लिए अपनी बलि चढ़ाने के लिए तत्पर रहने वाला अयोध्या द्वार का गांधी ने 80 वे पड़ाव के किये दर्शन,लोगो ने किया स्वागत,गोप ने कहा सिविल नाफरमानी के योद्धा हैं पंडित राजनाथ शर्मा https://www.tahalkatoday.com/rajnath-shrama/ https://www.tahalkatoday.com/rajnath-shrama/#respond Sun, 21 Apr 2024 15:55:10 +0000 https://www.tahalkatoday.com/?p=20675 देश समाज इंसानियत के लिए अपनी बलि चढ़ाने के लिए तत्पर रहने वाला अयोध्या द्वार का गांधी ने 80 वे पड़ाव के किये दर्शन,लोगो ने किया स्वागत,गोप ने कहा सिविल नाफरमानी के योद्धा हैं पंडित राजनाथ शर्मा

तहलका टुडे टीम

बाराबंकी। अयोध्या द्वार के गांधी पंडित राजनाथ शर्मा 80वे पड़ाव में पहुच चुके है, देवा रोड स्थित गांधी भवन में रविवार को लोकतंत्र रक्षक सेनानी एवं वरिष्ठ समाजवादी चिन्तक राजनाथ शर्मा का 80वां जन्मदिन मनाया गया। जो डॉ. राममनोहर लोहिया के समय समाजवादी आंदोलन में शामिल हुए थे। उन्नीस साल की उम्र में वे जेल इसलिए गए कि डा. लोहिया के नेतृत्व में वे किसानों को उनकी उपज का वाजिब दाम दिलाना चाहते थे। फिर बीस बरस की उम्र में वे जेल इसलिए गए कि अंग्रेजी हटाना चाहते थे। क्योंकि वे चाहते थे कि ‘गॉधी लोहिया की अभिलाषा, चले देश में देश की भाषा’। तीसरी बार राजनाथ शर्मा जेल गए ‘सोशलिस्टों ने बांधी गांठ, पिछाड़ पावें सौ में साठ’ इस उद्घोष के साथ। जीवन में अब तक उनका दूसरा ठिकाना जेल बन गया था। अब वह 80 वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं और समाजवादी आंदोलन का दिया जलाए हुए हैं। वह न कभी चुनाव लड़े और न कोई शासकीय पद लिया। जनसरोकार से जुड़ी ऐसी शख्सियत को बधाई देने वालों का हुजूम गांधी भवन में इकट्ठा रहा।

इस मौके पर आयोजित आशीर्वचन समारोह के मुख्य अतिथि पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं सपा के राष्ट्रीय सचिव अरविन्द कुमार सिंह गोप ने कहा कि राजनाथ शर्मा सिविल नाफरमानी के योद्धा हैं। ना मानेंगे, ना मारेंगे उनके जीवन का सूत्र है। वह समाजवाद के अभिलेखागार हैं। अगर आप समाजवाद को जानना समझना चाहते हैं। तो उन्हें खंगालना पड़ेगा। राजनाथ शर्मा वह जिन्दा कौम है जो पांच साल इन्तजार नहीं करती। वह जब सत्ता में रहते हैं। तब भी सड़क पर संघर्ष के हिमायती है। यह उनकी पहचान है। पूर्व प्रशासक सुधेश कुमार ओझा ने कहा कि राजनाथ शर्मा से मिलना सदा प्रेरणादायी और ऊर्जा दायक होता है। देश और दुनिया को देखने की समझ भी बढ़ती है। 80 वर्ष की उम्र में उनकी याददाश्त, उत्साह और कार्यक्षमता ज्यों की त्यों कायम है, जो सभी को आश्चर्यचकित करती है।

आचार्य नरेन्द्र देव समाजवादी संस्थान के संयुक्त सचिव नवीन तिवारी ने कहा कि राजनाथ जी ने समाजवादियों का जीवन कैसा होना चाहिए इसका आदर्श देश और दुनिया के सामने रखा है। वह किसी भी सार्वजनिक कार्य के लिए पैसा इकट्ठा करने की अद्भुत क्षमता और कौशल रखते हैं। सभा की अध्यक्षता कर रहे पूर्व विधायक सरवर अली ने कहा कि राजनाथ शर्मा समाजवादी आंदोलन के उतार और चढ़ाव के साक्षी और भागीदार रहे हैं। इसके बावजूद भी उनके मन में कभी निराशा पैदा नहीं हुई। उन्होंने समाजवाद को नई दिशा प्रदान की। उनकी सोंच और समाजवादी विचार युवा पीढी को दिशा प्रदान करते रहेंगे। उन्होने सही मायने में समाजवाद को अपने जीवन का आधार बनाया। बिना किसी लोभ, पद, सम्पत्ति के राजनीति में दूसरों के हक की लडाई को लडा। वह भारतीय समाजवादी आन्दोलन के ईमानदार सोशलिस्ट लीडर माने जाते रहेंगे। सभा का संचालन पाटेश्वरी प्रसाद ने किया।

इस मौके पर साहित्यकार अजय सिंह गुरूजी, पूर्व विधायक शिवकरन सिंह, राना प्रताप सिंह, मलिक जमाल युसूफ, हुमायंू नईम खान, अदिति शर्मा, आद्या शर्मा ने संबोधित किया। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से पूर्व सांसद डॉ पी.एल पुनिया, पूर्व ब्लाक प्रमुख विवेकानंद पाण्डेय, भाजपा नेता मनीष शुक्ला, भरत लाल सिंह, वरिष्ठ पत्रकार सुरेश बहादुर सिंह, राजीव ओझा, अशोक शुक्ला, दानिश आजम वारसी, पूर्व जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष बृजेश दीक्षित, रामगोपाल शुक्ला, कौशल किशोर त्रिपाठी, बलराम सिंह एडवोकेट, वरिष्ठ पत्रकार तारिक खान, परवेज अहमद, डॉ कुलदीप सिंह, विनय कुमार सिंह, मृत्युंजय शर्मा, कुलवीर चौधरी, नासिर खान, शऊर कामिल किदवई, विश्वविजय सिंह, सलाउद्दीन किदवई, फराजुद्दीन किदवई, एम.ए हुसैन, सत्यवान वर्मा, कृष्ण प्रकाश त्रिपाठी, मधुसूदन दीक्षित, सभासद मो. फैसल, समाजसेवी कैलाश नाथ शर्मा, ताहिर खान, शहजादे आलम वारसी, भाजपा नेता पंकज गुप्ता पंकी, पत्रकार संतोष शुक्ला आदि सैकड़ों लोग मौजूद रहे।

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40 लाख आबादी के बाराबंकी का नाम रौशन 2024 में करने वाला निकला सिर्फ एक लाल,वो भी गाँव का 23 साल का क्षितिज,भारतीय_प्रशासनिक_सेवा में चयन,गांव में बधाई देने वालो का लगा तांता https://www.tahalkatoday.com/barabanki-me-ias/ https://www.tahalkatoday.com/barabanki-me-ias/#respond Tue, 16 Apr 2024 16:27:08 +0000 https://www.tahalkatoday.com/?p=20640 40 लाख आबादी के बाराबंकी का नाम रौशन 2024 में करने वाला निकला सिर्फ एक लाल,वो भी गाँव का 23 साल का क्षितिज,भारतीय_प्रशासनिक_सेवा में चयन,गांव में बधाई देने वालो का लगा तांता

तहलका टुडे टीम

बाराबंकी:राम_सनेही_घाट के ग्राम मऊ गोरपुर निवासी रवींद्र वर्मा और शालिनी वर्मा के बेटे क्षितिज पटेल बने अधिकारी

देश की प्रतिष्ठित सिविल सेवा परीक्षा में 835 रैंक प्राप्त कर जिला का नाम किया रोशन,

इनके पिता रवींद्र वर्मा सिचाई विभाग में सिंचाई विभाग में सहायक अभियंता के पद पर अलीगढ़ में कार्यरत हैं। जबकि मां शालिनी वर्मा बेसिक शिक्षा विभाग में विकास खण्ड बनीकोडर में उच्च प्राथमिक विद्यालय धुनोली ठाकुरान में सहायक अध्यापक पद पर कार्यरत हैं।

क्षितिज पटेल ने संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित परीक्षा में हिस्सा लेकर पहले ही प्रयास में 835वीं रैंक प्राप्त की। क्षितिज पटेल ने गांव में ही रहकर पांचवीं तक की पढ़ाई की। जबकि दसवीं व बारहवीं कक्षा सिटी मांटेसरी स्कूल लखनऊ से उत्तीर्ण की और फिर आईआईटी दिल्ली से सिविल इंजीनियरिंग से बीटेक 2021 में पास किया है।

क्षितिज की आयु 23 साल है।

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Dm बाराबंकी सत्येंद्र कुमार की हिकमते अमली से विधान सभा के सामने कुर्बानी कार्यक्रम हुआ रद्द,यूपी शिया वक़्फ़ बोर्ड के स्टे पर सख्त हुए डीएम,तुरंत एसडीएम से किया सवाल क्यों नही रुका काम,दिया आदेश लाजपतनगर डाक खाने के सामने कोई भी नही होगा अब निर्माण https://www.tahalkatoday.com/20433-2-vidhan-sabha-par-atm-dah/ https://www.tahalkatoday.com/20433-2-vidhan-sabha-par-atm-dah/#respond Mon, 11 Mar 2024 14:36:35 +0000 https://www.tahalkatoday.com/?p=20433 शिया वक़्फ़ बोर्ड के स्टे पर सख्त हुए डीएम बाराबंकी,तुरंत एसडीएम से किया सवाल क्यों नही रुका काम,दिया आदेश कहा लाजपतनगर डाक खाने के सामने कोई भी नही होगा निर्माण,कमेटी ने विधानसभा पर कुर्बानी कार्यक्रम किया रद्द

तहलका टुडे टीम
बाराबंकी: शिया वक़्फ़ बोर्ड के पिछले 7 मार्च को दिए गए स्टे के उपरांत चीफ सेक्रेट्री के दौरे में ज़िला प्रशासन की मसरूफियत और तीन दिन छुट्टी का फायदा उठाकर लाजपतनगर डाकखाने के सामने युद्ध स्तर पर नीलम शाह,सुजीत शाह द्वारा भरष्टचार का इस्तेमाल कर डलवाई गयी रातों रात स्लैब डालने के मामले में वक़्फ़ कमेटी के प्रतिनिधि मंडल ने आज ज़िलाधिकारी सत्येंद्र कुमार से मुलाक़ात कर पूरी जानकारी देते और स्टे पत्र की प्रतिलिपी देकर लोक संपत्ति को बचाने की गुहार लगाई,जिस पर डीएम ने सारी पत्रवालीयो का बारीकी से अध्य्यन करने के उपरांत एसडीएम से कहा ये कार्य क्यों नही रुका,वही आदेश देते हुए कहा लाजपतनगर डाक खाने के सामने कोई भी नही होगा लोक संपत्ति पर निर्माण,कमेटी के लोगो से कहा कोई भी निर्माण हो तो तुरंत सूचित करें,कड़ी कार्यवाही होगी,वही वक़्फ़ कमेटी नवाब अमजद अली ने डीएम के एक्शन से मुतमईन होकर विधानसभा पर कुर्बानी कार्यक्रम रद्द कर दिया है।

आपको बता दे शिया वक़्फ़ बोर्ड के प्रशासनिक अधिकारी द्वारा 7 मार्च को ईमेल से और डाक से वही सरवर अली रिजवी, सेक्रेटरी, को इस निर्देश दिया था कि उपरोक्त प्रकरण के सम्बन्ध में सम्बन्धित अधिकारियों से सम्पर्क स्थापित कर वस्तु स्थिति से अवगत करायें तथा कृत कार्यवाही से बोर्ड को भी अवगत करायें।
जिलाधिकारी/अपर सर्वे आयुक्त वक्फ, जनपद-बाराबंकी। को स्टे पत्र में लिखा था कि वक्फ अमजद अली खान, पंजीयन सं० 1-1480, जनपद-बाराबंकी की सम्पत्ति की सुरक्षा के सम्बन्ध में।
विषय का सन्दर्भ ग्रहण करने का कष्ट करें। प्रश्नगत वक्फ एवं उसकी सम्पत्ति कार्यालय बोर्ड के अभिलेखों में पंजीकृत है। अवगत कराना है कि सरवर अली रिजवी, सचिव, वक्फ उपरोक्त ने दिनांक 07 मार्च, 2024 को ई-मेल के माध्यम से लिखित रूप में एक प्रार्थना पत्र कार्यालय बोर्ड में प्राप्त कराते हुए सूचित किया है कि बाराबंकी हेड पोस्ट आफिस के सामने प्रश्नगत वक्फ की सम्पत्ति गाटा संख्या 186, के एक हिस्से में लखनऊ अयोध्या रोड पर लबे सड़क श्री शाहजी इंफ्रा वेंचर्स की नीलम हाइट्स नाम से नीलम शाह सुजीत शाह द्वारा अवैध रूप से कब्जा कर कॉम्पलेक्स का निर्माण कराया जा रहा है। इस संबंध में कार्यालय बोर्ड में धारा 52 के तहत कार्यवाही प्रचलित है जिसमे श्री मदन मोहन टंडन पुत्र सन्त प्रसाद,ब/364, डेड पोस्ट आफिस के सामने, लाजपत नगर, परगना व तहसील नवाबगंज, जिला बाराबंकी एवं हर्षित टंडन पुत्र मदन मोहन टंडन तथा नीलम शाह, पत्नी स्व० राम कृष्ण शाह व डॉ० टण्डन के सामने वाली गली, कानून गोयान, शहर व परगना व तहसील नवाबगंज, जिला बाराबंकी को नोटिस सुनवाई हेतु निर्गत की गई है। बोर्ड के समक्ष सुनवाई हेतु तिथि 11 मार्च, 2024 नियत है। उक्त के अतिरिक्त यह भी अवगत कराया है कि प्रश्नगत वक्फ सम्पत्ति गाटा संख्या 186 मि० पर लबे सड़क पीपल का हरा भरा पेड़ भी अपने फायदे के लिए कटवा कर गायब कर दिया गया है, जिसकी भी शिकायत कमेटी द्वारा कई बार की जा चुकी है। इस सम्बन्ध में कार्यालय बोर्ड में धारा 52 की कार्यवाही प्रचलित रहने तक नीलम शाह पत्नी स्व राम कृष्ण शाह द्वारा वक्फ की भूमि पर पास करवाया गया विनियमित विभाग से नक्शा को निलंबित करने के साथ अवैध निर्माण को रोकने के निर्देश के साथ यथा स्थिति तत्काल प्रभाव से बनाये जाने के सम्बन्ध में अनुरोध किया गया है,

अतः उपरोक्त के सम्बन्ध में मुझे यह कहने का निदेश हुआ है कि उक्त प्रकरण की गंभीरता को दृष्टिगत रखते हुए कार्यालय बोर्ड में धारा 52 की कार्यवाही प्रचलित रहने तक नीलम शाह पत्नी स्व राम कृष्ण शाह द्वारा वक्फ की भूमि पर पास करवाया गया विनियमित विभाग से नक्शा को निलंबित करायें जाने एवं किये जा रहे अवैध निर्माण को रूकवाये जाने तथा यथास्थिति तत्काल प्रभाव से बनाये रखे जाने के सम्बन्ध में सम्बन्धित अधिकारी को निर्देशित करने का कष्ट करें, ताकि बक्क सम्पत्ति की सुख्क्षा सुनिश्चित हो सके।
इसकी प्रतिलिपि-श्रीमान वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, जनपद-बाराबंकी।
को भी भेजी गई थी।
7 मार्च शाम से कमेटी के लोग बदहवास होकर घूम रहे थे अधिकारियों को फ़ोन कर रहे थे व्हाट्स एप्प कर फरियाद कर रहे थे लेकिन कुछ ज़िलाधिकारी कार्यालय में तैनात भु माफियाओ के संरक्षक बाबू पत्रावलियों को दाबे रहे ,अधिकारियो के सामने न प्रस्तुत की न फ़ोन पर सीयूजी पर बात करने दी।
7 को डीएम साहब की शाम को बेटी के जन्म दिवस और शुक्रवार को मुख्य सचिव के बाराबंकी आगमन और तीन दिन छूट्टी का फायदा उठाकर सुजीत शाह गैंग द्वारा कमेटी के लोगो को धमकाते हुए स्लैब डाल ली गयी।
शनिवार को सरवर अली रिज़वी प्रतिनिधि मंडल के साथ थाना दिवस पर गए वहा दरोगा ने कहा ये तो डीएम के नाम पत्र है उनसे आदेश हमे मिलेगा तभी कुछ होगा,कई घंटे इन्तिज़ार और कोशिशो के बावजूद अवैध निर्माण जारी रहा।

आज डीएम सत्येंद्र कुमार के एक्शन के बाद प्लान विधान सभा पर कुर्बानी का निरस्त कर वापस बाराबंकी का आदेश देते कमेटी के लोग दिखे।सबसे बड़ी बात ये थी ख़ुफ़िया तंत्र की इत्तेला के बगैर कुछ लोग लखनऊ आज रवाना हो गए थे,प्लान ये तय था कि डीएम अगर तवज्जो नही देते है तो भारत की सुप्रीम रिलिजियस अथॉरिटी आफ़ताबे शरीयत मौलाना कल्बे जवाद नक़वी से पूरा मामला बताकर उनसे शासन प्रशासन में बात कराई जाएंगी,उसके बाद अगर काम न रुका तो विधानसभा पर कुर्बानी दी जायेगी।

लेकिन डीएम सत्येंद्र कुमार के सख्त एक्शन से कमेटी का प्रतिनिधि मंडल संतुष्ट दिखा तुरंत सूचित कर ये कार्यक्रम स्थगित हुआ।

आज डीएम से मिलने वालों में सेक्रेटरी सरवर अली रिज़वी के साथ यूपी शिया सेंट्रल बोर्ड ऑफ वक़्फ़ के कमेटी के कॉउन्सिल सैयद रेहान मुस्तफ़ा,सेव वक़्फ़ इंडिया के सदस्य और राष्ट्रीय एकता संगठन के अध्य्क्ष जाहिद हुसैन, हाजी रईस अहमद, शब्बर रिज़वी,व्यापार मंडल के नेता और कमेटी के सदस्य हसन अब्बास रौशन रहे मौजूद।

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पूर्व केंद्रीय मंत्री और गोंडा के सांसद रहे स्वर्गीय बेनी प्रसाद वर्मा की पोती,पूर्व कारागार मंत्री राकेश वर्मा और किंग मेकर सुधा वर्मा की बेटी श्रेया वर्मा को सपा के राष्टीय अध्य्क्ष अखिलेश यादव ने गोंडा लोकसभा से टिकट देकर हड़कम्प मचाया https://www.tahalkatoday.com/sapa-se-gonda-ka-sherya-singh-ko-tikat/ https://www.tahalkatoday.com/sapa-se-gonda-ka-sherya-singh-ko-tikat/#respond Mon, 19 Feb 2024 14:58:13 +0000 https://www.tahalkatoday.com/?p=20392 पूर्व केंद्रीय मंत्री और गोंडा के सांसद रहे स्वर्गीय बेनी प्रसाद वर्मा की पोती,पूर्व कारागार मंत्री राकेश वर्मा और किंग मेकर भाभी सुधा वर्मा की बेटी श्रेया वर्मा को सपा के राष्टीय अध्य्क्ष अखिलेश यादव ने गोंडा लोकसभा से टिकट देकर हड़कम्प मचा दिया है।

गोंडा के साथ साथ कई दिन से बाराबंकी के सियासी हलकों में चर्चा का विषय बना था,आज समाजवादी पार्टी की घोषणा से जलने सुलगने वाले लोगो और विपक्ष के पेट मे बहूत शदीद दर्द की चीख सत्ता के गलियारों में चर्चा का विषय बन गयी ,वही भाजपा सांसद कीर्ति वर्धन सिंह के खैमे में बैचेनी देखने को मिली ।

जनसत्ता के गोण्डा के ब्यूरो चीफ रहे जानकी शरण द्विवेदी बताते है कि गोंडा में कुर्मी–मुस्लिम वोटरों की संख्या है सबसे ज्यादा है,श्रेया सिंह को इसका फायदा मिलेगा,

तहलका टुडे के एडिटर रिज़वान मुस्तफ़ा बताते है कि श्रेया ने देहरादून से पढ़ाई की दादा बेनी प्रसाद वर्मा की गोद मे सियासत का ककहरा सीखने वाली अपनी माँ सुधा वर्मा की खुश अख़लाक़ी और लोगो की मदद का जज्बा रखने की तरबियत हासिल कर सपा की राष्ट्रीय महिला सभा की अध्य्क्ष जुही सिंह की शागिर्दी में सियासत के हर पहलू शाइस्ता अंदाज़ में सीख कर अखिलेश यादव ने गोण्डा से टिकट देकर नवजवानों में में एक जोश भर दिया है।

श्रेया सपा की राष्ट्रीय महिला सभा में पदाधिकारी भी है,
आज टिकट के एलान पर बाराबंकी लखनऊ गोंडा में समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ गयी,

पूर्व मंत्री राकेश वर्मा ने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को इस सम्मान देने के लिए धन्यवाद दिया है।

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बाराबंकी बिजली विभाग का आदेश वक़्फ़ नवाब अमजद अली की करोड़ों की ज़मीन पर डाकखाने के सामने हो रहे अवैध निर्माण पर वक़्फ़ बोर्ड और जिला प्रशासन की एनओसी के बाद ही होगा कनेक्शन, भु माफियाओं में हड़कंप https://www.tahalkatoday.com/20343-2-bijli-vibhag/ https://www.tahalkatoday.com/20343-2-bijli-vibhag/#respond Wed, 31 Jan 2024 18:33:08 +0000 https://www.tahalkatoday.com/?p=20343 बाराबंकी बिजली विभाग का आदेश वक़्फ़ नवाब अमजद अली की ज़मीन डाकखाने के सामने हो रहे अवैध निर्माण पर वक़्फ़ बोर्ड और जिला प्रशासन की एनओसी के बाद ही होगा कनेक्शन, भु माफियाओं में हड़कंप

बाराबंकी:विधुत विभाग का आदेश वक़्फ़ नवाब अमजद अली की लाजपतनगर की ज़मीन डाकखाने के सामने हो रहे अवैधबनिर्माण पर वक़्फ़ बोर्ड और जिला प्रशासन की एनओसी के बाद ही होगा कनेक्शन, भु माफियाओं में हड़कंप मच गया है।

वक़्फ़ नवाब अमजद अली खान बाराबंकी रजिस्टर्ड नं 1480 के रजिस्टर नं 37 में दर्ज गाटा संख्या 186 मि की भूमि की अराज़ी को मदन मोहन टण्डन और हर्ष टण्डन B 364 हेड पोस्ट आफिस के सामने लाजपतनगर परगना वा तहसील नवाब गंज जिला बाराबंकी द्वारा नीलम शाह के हाथों अवैध रूप से फ्रॉड करके वक़्फ़ सम्पाति बेचकर फरार हो जाने से नगर पालिका से दाखिल खारिज रोकने, किसी बैंक से भूमि की रजिस्ट्री को बंधक रखकर लोन लेने और विनियमित विभाग से नक्शा पास कराने से रोकने के साथ इसकी रजिस्ट्री शून्य करने के लिए वक़्फ़ कमेटी द्वारा श्रीमान अपर वक़्क़ आयुक्त जिलाधिकारी बाराबंकी और यूपी शिया सेंट्रल बोर्ड ऑफ वक़्फ़ लखनऊ को शिकायत पत्र भेजकर कड़ी कार्यवाही की मांग की गई है, जिसके संबंध में आप से विनती है किसी तरह का भी बिजली कनेक्शन देने से पहले वक़्फ़ नवाब अमजद अली खान कमेटी, जिलाधिकारी बाराबंकी, और यूपी शिया सेंट्रल बोर्ड ऑफ वक़्फ़ 817, इंदिरा भवन लखनऊ से पहले अनुमति और NOC अवश्य ले लेवे।

जिस पर दिनेश कुमार उपखण्ड अधिकारी-प्रथम कार्यालय उपखण्ड अधिकारी विद्युत वितरण उपखण्ड-प्रथम मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लि०. बाराबंकी पत्रांक-105 वि०वि०उपखण्ड (बा०) से सचिव (उर्जा). उत्तर प्रदेश शासन, जनपद लखनऊ को पत्र भेजकर कहा है कि शिकायत के सम्बन्ध में सादर अवगत कराना है कि शिकायतकर्ता सरवर अली रिज़वी पुत्र वक्फ नवाब अमजद अली खान नवाबगंज बाराबंकी, के द्वारा की गई शिकायत सं० 40017624002428 दिनांक 16.01.2024 के सन्दर्भ में अवर अभियन्ता, 33/11 के०वी० विद्युत उपकेन्द्र ओबरी को सूचना दे दी गई है, कि भविष्य में उक्त परिसर पर यदि विद्युत संयोजन हेतु आवेदन प्राप्त होता है तो विभागीय नियमानुसार ही समस्त औपचारिकताएं पूर्ण करने के उपरान्त ही अग्रेतर

वक़्फ़ नवाब अमजद अली के सेक्रेट्री सरवर अली ने पत्र में क्या लिखा था

श्रीमान अधिशासी अभियंता विधुत विभाग बाराबंकी लिखे पत्र में कहा गया था
आपको अवगत कराना है वक़्फ़ नवाब अमजद अली खान बाराबंकी रजिस्टर्ड नं 1480। के रजिस्टर् नं 37 में दर्ज गाटा संख्या 186 मि की वक़्फ़ भूमि की अराज़ी को

1, मदन मोहन टण्डन पुत्र संत प्रसाद आधार कार्ड नं 742442939762, पैन कार्ड नं ACHPTO854G, मोबाईल नं 9450049649, 2-हर्षित टण्डन पुत्र मदन मोहन टण्डन,

आधार कार्ड नंबर 512213039436, Pan Card नं ACCPT1610P, Mob नं 94150 75520 निवासी B 364 हेड पोस्ट आफिस के सामने लाजपतनगर परगना वा तहसील नवाब गंज जिला बाराबंकी द्वारा

श्रीमती नीलम शाह पत्नी स्व रामकृष्ण शाह निवासी डॉ टण्डन के सामने वाली गली, कानून गोयान

शहर व परगना व तहसील नवाब गंज ज़िला बाराबंकी

आधार कार्ड नं 774522681952, Pan नं EBJPS0920M, Mobiles no 9335262728 के हाथों रजिस्ट्री बही संख्या 1 जिल्द नं 14162 पृष्ठ 129 से 144 तक क्रमांक 11774 पर दिनांक 02/07/2021 के जरिए 4137.4 फिट और

बही संख्या 1 जिल्द सांख्य 14162 के पृष्ठ 145 से 158 तक क्रमांक 11775 पर दिनाक 02/07/2021 के ज़रिए 260 वर्ग फिट अवैध रूप से खामोशी से बेच दी गयी है।

लबे सड़क इस वक़्फ़ भूमि का बाजार मूल्य तक़रीबन 2.5 करोड़ के आसपास है जिसको फ्रॉड करके बेचना सरासर गलत और गैर कानूनी और वक़्फ़ एक्ट के खिलाफ है।
पत्र में विनती ये की गई थी पूरे मामले की गंभीरता को देखते हुए वक्फ खोरो भू माफिओ के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करते हुए fir दर्ज करने, नगर पालिका से दाखिल खारिज रोकने, किसी बैंक से भूमि की रजिस्ट्री को बंधक रखकर लोन लेने और विनियमित विभाग से नक्शा पास कराने से रोकने के साथ इसकी रजिस्ट्री शून्य करने के साथ वक़्क़ भूमि पर किसी भी तरह का निर्माण करने से रोक लगाने के लिए वक़्फ़ कमेटी द्वारा श्रीमान अपर वक़्फ़ आयुक्त जिलाधिकारी बाराबंकी और यूपी शिया सेंट्रल बोर्ड ऑफ वक़्फ़ लखनऊ को शिकायत पत्र भेजकर कड़ी कार्यवाही की मांग की गई है, जिसके संबंध में आप से विनती है किसी तरह का भी बिजली कनेक्शन देने से पहले वक्फ नवाब अमजद अली खान कमेटी, जिलाधिकारी बाराबंकी, और यूपी शिया सेंट्रल बोर्ड ऑफ वक़्फ़ 817, इंदिरा भवन लखनऊ से पहले अनुमति और NOC अवश्य ले लेवे।

हम आपके वक़्फ़ हित में उठाये गए कदम पर आभारी होंगे

जिस उक्त पत्र विधुत विभाग ने जारी कर हड़कम्प मचा दिया है,

सेक्रेटरी सरवर अली रिज़वी का कहना है कि औक़ाफ़ की ज़मीन गाटा संख्या 186 पर अवैध रूप से निर्माण और किराया न देने वालो को सरकार के निर्देश पर अमल करते हुए कोई लापरवाही नही होने दी जाएंगी,वक़्फ़ पर अवैध कब्ज़ों को रोका जाएगा,जिनके किराए बाकी है वो अपना किराया जमा कर एनओसी अवश्य ले नही तो तहसील से आरसी भेजकर कार्यवाही की जाएंगी।

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उत्तर प्रदेश बाराबंकी किन्तुर के ईरान में इस्लामिक गणराज्य के संस्थापक इमाम खुमैनी के तेहरान स्थित मकबरे पर विश्व शांति रहनुमा अयातुल्ला खामेनेई की श्रद्धांजलि https://www.tahalkatoday.com/imam-khumaini/ https://www.tahalkatoday.com/imam-khumaini/#respond Wed, 31 Jan 2024 11:35:43 +0000 https://www.tahalkatoday.com/?p=20322 उत्तर प्रदेश बाराबंकी किन्तुर के ईरान में इस्लामिक गणराज्य के संस्थापक इमाम खुमैनी के तेहरान स्थित मकबरे पर विश्व शांति रहनुमा अयातुल्ला खामेनेई की श्रद्धांजलि

तहलका टुडे टीम

तेहरान – विश्व शांति रहनुमाबअयातुल्ला सैयद अली खामेनेई ने बुधवार को इमाम खुमैनी के मकबरे का दौरा किया और दस दिवसीय फज्र (भोर) से पहले इस्लामी गणराज्य के संस्थापक और क्रांति के शहीदों की याद में श्रद्धांजलि अर्पित की।
आयोजन इस्लामिक क्रांति की शानदार जीत की 45वीं वर्षगांठ मनाने वाला दस दिवसीय फज्र समारोह कल से शुरू होगा, अयातुल्ला खामेनेई ने बुधवार को इमाम खुमैनी (भगवान की दया उन पर हो) की कब्र का दौरा किया और संस्थापक की स्मृति में श्रद्धांजलि अर्पित की।

इस्लामी गणतंत्र ईरान के अयातुल्ला खामेनेई ने 7वें तिर (28 जून 1981) के प्रतिष्ठित शहीदों और 30 अगस्त 1981 को प्रधान मंत्री कार्यालय के विस्फोट के शहीदों की कब्रों का भी दौरा किया, और सर्वशक्तिमान ईश्वर से उनका दर्जा बढ़ाने के लिए कहा।

नेता ने शहीद मोहम्मद अमीन समदी (जो हाल ही में दमिश्क पर ज़ायोनी शासन के हमले में शहीद हो गए थे) और होली डिफेंस के कई शहीदों की कब्र पर भी श्रद्धांजलि अर्पित की, जिन्होंने 1980 के दशक में ईरान की रक्षा के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया था। साथ ही पवित्र तीर्थस्थलों की रक्षा के शहीद।

आयतुल्लाह खुमैनी कौन थे किन्तुर से क्या ताल्लूक था

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी का किन्तूर गाँव यूँ तो उत्तर प्रदेश के बाक़ी गाँवों की मानिंद चुपचाप सा रहता है लेकिन एक फ़रवरी, 1979 की शाम उसमें कुछ चेतना अवश्य आई होगी. आती भी क्यों नहीं– इसी गाँव का पोता- आयतुल्लाह रूहुल्लाह ख़ुमैनी 14 साल के निष्कासन के बाद अपने वतन जो लौट रहा था. यह वतन हिंदुस्तान नहीं बल्कि ईरान था.

बाराबंकी के किन्तूर गाँव की धड़कनों का तेज़ होना शायद इसलिए वाजिब था क्योंकि ईरान की इस्लामी क्रांति के प्रवर्तक रूहुल्लाह ख़ुमैनी के दादा सैय्यद अहमद मूसवी हिंदी, सन 1790 में, बाराबंकी के इसी छोटे से गाँव किन्तूर में ही जन्मे थे.

रूहुल्लाह ख़ुमैनी के दादा क़रीब 40 साल की उम्र में अवध के नवाब के साथ धर्मयात्रा पर इराक गए और वहां से ईरान के धार्मिक स्थलों की ज़ियारत की और ईरान के ख़ुमैन नाम के गाँव में जा बसे.

उन्होंने फिर भी अपना उपनाम ‘हिंदी’ ही रखा. उनके पुत्र आयतुल्लाह मुस्तफ़ा हिंदी का नाम इस्लामी धर्मशास्त्र के जाने-माने जानकारों में शुमार हुआ. उनके दो बेटों में, छोटे बेटे रूहुल्लाह का जन्म सन 1902 में हुआ, जो आगे चलकर आयतुल्लाह ख़ुमैनी या इमाम ख़ुमैनी के रूप में प्रसिद्ध हुए.

इस्लामी गणराज्य
रूहुल्लाह के जन्म के 5 महीने बाद उनके पिता सैयद मुस्तफ़ा हिंदी की हत्या हो गई थी. पिता की मौत के बाद रूहुल्लाह का लालन-पालन उनकी माँ और मौसी ने किया और उन्होंने अपने बड़े भाई मुर्तजा की देख-रेख में इस्लामी शिक्षा ग्रहण की.

रूहुल्लाह ख़ुमैनी को इस्लामी विधिशास्त्र और शरिया में विशेष रुचि थी और इसके साथ-साथ उन्होंने पश्चिमी दर्शनशास्त्र का भी अध्यन किया. अरस्तू को तो वे तर्कशास्त्र का जनक मानते थे.

ईरान के अराक और कोम शहर स्थित इस्लामी शिक्षा केंद्रों में पढ़ते-पढ़ाते वह शहंशाही राजनीतिक प्रणाली का पुरज़ोर विरोध करने लगे और उसकी जगह विलायत-ए-फ़कीह (धार्मिक गुरु की संप्रभुता) जैसी पद्धति की वकालत करने लगे.

पहलवी सल्तनत के इसी विद्रोह के तहत उन्हें ईरान से देश निकाला दे दिया गया. तुर्की, इराक और फ़्रांस में निष्कासन के दौरान आयतुल्लाह ख़ुमैनी का ईरानी पहलवी शासन का विरोध जारी रहा. ईरानी जनता भी रूहुल्लाह ख़ुमैनी को अपना नेता मान चुकी थी

ईरान की क्रांति और भड़क गई और दमन के बावजूद जनता ने सड़कों को अपना घर घोषित कर दिया.

क्रांति को थमते न देख, पहलवी खानदान के दूसरे बादशाह आर्यमेहर मुहम्मद रज़ा पहलवी ने 16 जनवरी, 1979 को देश छोड़ दिया और विदेश चले गए. राजा के देश छोड़ने के 15 दिन के बाद ख़ुमैनी लगभग 14 साल के निष्कासन के बाद एक फ़रवरी, 1979 को ईरान लौट आए. इसके बाद उन्होंने ईरान में शाहंशाही की जगह इस्लामी गणराज्य की स्थापना की.

ख़ुमैनी का सूफ़ियाना पहलू
अपने राजनैतिक जीवन में ख़ुमैनी एक इमाम के रूप में जाने जाते रहे- ‘न पूरब के साथ, न पश्चिम के साथ, बस जम्हूरी इस्लामी के साथ’ और ‘अमरीका में कुछ दम नहीं’ जैसे कथनों को उन्होंने ईरानी शासन व्यवस्था का मूलमंत्र बनाया.

रूहुल्लाह ख़ुमैनी के चरित्र का एक और कम चर्चित पक्ष भी रहा और वह था उनका सूफ़िआना कलाम में महारत होना. वह अपनी इरफ़ाना ग़ज़लों को रूहुल्लाह हिंदी के नाम से लिखते थे.

रूहुल्लाह का सूफ़िआना कलाम और राजनीतिक चिंतन नदी के उन दो तटों के समान था जिनका मिलना अकल्पनीय है. जहाँ उनकी गज़लों में उन्होंने साकी, शराब, मयखाना और बुत को अपनी रूहानी मंजिल जाना- वहीं अपने राजनीतिक चिंतन में इसी सोच के ख़िलाफ़ काम किया. उनकी एक ग़ज़ल के दो शेर उनके इरफ़ाना पहलू की ओर इशारा करते हैं.

चार जून, 1989 में आयतुल्लाह रूहुल्लाह ख़ुमैनी भी चल बसे.

मगर बाराबंकी का दिल अब भी धड़क रहा है.उनकी याद में आज भी उनके खानदान के लोग गम मनाते, तहलका टुडे के एडिटर रिज़वान मुस्तफ़ा जो किन्तुर के दामाद है बताते हर वर्ष बाराबंकी से सैकैडो लोग आयतुल्लाह खुमैनी की कब्र पर श्रद्धाजली अर्पित करने जाते है।
पिछले वर्ष तेहरान में हुई इमाम खुमैनी की याद में कांफ्रेंस में भी उनको जाने का मौका मिला था

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अपराधियो के दिलो का खौफ,300 से ज़ियादा अपराधियों को एनकाउंटर में ढेर कर, राष्ट्रपति से 3 बार वीरता पुरस्कार प्राप्त करने वाले यूपी की आन बान शान आईपीएस प्रशांत कुमार बने कार्यवाहक डीजीपी,अपराधियों और साज़िश रचने वालो में हड़कंप https://www.tahalkatoday.com/20319-2-prashant-kumar/ https://www.tahalkatoday.com/20319-2-prashant-kumar/#respond Wed, 31 Jan 2024 07:39:31 +0000 https://www.tahalkatoday.com/?p=20319 अपराधियो के दिलो का खौफ,300 से ज़ियादा अपराधियों को एनकाउंटर में ढेर कर, राष्ट्रपति से 3 बार वीरता पुरस्कार प्राप्त करने वाले यूपी की आन बान शान आईपीएस प्रशांत कुमार बने कार्यवाहक डीजीपी,अपराधियों और साज़िश रचने वालो में हड़कंप

तहलका टुडे टीम

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के डीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार को योगी सरकार ने कार्यवाहक डीजीपी बनाया है। 1990 बैच के आईपीएस प्रशांत कुमार को सरकार ने एक बार फिर कार्यवाहक डीजीपी के तौर पर यूपी नियुक्त किया है। इससे पहले आईपीएस विजय कुमार यह जिम्मेदारी संभाल रहे थे लेकिन उनके रिटायर होने पर प्रशांत कुमार को कार्यवाहक DGP नियुक्त किया गया है।

प्रशांत कुमार को 26 जनवरी को चौथी बार गैलेंट्री मेडल से सम्मानित किया गया था। 1990 बैच के आईपीएस प्रशांत कुमार का जन्म बिहार के सिवान में हुआ था। पुलिस सेवा के दौरान उन्होंने 300 से ज्यादा दुर्दांत अपराधियों को एनकाउंटर में ढेर किया है। इसके अलावा प्रशांत कुमार ने 4 साल तक तमिलनाडु कैडर में पुलिस सेवा की। इसके बाद 1994 में प्रशांत कुमार उत्तर प्रदेश आईपीएस कैडर में आ गए।

प्रशांत कुमार को 2020-21 में वीरता पुरस्कार से नवाजा गया
प्रशांत कुमार ने उत्तर प्रदेश पुलिस में काफी अहम भूमिकाओं में काम किया है। उनके कार्यकाल में काफी कुख्यात अपराधियों और माफियाओं का अंत हुआ है। प्रशांत कुमार को उत्तर प्रदेश पुलिस में ‘सिंघम’ नाम से भी जाना जाता है। अपनी लंबी नौकरी के दौरान प्रशांत कुमार ने करीब 14 मेडल प्राप्त किए हैं। उनको बहादुरी और उत्‍कृष्‍ट कार्य के लिए 3 बार पुलिस मेडल मिल चुका है। प्रशांत कुमार को 2020 और 2021 में वीरता पुरस्कार से भी नवाजा गया। उन्‍हें खासतौर पर क्राइम पर अंकुश लगाने के लिए जाना जाता है।
इन अपराधियों का समाप्त किया साम्राज्य
एक समय था जब बेखौफ अपराधी सार्वजनिक रूप से अपराध का झंडा लहरा रहे थे। एक समय था जब यूपी में कुख्यात संजीव जीवा, कग्गा गैंग, मुकीम काला, सुशील मूंछ, अनिल दुजाना और विक्की त्यागी आदि कुख्यात बदमाशों का साम्राज्य फैला हुआ था। हालांकि 2017 में जब से यूपी की कमान योगी आदित्यनाथ ने संभाली है उसके बाद से ही अपराधियों को सफाया करने के लिए प्रशांत कुमार को मेरठ में तैनात किया गया। इसका नतीजा यह हुआ कि आज इन बदमाशों का अंत हो चुका है। दिल्ली स्थित प्रीत विहार के मेट्रो हार्ट एवं कैंसर हॉस्पिटल के डॉक्टर श्रीकांत गौड़ के किडनैप केस का खुलासा करने पर भी प्रशांत कुमार ने खूब सुर्खियां बटोरी थीं। इस मामले में बदमाशों ने 5 करोड़ की फिरौती मांगी थी।
अतीक को मिट्टी में मिलाने वाले,मुख्तार के साथ पूर्वांचल और पश्चिम के माफियो को जेल की सलाखों में पहुचाने का भी शरफ़ मिला है।

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महात्मा गांधी की 76वी पुण्य तिथि पर मुसलमानों की एहसान फरामोशी की चर्चा https://www.tahalkatoday.com/gandhi-ki-shahadat/ https://www.tahalkatoday.com/gandhi-ki-shahadat/#respond Tue, 30 Jan 2024 10:27:59 +0000 https://www.tahalkatoday.com/?p=20305

गांधी की 76वी पुण्य तिथि पर मुसलमानों की एहसान फरामोशी की चर्चा

देश के जाने माने पत्रकार राहुल देव ने कहा-
गांधी मुसलमानों की वजह से मरे, मुसलमानों के लिए मरे, ना कि हिन्दूओं के लिए मरे। लेकिन दुःख है कि गांधी की इस बात को उन्होंने कबूल नहीं किया और उनकी शहादत को नहीं समझा,

वरिष्ठ पत्रकार शीतल पी सिंह ने कहा कि महात्मा गांधी के विचारों का प्रमुख आधार सत्य और अहिंसा है।

पूर्व कैबिनेट मंत्री अरविन्द कुमार सिंह गोप ने कहा कि महात्मा गांधी ने पूरी दुनिया में भारत का सम्मान बढ़ाया। सत्य और अहिंसा के रास्ते पर चलकर देश को अंग्रेजों की दासता से मुक्त कराया।

तहलका टुडे टीम

बाराबंकी। गांधी को गोडसे ने इसलिए मारा क्योंकि वह मुसलमानों की बहुत पैरवी करते थे। वह उनकी बात करते थे। असल बात यह थी कि गांधी मुसलमानों की वजह से मरे, मुसलमानों के लिए मरे, ना कि हिन्दूओं के लिए मरे। लेकिन दुःख है कि गांधी की इस बात को उन्होंने कबूल नहीं किया और उनकी शहादत को नहीं समझा। जिनके लिए गांधी मरे। यह कड़वा सच है। यह बात गांधी भवन में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 76वीं पुण्यतिथि पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा के मुख्य अतिथि वरिष्ठ पत्रकार राहुल देव ने कही।

मंगलवार को आजादी के नायक महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देने के लिए 11 बजे सभी ने एक मिनट मौन रहकर उनको श्रद्धांजलि भी दी। इसके उपरान्त मुख्य अतिथि राहुल देव, वरिष्ठ पत्रकार शीतल सिंह, पूर्व कैबिनेट मंत्री अरविन्द कुमार सिंह ने महात्मा गांधी की प्रतिमा पर मार्ल्यापण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। सभा की अध्यक्षता पूर्व विधायक सरवर अली ने की।

श्री राहुल देव ने अपने सम्बोधन में आगे कहा कि समाज में हिन्दू साम्प्रदायिकता है साथ ही मुस्लिम साम्प्रदायिकता भी है। समाज में आज नहीं सदियों से यह साम्प्रदायिकता बनी हुई है। इसे स्वीकारना पड़ेगा। एक तरफा बात नहीं होनी चाहिए। दिक्कतें दोनों जगह है। ऐसे में हमें साझा रास्ता निकालना पड़ेगा। तब गांधी हमें याद आएंगे।

वरिष्ठ पत्रकार शीतल पी सिंह ने कहा कि महात्मा गांधी के विचारों का प्रमुख आधार सत्य और अहिंसा है। जिसे उन्होंने देश और दुनिया के सामने रखा। जिसे दुनिया अजूबे की तरह देखती है। गांधी जी पूरे जीवन सत्य और अहिंसा का प्रयोग करते रहे और इसी प्रयोग में उन्होंने अपनी जान दे दी। वह कभी सत्य से विचलित नहीं होते थे। अगर एक समझौता हो गया कि बंटवारे में भारत पाकिस्तान को 55 करोड़ रूपए देगा। तो पूरी नेहरू सरकार के विरोध के बाद भी वह झूठ से कहां वास्ता कर सकते थे। वैसे ही कितना मुश्किल है अहिंसक होना। गांधी जी ने हिंसायुक्त बंगाल और नोआखाली में लोगों के बीच जाकर अहिंसा का पाठ पढ़ाया। जो कारगर साबित हुआ। हमें गांधी जी के उन्हीं विचारों को आत्मसात करना है जो उनके जीवन का मूलमंत्र था।

गांधीवादी चिन्तक राजनाथ शर्मा ने कहा कि भारत एक ऐसा देश बने जिसमें गांधी दर्शन के साथ-साथ लोगों में आपसी भाईचारा और सौहार्द कायम हो। आपसी भाईचारा से ही देश चलता है। गांधी हमारे बीच अभी भी जिन्दा हैं और वो हमेशा जिन्दा रहेंगे। आज के दिन उनके शरीर की हत्या हुई थी लेकिन गांधी विचारों की हत्या कोई नहीं कर सकता। वह हमेशा जिन्दा रहेंगे।

पूर्व कैबिनेट मंत्री अरविन्द कुमार सिंह गोप ने कहा कि महात्मा गांधी ने पूरी दुनिया में भारत का सम्मान बढ़ाया। सत्य और अहिंसा के रास्ते पर चलकर देश को अंग्रेजों की दासता से मुक्त कराया। हमें गांधी जी के किसी के विचार को पढ़कर उसे आत्मसात करना चाहिए। ताकि हम अपने देश का भविष्य संवार सके।
वहीं मंगलवार की शाम आलापुर स्थित रेठ नदी पर शाम को 5 बजकर 17 मिनट पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के चित्र पर पुष्पांजलि देकर उन्हें श्रद्धांजलि दी और फिर दीपदान किया।

कार्यक्रम में प्रमुख रूप से अप्रवासी भारतीय जिया चौधरी, समाजसेवी मो उमैर किदवाई, विनय कुमार सिंह, अताउर्रहमान ‘सज्जन’, मृत्युंजय शर्मा, पाटेश्वरी प्रसाद, सभासद अश्वनी शर्मा, मो. फैसल, मो आरिफ, मो इरफान, सोनू यादव, प्रदीप मौर्या, सलाउद्दीन किदवई, अशोक शुक्ला, हुमायूं नईम खान, साकेत संत मौर्य, सत्यवान वर्मा, सईद अहमद, फहीम सिद्दीकी, वरिष्ठ पत्रकार तारिक खान, पत्रकार सतीश श्रीवास्तव, संतोष शुक्ला, विजय कुमार सिंह, वीरेन्द्र मौर्या, जाहिद हुसैन, राजेश यादव, तौसीफ अहमद आदि नगर के कई संभ्रान्त नागरिक, अधिवक्ता, समाजसेवी व पत्रकार मौजूद रहेंगे।

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